India China Relationship: चाइना और भारत के बीच चल रहे लंबे विवाद के बीच ड्रैगन थोड़ा नरम पड़ गया है. हालांकि, नई दिल्ली के तेवर में गर्मी बरकरार है. चीन ने लंबे समय से बंद यात्रा विमान सेवा को शुरू करने की मांग भारत के सामने रखी है. इसपर इंडिया ने प्रतिबंध को बरकरार रखने का फैसला लिया है. जानकारी के अनुसार भारत ने सीमा विवाद के साथ विमान सेवा की संभावना को नकार दिया है. भारत की ओर से गलवान घाटी में हुई झड़प के समय सीधी यात्री फ्लाइट बंद हैं. हालांकि, इस दौरान कार्गो विमान चलते रहे हैं.
न्यूज एजेंसी राउटर से बात करते हुए एक चीनी अधिकारी ने कहा था कि हमें उम्मीद है कि भारत सीधी उड़ानों को जल्द शुरू करने के लिए चीन के साथ काम करेगा. ये दोनों देशों के हित में है. वहीं इस मामले पर भारतीय अधिकारी ने कहा कि जब तक सीमा पर विवाद रहता है रिश्ते कैसे सुधार सकते हैं.
पिछले एक साल में चीन की सरकार और एयरलाइंस ने भारत के सीधे हवाई संपर्क फिर से स्थापित करने के लिए बार संपर्क किया है. जानकारों ने बताया कि चीन इसे "बड़ा मुद्दा" मानता है. चीन के विदेश मंत्रालय ने भारत से उड़ानों को लेकर उम्मीद जताई है.
भारत के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बीजिंग की उड़ानें की इच्छा के बारे में जवाब दिया है. उन्होंने कहा है कि जब तक सीमा पर शांति और स्थिरता नहीं होगी, तब तक बाकी संबंध आगे नहीं बढ़ सकते.
जानकारी के अनुसार, चीन चार साल के बाद अब भारत से सीधी यात्री उड़ानें शुरू करने के लिए मांग रख रहा है. रॉयटर्स की रिपोर्ट के अनुसार, गलवान घाटी की झड़प के बाद नई दिल्ली ने चीनी कंपनियों का भारत में निवेश करना मुश्किल बना दिया है. कई ऐप के साथ ही कुछ अन्य सामग्रियों पर बैन लगा दिया गया था. हालांकि, इस बीच सीधी कार्गो उड़ानें संचालित होती रही है.
विमान सेवा दोनों देशों के लिए लाभकारी है. हालांकि, कोरोना के बाद टूटी चाइना की कमर के लिए ये मरहम हो सकता है. इसलिए वो लगातार इसके लिए कोशिश कर रहा है. कोरोना के बाद भारत की विमान सेवा तेजी से बढ़ी है. कहीं न कहीं इसे देखकर भी चाइना का मन ललचा रहा है. वहीं भारत अपने सीमा सुरक्षा की प्रतिबद्धता के कारण इस मांग से फिलहाल किनारा कर रहा है.
चाइना ने उसकी कंपनियों के खिलाफ चल जांच पर बार-बार विरोध किया है. इसमें कई स्मार्टफोन दिग्गज भी शामिल है. 2019 में भारत-चीन के बीच करीब 539 उड़ानें थी. एविएशन एनालिटिक्स फर्म सिरियम के डेटा के अनुसार ये चरम पर था. इसमें 371 उड़ानें चीनी एयरलाइनों की तथा 168 उड़ाने भारतीय कंपनियों की थी. इनके बंद होने से चाइना और भारत के बीच सफर हांगकांग के रास्ते होता है. इस कारण चाइनीज व्यापारियों को ये महंगा पड़ रहा है.