India Iran Relation: भारत और ईरान के बीच चाबहार पोर्ट को लेकर बड़ा समझौता हो गया है. इस समझौते को भारत के दुश्मन देशों चीन और पाकिस्तान के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है. ईरान और भारत ने सोमवार को चाबहार पोर्ट के विकास के लिए समझौता कर लिया. इस डील को फाइनल टच देने के लिए शिपिंग मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ईरान पहुंचे थे.इस डील के कारण भारत अगले दस सालों तक रणनीतिक तौर पर चाबहार पोर्ट पर नियंत्रण रखेगा. दोनों देशों ने इसके लिए एक एमओयू पर साइन किया है.
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, समझौते के दौरान भारतीय मंत्री सोनोवाल के साथ ईरान के रोड एंड डेवलेपमेंट मिनिस्टर मेहरदाद बजरपाश भी मौजूद रहे. भारत के पास इस समझौते के तहत चाबहार के शाहिद बेहिश्ती बंदरगाह के सामान्य कार्गो शिप और कंटेनर टर्मिनलों के संचालन पर भारत का अधिकार होगा.
#WATCH | Union Minister of Ports, Shipping and Waterways Sarbananda Sonowal says, " Under the leadership of PM Modi, the momentous agreement that began on 23rd May, 2016, is culminating today into a long term contract, symbolising the enduring trust and depending partnership… https://t.co/uoV2yeUYVg pic.twitter.com/qDMSxxbwcC
— ANI (@ANI) May 13, 2024
भारत और ईरान के बीच इस समझौते को ईरान और मिडिल एशिया में बड़ी भूराजनीतिक पहुंच के रूप में देखा जा रहा है. यह पहली बार होगा जब विदेशी धरती पर भारत किसी पोर्ट का प्रबंधन अपने हाथ में लेगा. चाबहार पोर्ट के माध्यम से भारत की तेहरान और मध्य एशिया, यूरेशियन क्षेत्र में कनेक्टिविटी और मजबूत हो जाएगी.
चाबहार पोर्ट प्रोजेक्ट को पीएम मोदी की महत्वकांक्षी परियोजना माना जाता है. भारत और ईरान ने साल 2016 में चाबहार पोर्ट को विकसित करने के लिए एक समझौता किया था. इसके बाद साल 2018 में जब तत्काल ईरान के राष्ट्रपति हसन रोहानी भारत की यात्रा पर आए थे तब इसकी भूमिका पर एक लंबी चर्चा हुई थी.