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India Daily

गाजा के अस्पताल पर IDF का धावा, खींचकर मरीजों को किया बाहर और लगा दी आग, अब इलाके में एक भी अस्पताल नहीं

पिछले शुक्रवार से इजरायली सेना गाजा के कमाल अदवान अस्पताल के आसपास के इलाकों में बमबारी कर रही थी. अल जजीरा की रिपोर्ट के अनुसार, शुक्रवार रात को इजरायली सैनिकों ने गाजा के कमाल अदवान अस्पताल पर रेड की और फिर अस्पताल को आग के हवाले कर दिया. 

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Edited By: Kamal Kumar Mishra
Israel-hamas war
Courtesy: x

Israel-Hamas War: गाजा के एक और अस्पताल को इजरायली सेना ने निशाना बनाया है. स्थानीय अधिकारियों के अनुसार, इजरायली सेना ने पहले अस्पताल परिसर पर हवाई हमले किए, उसके बाद अस्पताल में घुसकर सभी मरीजों और स्टाफ को बाहर निकाला और फिर अस्पताल में आग लगा दी. 

स्थानीय अधिकारियों ने इजरायल की इस कार्रवाई को 'बर्बर' करार दिया है. खबरों के मुताबिक, अस्पताल के अधिकांश वार्ड आग में जलकर नष्ट हो गए हैं. गाजा के स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि इजरायली सेना ने अस्पताल के निदेशक हुसाम अबू सफिया सहित कई कर्मचारियों को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया है. वहीं, जबरन अस्पताल को खाली कराए जाने के बाद कई मरीजों का क्या हुआ, यह अभी तक स्पष्ट नहीं हो सका है. 

300 मरीजों को अस्पताल से बाहर निकाला गया  

कमाल अदवान अस्पताल में करीब 300 मरीज भर्ती थे. इजराइली सेना ने पहले अस्पताल परिसर पर हवाई हमला किया, फिर अस्पताल में धावा बोलकर मरीजों और स्टाफ को बाहर निकाल दिया. इनमें से कई मरीज जीवन रक्षक उपकरणों पर निर्भर थे और कड़ाके की ठंड में उन्हें खुले मैदान में छोड़ दिया गया, जिससे उनकी जान को खतरा और बढ़ गया है. 

WHO और UN ने जताई चिंता 

संयुक्त राष्ट्र के विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने कहा है कि इजरायल द्वारा गाजा के स्वास्थ्य ढांचे को 'व्यवस्थित रूप से नष्ट करना' हजारों फिलिस्तीनी नागरिकों के लिए मौत का कारण बन सकता है. फिलिस्तीनी शरणार्थियों के लिए काम करने वाली संयुक्त राष्ट्र एजेंसी UNRWA ने गाजा में मानवीय सहायता की तात्कालिक आवश्यकता पर जोर दिया है, क्योंकि यहां बच्चे ठंड की वजह से मर रहे हैं. 

हमास-इजरायल जंग

7 अक्टूबर 2023 से अब तक गाजा पर इजरायली हमलों में कम से कम 45,436 फिलिस्तीनी मारे गए हैं. इसके अलावा 108,038 घायल हुए हैं. वहीं, 7 अक्टूबर को हमास के नेतृत्व में हुए हमलों के दौरान इजरायल में कम से कम 1,139 लोग मारे गए थे और 200 से अधिक लोग बंदी बनाए गए थे.