भारत-चीन के रिश्तों में सुधार, चीन के साथ सैनिकों की वापसी पर बातचीत से भारत को मिली राहत

विदेश नीति मामलों के विशेषज्ञ सी राजा मोहन ने कहा है कि पूर्वी लद्दाख सीमा क्षेत्र में चीन के साथ सैनिकों की वापसी पर चर्चा से भारत को थोड़ी राहत मिली है, लेकिन कई 'बड़े मुद्दे' अब भी बरकरार हैं.

Social Media

China India Relationship: विदेश नीति मामलों के विशेषज्ञ सी राजा मोहन ने कहा है कि पूर्वी लद्दाख सीमा क्षेत्र में चीन के साथ सैनिकों की वापसी पर चर्चा से भारत को थोड़ी राहत मिली है, लेकिन कई 'बड़े मुद्दे' अब भी बरकरार हैं. राजा मोहन ने कहा कि भारत को देश की तकनीकी और आर्थिक वृद्धि के लिए अमेरिका के साथ अपने संबंधों को और अधिक मजबूत करने की दिशा में काम करना चाहिए.

मोहन ने मंगलवार को ‘एशिया सोसाइटी इंडिया’ द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में कहा, 'थोड़ी राहत मिली है. आपके पास (भारत और चीन के बीच) सीधी उड़ानें होंगी, आपके पास वीजा होगा, मानसरोवर यात्रा (फिर से शुरू) होगी, लेकिन आपके पास अभी भी 50,000 सैनिक एक-दूसरे के सामने हैं. आपका व्यापार घाटा 100 अरब अमेरिकी डॉलर है. वे (चीन) ब्रह्मपुत्र पर एक बड़ा बांध बना रहे हैं.'चर्चा का संचालन वरिष्ठ पत्रकार सुहासिनी हैदर ने किया.

उन्होंने कहा कि सीमा पर तनाव कम करने के बजाय सैनिकों की वापसी हो रही है. मोहन ने कहा, 'इससे हमें थोड़ी राहत मिली है, लेकिन चीन के साथ बड़े मुद्दे अभी भी बने हुए हैं.'चीन ने विदेश सचिव विक्रम मिसरी के साथ हाल में संपन्न वार्ता में कैलाश मानसरोवर यात्रा और दोनों देशों के बीच सीधी उड़ानें फिर से शुरू करने पर सहमति बनने का उल्लेख करते हुए सोमवार को कहा कि उसने मतभेदों के उचित समाधान और दोनों देशों के संबंधों को आगे बढ़ाने पर जोर दिया.दो दिवसीय यात्रा पर रविवार को चीन की राजधानी बीजिंग पहुंचे विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने दोनों देशों के संबंधों में स्थिरता और उनके पुनर्निर्माण के लिए सोमवार को चीनी विदेश उप मंत्री सुन वेइदोंग के साथ बातचीत की. पूर्वी लद्दाख में सैन्य गतिरोध के कारण भारत और चीन के संबंधों में भी गतिरोध उत्पन्न हो गया था.

(इस खबर को इंडिया डेली लाइव की टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की हुई है)