तालिबान-पाकिस्तान के बीच भीषण जंग शुरू, बदला लेने की खाई कसम, 19 सैनिकों को उतारा मौत के घाट
तालिबान और पाकिस्तान के बीच भीषण जंग शुरू हो गई है. कुछ दिन पहले पाकिस्तान ने तालिबान पर हमला किया था जिसमें उसके 46 नागरिकों की मौत हो गई थी. अब तालिबान ने इस हमले का बदला लेने की कसम खाई है. खबर है कि तालिबान ने पाकिस्तान पर हमला कर उसके 19 सैनिकों को मौत के घाट उतार दिया है.
तालिबान और पाकिस्तान के बीच भीषण जंग शुरू हो गई है. कुछ दिन पहले पाकिस्तान ने तालिबान पर हमला किया था जिसमें उसके 46 नागरिकों की मौत हो गई थी. अब तालिबान ने इस हमले का बदला लेने की कसम खाई है. खबर है कि तालिबान ने पाकिस्तान पर हमला कर उसके 19 सैनिकों को मौत के घाट उतार दिया है. अफगानी मीडिया ने यह जानकारी दी है. दोनों देशों के बीच यह जंग अफगानिस्तान के पूर्व खोस्त और पक्तिया प्रांतों में हो रही है जो पाकिस्तान की सीमा से सटे हैं.
पाकिस्तानी चौकियों को किया तबाह
बताया जा रहा है कि तालिबानी लड़ाकों ने खोस्त प्रांत के अली शिर जिले में कई पाकिस्तानी सैन्य चौकियों को आग के हवाले कर दिया और पक्तिया प्रांत के डंड-ए-पतन जिले में दो पाकिस्तानी चौकियों पर कब्जा कर लिया. पाकिस्तानी सैनिकों ने भी तालिबानी हमले का जवाब देने की कोशिश की जिसकी वजह से तीन अफगान नागरिकों की मौत हो गई.
तालिबान का बयान और पाकिस्तान की प्रतिक्रिया
तालिबान के प्रवक्ता एनायतुल्ला खावरज़मी ने कहा कि "हमले उस काल्पनिक रेखा के पार किए गए, जो उन स्थानों और ठिकानों को निशाना बनाने के लिए थे, जिनका इस्तेमाल अफगानिस्तान में हमले करने और हमलों की योजना बनाने वाले तत्वों द्वारा किया जाता था." हालांकि, तालिबान ने इस क्षेत्र को पाकिस्तान की भूमि मानने से इनकार किया है और कहा कि यह केवल 'काल्पनिक रेखा' के पार था.
पाकिस्तान द्वारा एयर स्ट्राइक के बाद तालिबान का यह हमला अफगानिस्तान और पाकिस्तान के बीच तनाव का नया संकेत है. यह हमला अफगानिस्तान में जारी संघर्ष और सीमाओं पर विवाद के संदर्भ में विशेष महत्व रखता है, क्योंकि तालिबान और पाकिस्तान के बीच पहले से ही संबंधों में खटास रही है.
पाकिस्तान और तालिबान के बीच बढ़ती तल्खियां
पाकिस्तान ने हमेशा तालिबान को समर्थन दिया है, और 2021 में तालिबान के फिर से अफगानिस्तान पर काबिज होने के बाद पाकिस्तान ने इसका स्वागत किया था. हालांकि, तालिबान के सत्ता में आने के बाद से पाकिस्तान के लिए यह उम्मीद से कहीं अधिक जटिल हो गया है. तालिबान ने अपनी सत्ता के बाद धीरे-धीरे पाकिस्तान पर निर्भरता कम करने की कोशिश की है, जिससे पाकिस्तान को चिंता हो रही है.
तालिबान ने पाकिस्तान पर अपने जटिल संबंधों को लेकर कई बार नाराजगी जताई है, जबकि पाकिस्तान ने अफगानिस्तान में आतंकवादी समूहों के गठन और उनका समर्थन करने के आरोपों का सामना किया है. दोनों देशों के बीच की इन जटिलताओं ने क्षेत्रीय स्थिरता को प्रभावित किया है और यह संकेत देता है कि भविष्य में दोनों देशों के रिश्तों में और अधिक तनाव हो सकता है.
सीमा विवाद और इसके परिणाम
यह हमला पाकिस्तान द्वारा अफगानिस्तान में लक्षित हमलों के बाद हुआ है, और इसका असर न केवल दोनों देशों के बीच सीमा विवाद पर पड़ेगा, बल्कि पूरे क्षेत्र की सुरक्षा स्थिति पर भी इसका प्रभाव होगा. सीमा पर स्थित कड़ी सुरक्षा और आपसी आरोप-प्रत्यारोपों ने इस मामले को और जटिल बना दिया है.
यह संघर्ष केवल पाकिस्तान और अफगानिस्तान के लिए ही नहीं, बल्कि क्षेत्रीय शक्तियों और वैश्विक सुरक्षा के दृष्टिकोण से भी गंभीर हो सकता है. दोनों देशों के बीच सीमा विवाद और आतंकवाद पर तनाव इस स्थिति को और अधिक जटिल बनाता है, जिससे पूरी दुनिया की निगाहें इन घटनाओं पर होंगी.