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India Daily

PM Modi Meet Muhammad Yunus: बैंकॉक में PM मोदी और बांग्लादेश के मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस की अहम बातचीत, 40 मिनट तक चली चर्चा

PM Modi Meet Muhammad Yunus: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को बांग्लादेश के मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस से बातचीत की, जो पहले थाईलैंड के बैंकॉक में द्विपक्षीय बैठक के लिए अनुरोध कर चुके थे.

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Edited By: Ritu Sharma
PM Modi Meet Muhammad Yunus
Courtesy: Social Media

PM Modi Meet Muhammad Yunus: छठे बिम्सटेक शिखर सम्मेलन के दौरान थाईलैंड के बैंकॉक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बांग्लादेश के मुख्य सलाहकार मुहम्मद यूनुस से पहली बार मुलाकात की. यह द्विपक्षीय बैठक ऐसे समय में हुई है जब ढाका ने मतभेद सुलझाने हेतु बिम्सटेक सम्मेलन के दौरान द्विपक्षीय बातचीत का अनुरोध किया था, हालांकि मोदी के थाई कार्यक्रम में इस बैठक का उल्लेख नहीं था.

तनावपूर्ण माहौल में हुई मुलाकात

बता दें कि बांग्लादेश में हाल ही में हुई तख्तापलट की घटनाओं, हिंदू अल्पसंख्यकों के खिलाफ हिंसा और भारत द्वारा शेख हसीना को शरण देने के फैसले ने दोनों देशों के संबंधों में तनाव पैदा कर दिया था. चीन में बोआओ फोरम फॉर एशिया (BFA) के वार्षिक सम्मेलन के दौरान यूनुस द्वारा भारत के पूर्वोत्तर राज्यों पर की गई टिप्पणी ने भी द्विपक्षीय रिश्तों पर और प्रभाव डाला. इस संदर्भ में, मोदी और यूनुस की बैठक विशेष महत्व की हो गई है.

40 मिनट की बातचीत में क्या चर्चा हुई?

वहीं डिनर के दौरान आयोजित इस 40 मिनट की बैठक में कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा हुई. दोनों पक्षों ने क्षेत्रीय सुरक्षा, आर्थिक सहयोग और द्विपक्षीय मतभेदों के समाधान की दिशा में कदम उठाने पर बल दिया. इस बैठक में खास तौर पर उन मुद्दों पर भी बातचीत हुई जो हाल ही में बांग्लादेश में शेख हसीना की शरण लेने से जुड़े हैं.

बता दें कि कई रिपोर्टों में यह भी आया था कि यूनुस ने दावा किया है, 'ढाका ने कानूनी मुकदमे का सामना करने के लिए हसीना के प्रत्यर्पण की मांग करते हुए भारत को औपचारिक पत्र भेजे,' लेकिन नई दिल्ली से इस पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई. यह बैठक दोनों देशों के बीच पहले उच्च स्तरीय संवाद के रूप में इतिहास रच सकती है, जिससे पुराने मतभेदों को सुलझाने में मदद मिलेगी.

आगे की राह

बहरहाल, इस मुलाकात ने क्षेत्रीय स्थिरता और सुरक्षा पर एक नई दिशा की ओर संकेत किया है. दोनों पक्षों के बीच खुलकर बातचीत से आशा जताई जा रही है कि द्विपक्षीय संबंधों में मौजूद तनाव को कम करके सहयोग और समझ को बढ़ावा मिलेगा.