'सबूत मिलने पर आतंकवाद को माफी नहीं', जाकिर नाइक के प्रत्यर्पण पर बोले मलेशियाई PM इब्राहिम

Malaysian PM On Zakir Naik: मलेशिया के प्रधानमंत्री अनवर इब्राहिम ने कट्टरपंथी इस्लामी उपदेशक जाकिर नाइक के प्रत्यर्पण को लेकर बड़ी बात कही है. उन्होंने कहा है कि यदि हमें मजबूत सबूत मिलते हैं तो आतंकवाद को माफ नहीं किया जाएगा. हम किसी भी प्रकार से आतंकवाद का समर्थन नहीं करते हैं.

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Malaysian PM On Zakir Naik: मलेशियाई प्रधानमंत्री अनवर इब्राहिम ने मंगलवार को जाकिर नाइक के प्रत्यर्पण के बारे में पूछे जाने पर कहा कि अगर सबूत पेश किए गए तो आतंकवाद को माफ नहीं किया जाएगा.  मलेशियाई प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि एक मामले को मलेशिया और भारत को अपने द्विपक्षीय संबंधों को बढ़ाने से नहीं रोकना चाहिए.  इब्राहिम ने भारतीय प्रवर्तन एजेंसियों द्वारा जाकिर नाइक के लंबे समय से लंबित प्रत्यर्पण अनुरोध  का जवाब देते हुए कहा कि हम किसी भी विचार के लिए खुले हैं और अगर सबूत पेश किए जाते हैं, तो हम आतंकवाद का समर्थन नहीं करेंगे. हालांकि इसके लिए मजबूत सबूत पेश करने होंगे. 

उन्होंने आगे कहा कि हम सख्त हैं.  हम आतंकवाद के खिलाफ कई मुद्दों पर भारत के साथ मिलकर काम कर रहे हैं लेकिन मुझे नहीं लगता कि इस एक मामले को हमें अपने सबंधों में बाधक बनने देना चाहिए. इब्राहिम की यह टिप्पणी भारत और मलेशिया के बीच संबंधों को व्यापक रणनीतिक साझेदारी तक ले जाने के बाद आई है.  

दोनों देशों के बीच हुई थी कई मुद्दों पर बातचीत 

इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके मलेशियाई समकक्ष अनवर इब्राहिम के बीच व्यापार, निवेश और रक्षा सहित कई क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने पर व्यापक बातचीत हुई थी. मलेशिया ने इससे पहले नफरत फैलाने वाले नाइक को निर्वासित करने से इंकार कर दिया था. मलेशियाई सरकार ने कहा था कि ऐसा तब तक नहीं हो सकता जब तक कि उसने मलेशियाई कानून न तोड़ा हो. उसके पास मलेशिया में स्थायी निवास का दर्जा भी है. 


कौन है जाकिर नाइक? 

नाइक एक इस्लामवादी उपदेशक है. उन पर भारत में आतंकवाद का समर्थन करने और  अपने तथाकथित व्याख्यानों और भाषणों के माध्यम से भारत में मुसलमानों और अन्य समुदायों के बीच नफरत और विभाजन फैलाने का आरोप है. भारत सरकार द्वारा एक्शन के बाद वह मलेशियाई भाग गया था.  


नाइक के संगठन पर लगा बैन

नाइक और उसके संगठन इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन (IRF) पर भारत में पहली बार साल 2016 में प्रतिबंध लगाया गया था. जाकिर पर आरोप था कि वह और उसका संगठन नफरत भड़काने में लगे हुए हैं . वहीं, आईआरएफ के सदस्यों को भारत में रहने वाले मुसलमानों और अन्य धार्मिक समूहों के बीच दुश्मनी, शत्रुता और प्रतिकूल भावनाएं पैदा करने के लिए प्रेरित कर रहे हैं. मार्च 2022 में आईआरएफ को एक गैरकानूनी संगठन घोषित कर दिया गया था. इसके बाद  गृह मंत्रालय द्वारा इसे पांच साल के लिए प्रतिबंधित कर दिया गया था. मंत्रालय ने कहा था कि आईआरएफ संस्थापक जाकिर नाइक की बातें आपत्तिजनक थीं. वह ज्ञात आतंकवादियों की प्रशंसा कर रहे थे. गृह मंत्रालय की अधिसूचना में कहा गया है कि नाइक ने भारत और विदेशों में मुस्लिम युवाओं और आतंकवादियों को आतंकवादी कृत्यों को अंजाम देने के लिए प्रेरित किया है.