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India Daily

भारत ने पनामा के साथ की बातचीत, अमेरिका से निर्वासित प्रवासियों की राष्ट्रीयता पर चर्चा

अमेरिका द्वारा सैकड़ों अवैध प्रवासियों को पनामा भेजे जाने के बाद, जिनमें कुछ भारतीय नागरिक भी शामिल हैं, भारत ने शुक्रवार को जानकारी दी कि वह उन व्यक्तियों की राष्ट्रीयता की पुष्टि के लिए संबंधित अधिकारियों के साथ संवाद कर रहा है, जो भारतीय होने का दावा किया गया है.

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Edited By: Ritu Sharma
Indian Migrants
Courtesy: Social Media

Indian Migrants: अमेरिका द्वारा पनामा में सैकड़ों अवैध प्रवासियों को निर्वासित किए जाने के बाद, जिनमें कथित भारतीय नागरिक भी शामिल हैं, भारत सरकार ने उनकी राष्ट्रीयता की पुष्टि के लिए आवश्यक कदम उठाए हैं. विदेश मंत्रालय ने शुक्रवार को कहा कि वह पनामा के अधिकारियों के साथ मिलकर यह सुनिश्चित कर रहा है कि जिन लोगों की पहचान भारतीय नागरिकों के रूप में की गई है, उन्हें स्वदेश लौटने के लिए आवश्यक यात्रा दस्तावेज प्रदान किए जाएंगे.

अमेरिका का 'ब्रिज' समझौता

आपको बता दें कि भारत सरकार ने यह भी स्पष्ट किया कि अमेरिका ने पनामा और कोस्टा रिका सहित कुछ देशों के साथ एक 'ब्रिज' समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं, जिसके तहत निर्वासित प्रवासियों को इन देशों में भेजा जा रहा है. इसी समझौते के तहत, पिछले सप्ताह अमेरिका ने भारत, नेपाल, श्रीलंका, पाकिस्तान, अफगानिस्तान, चीन और ईरान जैसे देशों के लगभग 300 प्रवासियों को पनामा भेजा था. इनमें से कुछ को डेरियन जंगल के पास एक दूरस्थ सुविधा में रखा गया है.

भारतीय दूतावास की प्रतिक्रिया

वहीं पनामा स्थित भारतीय दूतावास ने गुरुवार को पुष्टि की कि अमेरिका से निर्वासित भारतीय नागरिक सुरक्षित हैं और स्थानीय प्रशासन ने दूतावास को उनसे संपर्क करने की अनुमति दी है. भारतीय दूतावास ने X (ट्विटर) पर जानकारी साझा करते हुए लिखा, ''पनामा के अधिकारियों ने सूचित किया है कि भारतीय नागरिक अमेरिका से पनामा पहुंच गए हैं. वे सभी आवश्यक सुविधाओं के साथ एक होटल में सुरक्षित हैं. दूतावास की टीम ने कांसुलर एक्सेस प्राप्त कर लिया है और हम उनकी भलाई सुनिश्चित करने के लिए स्थानीय सरकार के साथ मिलकर काम कर रहे हैं.''

भारत ने मानवाधिकारों का मुद्दा उठाया

बताते चले कि भारत सरकार ने अमेरिका के समक्ष निर्वासित प्रवासियों के साथ मानवीय व्यवहार की जरूरत को प्रमुखता से उठाया था. सरकार ने विशेष रूप से यह सुनिश्चित किया कि 15 और 16 फरवरी को अमृतसर पहुंचने वाली दो निर्वासन उड़ानों में महिलाओं और बच्चों के साथ कोई अमानवीय व्यवहार न किया जाए और न ही उन्हें हथकड़ी या बेड़ियां पहनाई जाएं.

इसके अलावा, भारत सरकार पनामा में फंसे प्रवासियों की राष्ट्रीयता सत्यापित करने और उन्हें सुरक्षित रूप से वापस लाने के लिए प्रयासरत है. इस घटनाक्रम ने अमेरिका के नए निर्वासन नियमों और प्रवासियों के मानवाधिकारों से जुड़े मामलों को एक बार फिर से सुर्खियों में ला दिया है.