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India Daily

भारत से पंगा पड़ा महंगा; PM मोदी पर टिप्पणी के बाद मालदीव में सियासी बवंडर! जानें कैसे खतरे में मोइज्जू की कुर्सी

मालदीव बनाम लक्षद्वीप मुद्दे पर राष्ट्रपति मोइज्जू बुरी तरह घिरते जा रहे हैं. फिलहाल, चीन दौरे पर गए मालदीव के राष्ट्रपति को अपने ही देश में विरोध का सामना करना पड़ रहा है. मामले में अपडेट ये है कि अब मालदीव की एक पार्टी ने मोइज्जू सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने की तैयारी में है.

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Edited By: Om Pratap
India Maldives Face Off Preparation of no-confidence motion against Moizzu

हाइलाइट्स

  • मालदीव के उपराष्ट्रपति बोले- भारत से तत्काल मांगनी चाहिए माफी
  • मालदीव टूरिज्म एसोसिएशन ने भी मंत्रियों के बयान की आलोचना की

India Maldives Face Off Preparation of no-confidence motion against Moizzu: मालदीव बनाम लक्षद्वीप मुद्दे पर राष्ट्रपति मोइज्जू बुरी तरह घिरते जा रहे हैं. फिलहाल, चीन दौरे पर गए मालदीव के राष्ट्रपति को अपने ही देश में विरोध का सामना करना पड़ रहा है. मामले में अपडेट ये है कि अब मालदीव की एक पार्टी ने मोइज्जू सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने की तैयारी में है.

जानकारी के मुताबिक, मालदीव की डेमोक्रेटिक पार्टी के नेता अली अजीम ने मोइज्जू के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने की मांग की है. मालदीवियन डेमोक्रेटिक पार्टी (MDP) पार्टी के नेता ने कहा कि हम डेमोक्रेट, अपने देश की विदेश नीति की स्थिरता को बनाए रखने और किसी भी पड़ोसी देश के अलगाव को रोकने के लिए समर्पित हैं. अली अजीम ने अफनी पार्टी के शीर्ष नेताओं से पूछा है कि क्या वे राष्ट्रपति मुइज्जू के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने के लिए तैयार हैं?

पूर्व राष्ट्रपति के बाद पूर्व उपराष्ट्रपति और टूरिज्म एसोसिएशन ने की ये मांग

पूर्व राष्ट्रपति के बाद अब मालदीव के पूर्व उपराष्ट्रपति अहमद अदीब और मालदीव के टूरिज्म एसोसिएशन ने पीएम मोदी के खिलाफ अपने मंत्रियों के बयान की आलोचन की है. साथ ही मांग की है कि मंत्रियों को तत्काल भारत से माफी मांगनी चाहिए. मालदीव एसोसिएशन ऑफ टूरिज्म इंडस्ट्री (MATI) ने इस संबंध में बयान भी जारी किया. बयान में कहा गया है कि हम भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और वहां के लोगों से अपने मंत्रियों की ओर से दिए गए बयान के लिए माफी मांगते हैं. 

मालदीव टूरिज्म एसोसिएशन ने अपने बयान में ये भी माना कि कोरोना काल में भारत के लोगों ने ही हमारे टूरिज्म इंडस्ट्री को उबारने में मदद की थी. इसके अलावा भी कई तरह से भारत हमारी मदद करता रहा है. वहीं, पूर्व उप राष्ट्रपति ने मालदीव सरकार से अपील की है कि उसके मंत्रियों को तत्काल भारत से माफी मांगनी चाहिए. साथ ही राष्ट्रपति को इस मुद्दे को जल्द से जल्द सुलझाना चाहिए.

कैसे शुरू हुआ लक्षद्वीप-मालदीव विवाद?

पीएम मोदी की हालिया लक्षद्वीप यात्रा के बाद जब बीते 4 जनवरी को उन्होंने सोशल मडिया पर लक्षद्वीप की प्राकृतिक सुंदरता की तस्वीरें साझा करते हुए लोगों को लक्षद्वीप घूमने के लिए कहा तो उसके बाद सोशल मीडिया पर लक्षद्वीप ट्रेंड करने लगा. ये बात मालदीव के कुछ नेताओं को रास नहीं और उन्होंने पीएम मोदी की लक्षद्वीप यात्रा पर टिप्पणी कर दी, जिसके बाद मामले ने और तूल पकड़ी. आलम ये हुआ की मालदीव सरकार ने उन तीन नेताओं को मंत्री पद से बर्खास्त कर दिया जिन्होंने भारत को लेकर टिप्पणी की थी. वहीं, लक्षद्वीप गूगल पर पिछले 20 सालों में सबसे ज्यादा बार इस साल सर्च किया गया.   

कोरोना काल में भी मालदीव के लिए सहारा बना था भारत

2020 के शुरुआती महीनों में जब पूरा विश्व कोरोना महामारी से जूझ रहा था, तब भारत ने कोरोना वैक्सीन बनाने में सफलता हासिल की थी. भारत ने वैक्सीन के जरिए कई देशों की मदद की थी. इसके अलावा, भारत, मालदीव के लिए इस समय सबसे बड़ा बाजार के रूप में सामने आया. कोरोना काल में 60 हजार से अधिक भारतीय घूमने के लिए मालदीव पहुंचे. इसके बाद 2021 में ये संख्या करीब 3 लाख पहुंच गई. एक साल बाद यानी 2022 में भारत से मालदीव जाने वाले पर्यटकों की संख्या थोड़ी घटकर 2.41 लाख पहुंची. पिछले साल यानी 2023 में भारत से करीब 2 लाख पर्यटक मालदीव पहुंचे थे. 

बता दें कि कोरोना से पहले भी मालदीव के टूरिज्म को बढ़ाने में भारतीयों को योगदान था. साल 2018 में मालदीव घूमने वाले कुल पर्यटकों की संख्या 14 लाख, 84 हजार, 274 थी, जिसमें से करीब 6.1 फीसदी यानी 90 हजार 474 से अधिक टूरिस्ट भारत से थे. एक साल बाद यानी कोरोना से ठीक पहले 2019 में भारत के 1 लाख 66 हजार से अधिक सैलानी मालदीव पहुंचे थे. 

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, मालदीव की अर्थव्यवस्था काफी हद तक पर्यटन पर निर्भर है, जिसमें भारतीयों का योगदान काफी है. इसे देखते हुए मालदीव सरकार कोई रिस्क नहीं लेना चाहती थी, जिसके कारण तीनों मंत्रियों को सस्पेंड कर दिया गया. वैसे सिर्फ पर्यटन ही नहीं, कई अन्य चीजें हैं, जिसके लिए मालदीव भारत पर निर्भर है. बता दें कि मालदीव की अर्थव्यवस्था पूरी तरह से टूरिज्म पर निर्भर है. ये सरकार के राजस्व का भी सबसे बड़ा सोर्स है. टूरिज्म से मालदीव के लोगों को बड़ी संख्या में रोजगार भी मिलता है. कहा जाता है कि मालदीव के कुल रोजगार में करीब 70 फीसदी योगदान पर्यटन का है. 

इन मामलों में भारत पर निर्भर है मालदीव

टूरिज्म के अलावा मालदीव सरकार स्क्रैप, इंजीनियरिंग और इंडस्ट्रियल प्रोडक्ट (फार्मास्यूटिकल्स, रडार उपकरण, रॉक बोल्डर, सीमेंट) निर्यात करता है. एक रिपोर्ट के मुताबिक, 2021 में भारत, मालदीव का तीसरा सबसे बड़ा कारोबारी भागीदार था. इसके अलावा, मालदीव एग्रीकल्चर प्रोडक्ट (चावल, मसाले, फल, सब्जियां और पोल्ट्री) भी भारत से लेता है.