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India Daily
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ईरान - पाकिस्तान तनाव पर भारत और चीन किसके साथ, जानें दोनों देशों का रुख

Indo-China Reaction on Iran Airstrike Over Pakistan: ईरान और पाकिस्तान के बीच जारी तनाव के बीच भारत और चीन ने प्रतिक्रिया दी है. गुरुवार को पाकिस्तान ने ईरान पर पलटवार करते हुए एयरस्ट्राइक की है.

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Shubhank Agnihotri
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हाइलाइट्स

  • भारत ने बताया दोनों देशों का आपसी मामला
  • चीन ने दी संयम बरतने की सलाह

Indo-China Reaction on Iran Airstrike Over Pakistan: दुनिया युद्ध के गंभीर परिणाम पहले से ही झेल रही है. रूस-यूकेन युद्ध लगभग दो सालों से जारी है. दूसरी ओर इजराल हमास वॉर को भी 100 से ज्यादा दिन हो चुके हैं. इस सबके बीच अब दो इस्लामिक देश ईरान और पाकिस्तान आमने-सामने हैं. आपको यहां एक तथ्य स्पष्ट कर दें फिलहाल दोनों देशों के बीच युद्ध जैसी स्थिति तो नहीं है लेकिन दोनों देशों के संबंधों में तनाव जरूर चरम पर पहुंच गया है. 

मंगलवार को ईरान की ओर से पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत में मिसाइल और ड्रोन्स के जरिए हमला किया गया. ईरान ने इसे जहां आंतकी ठिकानों पर कार्रवाई का नाम दिया तो पाकिस्तान ने इसे अपनी संप्रभुता का उल्लंघन माना. इसके बदले में तेहरान को गंभीर परिणाम भुगतने की चेतावनी भी दे डाली. गुरुवार सुबह पाकिस्तान एयरफोर्स ने भी पलटवार करते हुए ईरान पर एयरस्ट्राइक कर दी. दोनों देशों की कार्रवाई में अब तक 11 लोगों की मौत हो चुकी है. इन सबके बीच भारत और पाकिस्तान के आयरन ब्रदर चीन ने प्रतिक्रिया दी है. आइए जानते हैं इन दोनों देशों ने इस मसले पर क्या कहा.

भारत ने बताया दोनों देशों का आपसी मामला 

भारत ने आतंकवाद के खिलाफ अपनी जीरो टॉलरेंस की नीति को दोहराते हुए इस पूरे मामले को ईरान और पाकिस्तान का अंदरूनी मामला करार दिया. विदेश मंत्रालय के स्पोक्सपर्सन जायसवाल ने कहा कि यह दोनों देशों के बीच का आंतरिक मामला है. भारत अपनी आतंक के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति पर कायम है. 

चीन ने दी संयम बरतने की सलाह

चीन ने बीते दो दिनों में उपजे दोनों देशों के मध्य तनाव को कम करने की सलाह दी है. बीजिंग ने कहा है कि दोनों देशों को संयम और शांति से काम लेना चाहिए. दोनों देशों के बीच तनाव ने चीन को संकट में डाल दिया है कि वह किसका पक्ष ले. आपको बता दें कि चीन पाकिस्तान का पारंपरिक और पुराना साथी है. वहीं, बीजिंग की हालिया समय में तेहरान के साथ साझेदारी मजबूत हुई है. चीन इन देशों के माध्यम से पश्चिम एशिया में अपनी पकड़ को मजबूत करना चाहता है.