जेल में बंद पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने 8 फरवरी को अपनी पार्टी के प्रस्तावित विरोध प्रदर्शन से पहले उच्चतम न्यायालय से अनुरोध किया कि वह पाकिस्तानी नागरिकों के मूल अधिकारों की रक्षा के लिए अपने संवैधानिक अधिकारों का प्रयोग करे. प्रधान न्यायाधीश याह्या अफरीदी और न्यायमूर्ति अमीनुद्दीन को लिखे एक पत्र में खान ने कथित मानवाधिकार हनन, चुनावी धोखाधड़ी और अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारी को रेखांकित किया.
‘द एक्सप्रेस ट्रिब्यून’ की रिपोर्ट के अनुसार, 349 पृष्ठों के पत्र में अधिकारों के हनन के आरोपों का विवरण शामिल है, विशेष रूप से 26 नवंबर 2024 के आसपास की घटनाएं, जब उनकी पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ ने इस्लामाबाद और देश के अन्य हिस्सों में हिंसक विरोध प्रदर्शन किया था.
न्यायालय का कर्तव्य है कि वह हस्तक्षेप करे...
खान ने अपने पत्र में कहा, ‘‘जब सभी सरकारी एजेंसियां, जिन्हें जीवन, स्वतंत्रता और लोकतंत्र की रक्षा के लिए शक्ति का प्रयोग करने के वास्ते कानून द्वारा अधिकृत किया गया है, उत्पीड़न और धोखाधड़ी में सहायता कर रहे हैं, तो पाकिस्तान के उच्चतम न्यायालय का कर्तव्य है कि वह हस्तक्षेप करे.’’
यह पत्र शुक्रवार देर रात खान के आधिकारिक ‘एक्स’ हैंडल पर साझा किया गया. खान (72) कई मामलों में 2023 के मध्य से रावलपिंडी की अडियाला जेल में बंद हैं और फरवरी 2024 के आम चुनावों के बाद से संघीय सरकार के साथ उनकी पार्टी की तकरार जारी है.
पार्टी के कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया गया था
खान ने अपने पत्र में कहा कि पिछले साल 24 से 27 नवंबर के बीच बड़ी संख्या में उनकी पार्टी के कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया गया था और आरोप लगाया कि अस्पताल के रिकॉर्ड को सील कर दिया गया और बाद में तथ्यों में हेरफेर किया गया. उन्होंने लिखा, ‘‘मौजूदा सरकार चुनावी धोखाधड़ी और ऐतिहासिक धांधली के जरिए सत्ता में आई है. इस असंवैधानिक शासन ने उनकी पार्टी पर बहुत अत्याचार किया है, हमारे दफ्तरों को ध्वस्त किया है और हमारे नेताओं को यातनाएं दी हैं.’’ खान ने 9 मई 2023 को हुई अपनी विवादास्पद गिरफ्तारी का भी जिक्र करते हुए कहा कि उन्हें इस्लामाबाद उच्च न्यायालय परिसर से गैरकानूनी तरीके से हिरासत में लिया गया था.
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