लेबनान में तनाव, भारत ने संयुक्त राष्ट्र में बढ़ाया हाथ...इजरायल के लिए रुख साफ?

लेबनान में बढ़ते तनाव के बीच भारत ने संयुक्त राष्ट्र शांति सैनिकों के लिए अपना समर्थन जताया है. इसी के साथ भारत इजरायली सेना की कार्रवाई के खिलाफ खड़ा हो गया है. अब भारत ने इजरायली सेना की कार्रवाई के खिलाफ अपना रुख साफ कर दिया है. हाल ही में भारत ने दक्षिणी लेबनान में बढ़ते संघर्ष और उसमें फंसे संयुक्त राष्ट्र शांति सैनिकों की सुरक्षा को लेकर अपनी चिंता जाहिर की है.

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इजरायल-लेबनान सीमा पर बिगड़ती सुरक्षा स्थिति पर चिंता जताने के एक दिन बाद ही भारत लेबनान में संयुक्त राष्ट्र अंतरिम बल में सेना का योगदान देने वाले देशों में शामिल हो गया है. इसी के साथ भारत इजरायली सेना की कार्रवाई के खिलाफ खड़ा हो गया है. अब भारत ने इजरायली सेना की कार्रवाई के खिलाफ अपना रुख साफ कर दिया है.

संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी मिशन ने सोशल मीडिया एक्स पर एक पोस्ट में कहा, 'भारत जो एक प्रमुख सैन्य योगदानकर्ता देश है, 34 यूएनआईएफआईएल सैन्य योगदानकर्ता देशों द्वारा जारी संयुक्त बयान के साथ खड़ा है. शांति सैनिकों की सुरक्षा पहले है और इसे मौजूदा यूएनएससी प्रस्तावों के तहत सुनिश्चित किया जाना चाहिए.'

संयुक्त राष्ट्र अंतरिम बल में भारत ने दिया योगदान

दरअसल बीते शुक्रवार को इजरायली सेना की ओर से दी गई जानकारी में कहा गया कि दक्षिण लेबनान के नकौरा में उनके वॉचटावर के पास एक इजरायली हमले में श्रीलंका के दो संयुक्त राष्ट्र शांति सैनिक घायल हो गए. 48 घंटों के भीतर दूसरी बार है जब इस क्षेत्र में शांति सैनिकों के मुख्य बेस पर विस्फोट हुआ. यूनिफिल बल ने इस घटना को गंभीर बताया हुए कहा है कि संयुक्त राष्ट्र कर्मियों और संपत्ति की सुरक्षा की गारंटी दी जानी चाहिए.

यूनिफिल बल में दूसरे नंबर पर भारतीय सैनिकों की संख्या

बता दें कि यूनिफिल बल में 10,000 से अधिक शांति सैनिक शामिल हैं, जो कई देशों से आते हैं. इसमें दूसरे नंबर पर भारतीय सैनिकों की संख्या सबसे अधिक है. जिसमें करीब 900 सैनिक सेवा दे रहे हैं. दरअसल पिछले एक साल में हमास और हिजबुल्लाह के खिलाफ इजरायल की कार्रवाइयों पर भारत ने संतुलन बनाए रखा था लेकिन अब भारत ने इजरायल के खिलाफ कड़ा रुख अपना लिया है.

क्या है ब्लू लाइन?

शुक्रवार को भारत ने दक्षिणी लेबनान में बढ़ते संघर्ष और उसमें फंसे संयुक्त राष्ट्र शांति सैनिकों की सुरक्षा को लेकर अपनी चिंता जाहिर की. भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा, 'हम ब्लू लाइन पर बिगड़ती सुरक्षा स्थिति से चिंतित हैं और स्थिति पर करीबी नजर रख रहे हैं. ब्लू लाइन, संयुक्त राष्ट्र द्वारा मान्यता प्राप्त वह सीमांकन रेखा है जो दक्षिणी लेबनान से इजरायली सेना की वापसी को दर्शाती है लेकिन यह आधिकारिक अंतरराष्ट्रीय सीमा नहीं है.' आगे भारत के विदेश मंत्रालय ने कहा, 'सभी को संयुक्त राष्ट्र परिसरों की अखंडता का सम्मान करना चाहिए और शांति सैनिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए उचित कदम उठाने चाहिए.'

वहीं इजरायली सैन्य कार्रवाइयों का बचाव करते हुए भारत में इजरायल के राजदूत रूवेन अजार ने कहा कि हिजबुल्लाह शांति सैनिकों को ढाल के रूप में इस्तेमाल कर, यूनिफिल चौकियों के पास से इजरायल पर गोलीबारी कर रहा है. उन्होंने कहा कि इजरायल शांति सैनिकों की सुरक्षा के लिए कदम उठाता रहेगा और सभी जिम्मेदार देशों के साथ समन्वय करेगा.