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India Daily

दक्षिण कोरिया के अपदस्थ राष्ट्रपति को गिरफ्तार करने पहुंची पुलिस, तो सुरक्षाकर्मी जांच टीम पर ग्रेनेड हमले की कर रहे थे तैयारी  

यह घटना दक्षिण कोरिया में बढ़ती राजनीतिक अस्थिरता को और बढ़ावा देती है. राष्ट्रपति युन के प्रशासन के खिलाफ भ्रष्टाचार और कई गंभीर आरोप लगाए गए थे, और इस दौरान सरकार के खिलाफ कई विरोध प्रदर्शन भी हुए थे.

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Edited By: Mayank Tiwari
दक्षिण कोरिया के निष्कासित राष्ट्रपति युन
Courtesy: Social Media

दक्षिण कोरिया के निष्कासित राष्ट्रपति युन (Yoon) के सुरक्षाकर्मियों द्वारा एक गंभीर आरोप सामने आया है, जिसमें यह दावा किया जा रहा है कि जब उनके खिलाफ गिरफ्तारी का प्रयास किया गया, तो उनके सुरक्षाकर्मी लाइव गोलियां चलाने और स्टन ग्रेनेड तैनात करने के लिए तैयार थेय यह घटना उनके प्रशासन के समय की है, जब राष्ट्रपति युन के खिलाफ भ्रष्टाचार और सत्ता के दुरुपयोग के आरोप थे.

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, दक्षिण कोरिया के अधिकारियों ने खुलासा किया कि गिरफ्तारी के दौरान सुरक्षाकर्मियों ने इतना आक्रामक रवैया अपनाया था कि वे जांचकर्ताओं के खिलाफ बल प्रयोग के लिए तैयार थे. सुरक्षाकर्मियों के पास लाइव गोलियां और स्टेन ग्रेनेड मौजूद थे, जिनका इस्तेमाल गिरफ्तारी के प्रयास को नाकाम करने के लिए किया जा सकता था. इस घातक स्थिति ने जांच एजेंसियों के बीच डर और आशंका पैदा कर दी थी.

राजनीतिक अस्थिरता के बीच सुरक्षा का मुद्दा

यह घटना दक्षिण कोरिया में बढ़ती राजनीतिक अस्थिरता को और बढ़ावा देती है. राष्ट्रपति युन के प्रशासन के खिलाफ भ्रष्टाचार और कई गंभीर आरोप लगाए गए थे. इस दौरान सरकार के खिलाफ कई विरोध प्रदर्शन भी हुए थे. अधिकारियों का कहना है कि यदि सुरक्षाकर्मी अपने हथियारों का इस्तेमाल करते, तो यह एक बड़े संघर्ष का कारण बन सकता था, जिससे ना केवल जांचकर्ताओं की सुरक्षा खतरे में पड़ सकती थी, बल्कि नागरिकों की जान भी जोखिम में होती.

आत्मरक्षा या साजिश?

हालांकि, युन के सुरक्षाकर्मियों का कहना है कि वे केवल आत्मरक्षा के लिए तैयार थे और यह कदम उनके लिए एक आपात स्थिति से निपटने के लिए था. फिर भी, जांचकर्ताओं का मानना है कि यह कदम जांच में रुकावट डालने और अभियुक्त को बचाने के लिए एक सुनियोजित प्रयास था.

सुरक्षा बलों पर कड़ी निगरानी का प्रस्ताव

इस घटना के बाद, विशेषज्ञों का कहना है कि सुरक्षा बलों की भूमिका और उनके हथियारों के इस्तेमाल पर कड़ी निगरानी रखी जानी चाहिए. दक्षिण कोरिया के राजनीतिक हलकों में यह घटना एक बड़ा विषय बन चुकी है. ऐसे में न्याय व्यवस्था और सुरक्षा एजेंसियों के बीच तालमेल की आवश्यकता पर जोर दिया जा रहा है.