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चीन का टूटेगा तिलिस्म, ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट में भारत को लेकर बड़ा खुलासा 

Bloomberg Report: ब्लूमबर्ग के आर्थिक विश्लेषण ने जिनपिंग सरकार की चिंताओं को बढ़ा दिया है. रिपोर्ट के अनुसार, भारत कुछ सालों के भीतर ही चीन को आर्थिक वृद्धि के मामले में पीछे छोड़ देगा.

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Edited By: India Daily Live
 India Can snatch Growth Crown from China

Bloomberg Report: भारत चीन को आने वाले कुछ सालों के भीतर काफी पीछे छोड़कर दुनिया की नई आर्थिक शक्ति बनने का तमगा हासिल कर लेगा. ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक, भारत अगले कुछ वर्षों में वैश्विक आर्थिक विकास  के रूप में चीन से काफी आगे निकल सकता है. ब्लूमबर्ग इकोनॉमिक्स विश्लेषण के अनुसार, 2028 की शुरुआत में भारत क्रय शक्ति समानता (PPP) के आधार पर वैश्विक वृद्धि में नंबर एक योगदानकर्ता का खिताब हासिल कर सकता है. पीपीपी वस्तुओं और सेवाओं की लागत में अंतर को समायोजित करके देशों के बीच आर्थिक उत्पादकता और जीवन स्तर की तुलना करता है.

ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन की 17.8 ट्रिलियन डॉलर की विशाल अर्थव्यवस्था धीमी आर्थिक रफ्तार का सामना कर रही है. बीजिंग कोविड-19 महामारी से उबरने के लिए लगातार संघर्षरत है साथ ही अमेरिका और उसके सहयोगियों से आर्थिक दबाव का भी सामना कर रहा है. ब्लूमबर्ग के मुताबिक, पश्चिमी देशों की सरकारें बीजिंग को एक अच्छे पार्टनर के बजाए उसे एक प्रतिद्वंद्वी के रूप में देख रही है. 

रिपोर्ट के अनुसार, इस दशक के अंत तक चीन की आर्थिक वृद्धि धीमी होकर 3.5 फीसदी के आस-पास रह सकती है . यह पिछले साल में 5.2 फीसदी की रफ्तार से बढ़ रही थी. चीनी अर्थव्यवस्था की धीमी प्रवृत्ति देखते हुए दुनियाभर के देश और दिग्गज कंपनियां अपना इंफ्रास्ट्रक्चर वहां से समेट रही हैं और भारत के प्रति आकर्षित हो रही हैं. इस दौरान भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में से एक है. भारत ने एक साल पहले ही दुनिया के सबसे अधिक आबादी वाले देश के रूप में अपने उत्तर-पूर्वी पड़ोसी देश चीन को पीछे छोड़ दिया था. भारत की 1.4 अरब लोगों की आबादी आर्थिक वृद्धि की दिशा में एक अहम कारक साबित होगी. 

ब्लूमबर्ग ने अपने विश्लेषण में कहा कि 31 मार्च को समाप्त हुए वित्तीय वर्ष के दौरान भारत की आर्थिक वृद्धि 7.6 फीसदी के अनुमानित स्तर को पीछे छोड़ते हुए 9 फीसदी के स्तर तक पहुंच सकती है. अर्थव्यव्स्था के रॉकेट जैसी रफ्तार से आगे बढ़ने में इलेक्ट्रानिक्स और विमानन क्षेत्र की अहम भूमिका होगी. भारत की बड़ी युवा आबादी उन कारकों में से एक है जो आर्थिक विकास को तेज गति से संचालित करेंगे. 

रिपोर्ट में उन बातों को भी रेखांकित किया गया है कि चीन को पीछे छोड़ने के लिए भारत को अपने बुनियादी ढांचे और नौकरशाही के स्तर को भी सुधारना होगा. इसके अलावा कुशल कार्यबल की एक बड़ी फौज तैयार करनी होगी. भारत इस समय दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है जिसका लक्ष्य 2047 तक विकसित भारत बनने का है.