US Visa Rules: अब अगर आप अमेरिका जाना चाहते हैं तो सोशल मीडिया पर कुछ भी पोस्ट करने से पहले सतर्क हो जाइए. अमेरिका ने एक नई सख्त आव्रजन नीति लागू कर दी है, जिसके तहत अगर कोई व्यक्ति अपने सोशल मीडिया अकाउंट्स पर फिलिस्तीन, हमास, हिजबुल्लाह या यहूदी विरोधी सामग्री साझा करता है या इजरायल की आलोचना करता है, तो उसे वीजा या ग्रीन कार्ड नहीं मिलेगा.
सोशल मीडिया पोस्ट भी होगी वीजा जांच का हिस्सा
बता दें कि अमेरिकी नागरिकता एवं आव्रजन सेवाएं (USCIS) ने कहा है कि अब से सोशल मीडिया गतिविधियां भी वीज़ा और निवास संबंधी जांच का हिस्सा होंगी. USCIS ने स्पष्ट किया, ''हम उन सोशल मीडिया पोस्ट्स का विश्लेषण करेंगे जो यहूदी विरोधी संगठनों या आतंकवाद के समर्थन में हों.''
कैंपस विरोधों पर भी अमेरिका की नजर
इसके अलावा, यह नीति तुरंत प्रभाव से लागू हो गई है और यह स्टूडेंट वीजा से लेकर ग्रीन कार्ड आवेदन तक पर लागू होगी. अमेरिकी प्रशासन का कहना है कि फिलिस्तीन समर्थक कैंपस विरोधों और सोशल मीडिया पोस्ट्स को अब गंभीरता से लिया जाएगा.
'अमेरिका में यहूदी विरोध और आतंक के लिए कोई जगह नहीं'
बताते चले कि होमलैंड सिक्योरिटी विभाग में पब्लिक अफेयर्स की सहायक सचिव ट्रिशिया मैकलॉघलिन ने दो टूक कहा, ''अमेरिका में आतंकवाद के समर्थकों के लिए कोई जगह नहीं है. हमें उन्हें स्वीकार करने की कोई बाध्यता नहीं है.'' उन्होंने आगे कहा, ''जो कोई यह सोचता है कि वह अमेरिका आकर यहूदी विरोधी हिंसा और आतंक की वकालत करेगा, वह पहले संशोधन की आड़ में नहीं बच पाएगा.''
विदेश मंत्री का खुलासा - 300 से ज़्यादा वीजा रद्द
इसको लेकर अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने कहा, ''जब भी मुझे इनमें से कोई पागल मिलता है, मैं उसका वीज़ा छीन लेता हूं.'' उन्होंने बताया कि अब तक 300 से अधिक वीजा रद्द किए जा चुके हैं.