ब्रिटेन के हाउस ऑफ कॉमन्स में मंगलवार (3 फरवरी) को रमजान के मौके पर ऐतिहासिक इफ्तार समारोह का आयोजन किया गया. इस इफ्तार में इमाम ने अरबी और अंग्रेजी दोनों भाषाओं में सभा को संबोधित किया. इस ऐतिहासिक मौके पर ब्रिटिश प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर भी मौजूद थे, जिन्होंने कहा कि ब्रिटेन में मुसलमानों को खासतौर पर गाज़ा में जारी संघर्ष के कारण कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है.
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, ब्रिटेन के पीएम कीर स्टार्मर ने कहा, "मैं जानता हूं कि यह ब्रिटेन में मुसलमानों के लिए एक कठिन समय रहा है, खासकर गाजा संघर्ष और फिलिस्तीनियों के दुखों के कारण है. इस दौरान प्रधानमंत्री ने मुस्लिम समुदाय के साथ एकजुटता व्यक्त करते हुए उनके योगदान के लिए धन्यवाद भी दिया.
Honoured to receive such hospitality and generosity at an iftar this week during the holy month of Ramadan.
— Keir Starmer (@Keir_Starmer) March 30, 2024
It was a pleasure to pay tribute to the enormous contribution British Muslims make to our national life. pic.twitter.com/g416pkySAG
यह इफ्तार समारोह "द बिग इफ्तार" के नाम से आयोजित किया गया था, जिसे ब्रिटिश मुसलमानों पर संसद के सभी दलों की ग्रुप द्वारा 4 मार्च 2025 को आयोजित किया गया. यह आयोजन पारंपरिक रूप से स्पीकर के हाउस में आयोजित किया जाता रहा है, लेकिन इस बार इसे एक नई दिशा में आयोजित किया गया. इस अवसर पर प्रधानमंत्री स्टार्मर ने एकता के महत्व को देखते हुए कहा, "विशेष रूप से कठिनाइयों के समय में ब्रिटिश मुसलमान हर समुदाय में अपना योगदान देते हैं, और इन योगदानों को पहचानना और मनाना आवश्यक है.
इस दौरान प्रधानमंत्री ने सांसदों और मुस्लिम समुदाय के अन्य सदस्यां के साथ मिलकर रोजा खोला, जो रमजान के पहले दिन, 1 मार्च के बाद का पहला इफ्तार था.
ब्रिटेन के विंडसर कास्टल में 2 मार्च 2025 को एक और ऐतिहासिक इफ्तार आयोजन हुआ था. यह कास्टल की 1,000 साल की ऐतिहासिक यात्रा में पहला मौका था, जब सार्वजनिक इफ्तार समारोह आयोजित किया गया, सेंट जॉर्ज हॉल में 350 से ज्यादा मेहमानों ने एक साथ इफ्तार किया, जिससे यह एक महत्वपूर्ण सांस्कृतिक समावेशिता का प्रतीक बन गया. इस आयोजन ने ब्रिटेन के सबसे ऐतिहासिक शाही निवास में रमजान की पवित्र परंपरा का पालन करने का एक अनूठा अवसर प्रदान किया.
लीड्स स्थित एज एनालिटिक्स द्वारा हाल ही में किए गए एक रिसर्च के अनुसार, लंदन में अवैध प्रवासियों का मुद्दा एक गंभीर संकट बनता जा रहा है. एक रिपोर्ट के अनुसार, लंदन में अवैध प्रवासियों की संख्या 3,90,355 से 5,85,533 तक हो सकती है, और इसका औसत अनुमान 4,87,944 है. इसका मतलब ये है कि लंदन के हर बारहवें निवासी के पास कानूनी अनुमति नहीं है, जो एक बड़ी चिंता का कारण बन रहा है.।
अफ्रीका और मध्य पूर्व से यूरोप, विशेष रूप से ब्रिटेन में शरण लेने आए प्रवासियों की संख्या में वृद्धि ने एक संकट को जन्म दिया है. माइग्रेशन वॉच यूके के अनुसार, अस्थिर प्रवासियों और शरणार्थियों की भारी संख्या से आतंकवादी हमलों और सांप्रदायिक हिंसा की संभावना बढ़ सकती है.
हाल ही में पाकिस्तानियों से जुड़ी ग्रूमिंग गैंग्स की रिपोर्ट्स सामने आई हैं, जिससे ब्रिटेन में सार्वजनिक सुरक्षा, सामाजिक एकजुटता और कानून प्रवर्तन के मुद्दों पर और भी चिंताएं उभर रही हैं.