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चीन के खिलाफ भारत का 'हथियार' बनेगा जापान लेकिन कैसे? जानिए 2+2 वार्ता की पूरी कहानी

भारत और जापान ने अपने 2+2 संवाद के दौरान मौजूदा सुरक्षा चुनौतियों से निपटने के लिए सुरक्षा सहयोग पर अपने 2008 के संयुक्त घोषणापत्र को संशोधित करने पर सहमति जताई. उन्होंने क्षेत्रीय समुद्रों में चीनी आक्रामकता पर चर्चा की और तीसरे देशों के साथ संयुक्त सुरक्षा सहयोग की संभावना तलाशी. उन्होंने रूस-यूक्रेन युद्ध समेत वैश्विक मुद्दों पर भी चर्चा की और सीमा पार आतंकवाद के खिलाफ अपने रुख की फिर से पुष्टि की.

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Edited By: India Daily Live
India and Japan
Courtesy: Social Media

भारत और जापान ने वैश्विक मुद्दों पर भी चर्चा की और सीमा पार आतंकवाद के खिलाफ अपने रुख की पुष्टि की. भारत-प्रशांत महासागर में नियम-आधारित व्यवस्था के लिए अपने दृष्टिकोण सहित रणनीतिक मुद्दों पर बढ़ते अभिसरण के बीच भारत और जापान ने मंगलवार को 2+2 वार्ता के बाद जारी एक संयुक्त बयान में अभी की प्राथमिकतओं तय करने और मौजूदा सुरक्षा चुनौतियों के निपटने के लिए सुरक्षा सहयोग पर 2008 के संयुक्त घोषणापत्र को संशोधित करने पर सहमति व्यक्त की.

इस साल के अंत में वार्षिक शिखर सम्मेलन के लिए प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की जापान यात्रा के दौरान कई घोषणा कर सकते हैं. जैसा कि उन्होंने दक्षिण और पूर्वी चीन सागर में बढ़ती चीनी मुखरता पर चर्चा की भारत और जापान ने इंडो-पैसिफिक में शांति और स्थिरता के लिए तीसरे देशों के साथ सुरक्षा और रक्षा सहयोग की संभावना तलाशने पर भी सहमति व्यक्त की.

फुकुओका शहर में खुलेगा दूतावास

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि स्वतंत्र, खुला और नियम-आधारित हिंद-प्रशांत दोनों देशों के लिए सर्वोच्च प्राथमिकता है. हमने अपने संबंधित सुरक्षा और विकास सहायता के समन्वय की संभावना का पता लगाया, जहां हमारे हित मिलते हैं. उन्होंने कहा कि दोनों पक्ष सुरक्षा सहयोग के लिए एक नया ढांचा तैयार करने पर सहमत हुए. उन्होंने यह भी घोषणा की कि भारत फुकुओका शहर में एक नया वाणिज्य दूतावास खोलेगा.

 

भारत और जापान ने अपनी तीसरी 2+2 विदेशी और रक्षा औद्योगिक बैठक आयोजित की, जिसमें विदेश मंत्री एस जयशंकर और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अपने समकक्षों योको कामिकावा और मिनोरू किहारा की मेजबानी की. बैठक के बाद एक जापानी प्रवक्ता ने कहा कि दोनों पक्ष एक रसद समझौते के लिए चर्चा शुरू करने पर भी सहमत हुए, जो जापानी नौसैनिक जहाजों को भारत में मरम्मत कार्य करने की अनुमति देगा. टोक्यो से मिली रिपोर्टों के अनुसार, हालांकि भारत को स्टेल्थ नेवल शिप एंटेना के हस्तांतरण के लिए किसी सौदे की घोषणा नहीं की गई, लेकिन संयुक्त बयान में भारत द्वारा प्रस्तावित यूनिफाइड कॉम्प्लेक्स रेडियो एंटीना (यूनिकॉर्न) की खरीद के लिए की गई प्रगति पर संतोष व्यक्त किया गया.

रूस-यूक्रेन युद्ध पर भी बात हुई

रूस-यूक्रेन युद्ध सहित प्रमुख क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर भी बातचीत हुई. मंत्रियों ने संयुक्त राष्ट्र चार्टर के सिद्धांतों पर आधारित नियम-आधारित अंतर्राष्ट्रीय व्यवस्था को बनाए रखने और मजबूत करने राष्ट्रीय संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता के सम्मान और बल प्रयोग या धमकी का सहारा लिए बिना विवादों के शांतिपूर्ण समाधान के लिए अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि की. उन्होंने सभी देशों को यथास्थिति को एकतरफा बदलने के किसी भी प्रयास से बचने की आवश्यकता पर बल दिया. जबकि मंत्रियों ने 2019 में पहले 2 + 2 संयुक्त बयान के विपरीत, पाकिस्तान का नाम नहीं लिया, उन्होंने स्पष्ट रूप से सीमा पार आतंकवाद की निंदा की और 26/11 मुंबई, पठानकोट और अन्य हमलों के अपराधियों को न्याय के कटघरे में लाने का आह्वान किया.

आतंकवाद के खिलाफ ठोस कदम उठाने पर सहमति

संयुक्त बयान में सब ने एकसाथ अलकायदा, आईएसआईएस/दाएश, लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी), जैश-ए-मुहम्मद और उनके प्रॉक्सी समूहों सहित सभी संयुक्त राष्ट्र-सूचीबद्ध आतंकवादी समूहों के खिलाफ ठोस कार्रवाई करने और आतंकवादियों के सुरक्षित ठिकानों को खत्म करने, आतंकवादियों के वित्तपोषण चैनलों को खत्म करने और आतंकवादियों की सीमा पार आवाजाही को रोकने के लिए दृढ़ कार्रवाई करने का आह्वान किया.