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कैसे बना था PoK जहां आटे और चावल के लिए जान लेने पर उतारू हैं लोग, पढ़िए पूरी कहानी

PoK Crisis: पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में इन दिनों आटे और चावल जैसी चीजों के लिए लोगों को सड़क पर उतरना पड़ रहा है. हालांकि, अब वहां की सरकार ने प्रदर्शनकारियों की बात मान ली है.

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Edited By: India Daily Live
PoK Protest
Courtesy: Social Media

पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर यानी कि PoK में महंगाई से परेशान अवाम अपनी मांगों को लेकर सड़क पर उतर आई थी. पाकिस्तान सरकार के खिलाफ वहां की जनता ने हिंसक प्रदर्शन भी किया. आटा, चावल और बिजली जैसे मुद्दों को लेकर PoK के मुजफ्फराबाद में जमकर बवाल हुआ. पाकिस्तानी आर्मी ने मोर्चा लेकर आगे बढ़ रहे प्रदर्शनकारियों को रोकने की कोशिश भी की लेकिन उनके कदम नहीं रुके. न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, हिंसक प्रदर्शनों में 1 पुलिस अफसर की मौत हो गई और 100 से ज्यादा लोग घायल बताए जा रहे हैं. मीरपुर के एसएसएपी कामरान अली ने बताया कि हिंसक प्रदर्शन में एसआई अदनान कुरैशी की मौत हो गई है, कुरैशी को सीने में गोली लगी थी.

भारत में चल रहे चुनाव में भी PoK का खूब जिक्र होता रहा है. सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के कई नेता दावा करते रहे हैं कि उनकी सरकार एक दिन PoK को वापस जरूर लेगी. लंबे समय यह क्षेत्र भारत और पाकिस्तान के बीच विवाद की एक अहम वजह भी रहा है. PoK में होने वाले प्रदर्शनों को पाकिस्तान ने कई बार भारत द्वारा प्रायोजित भी बताया है. आइए समझते हैं कि इस PoK की समस्याएं क्या हैं और इसका इतिहास क्या बताता है. 

कौन कर रहा है प्रदर्शन?

पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में होने वाले कई प्रदर्शन अक्सर JAAC नामक कमेटी के बैनर तले होते रहे हैं. इस संगठन को हम जम्मू कश्मीर ज्वाइंट अवामी एक्शन कमेटी (JAAC) के नाम से भी जानते हैं. यह मूल रूप से छोटे कारोबारियों का एक संगठन है. इस प्रदर्शन में छोटे कारोबारियों की संख्या सबसे अधिक है. इस संगठन ने पिछले चार दिनों में महंगाई के खिलाफ पाकिस्तानी सरकार के सामने जमकर आंदोलन किया. पहले स्थानीय व्यापारियों ने अपने दुकानों को बंद किया और फिर हड़ताल का ऐलान कर दिया. कमेटी ने मुजफ्फराबाद के लिए भी मोर्चा निकाला था. इसी बीच JAAC के प्रवक्ता हाफिज हमदानी का बयाना सामने आया, जिसमें उन्होंने कहा कि प्रदर्शन के दौरान हो रही हिंसाओं के कारण, संगठन को बदनाम करने की कोशिश की जा रही है.

PoK में रहने वाले लोग काफी समय से पाकिस्तानी सरकार पर भेदभाव के आरोप लगा रहे हैं और महंगाई से जूझ रहे हैं. उन्होंने पहले भी इस प्रकार के बहुत से आरोप पाकिस्तानी सरकार के ऊपर लगाए हैं. लोगों में खाद्य पदार्थों जैसे गेहूं, चावल पर सब्सिडी खत्म करने, टैक्स और बिजली के कटौती जैसे मुद्दों को लेकर काफी गुस्सा है. जनता को बेरोजगारी का भी सामना करना पड़ रहा है, जिसको लेकर पाकिस्तानी सरकार का कोई एक्शन-रिएक्सन सामने नहीं आता है. 

पाकिस्तानी सरकार PoK में लगातार सेना की तैनाती को बढ़ाती जा रही है. इस चीज को लेकर भी वहां की आम जनता को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. PoK में प्रदर्शन की एक ये भी बहुत बड़ी वजह है कि जो वहां के बड़े और अमीर लोग हैं, उनको 24 घंटे बिजली मिलती है, वहीं छोटे और गरीब तबके के लोगों को सिर्फ 4 से 6 घंटे बिजली दी जाती है. इससे छोटे व्यापारियों को काफी नुकसान उठाना पड़ता है.
 
पाक सरकार गरीबी में क्यों कर रही है आटा गीला?
 
PoK में प्रदर्शन की आग को बढ़ते देख पाकिस्तानी सरकार घबरा गई और आनन-फानन में उसे फैसला लेना ही पड़ा. आर्थिक तंगी से जूझते हुए भी पाकिस्तान सरकार ने PoK के लिए 23 अरब रुपये का बजट आवंटित किया है. वहीं, साथ-साथ प्रदर्शनकारियों को शांत करने के लिए PoK के प्रधानमंत्री अनवारुल हक ने बिजली दर में कटौती की घोषणा भी की है. बता दें कि PoK में प्रदर्शन को देखते हुए, वहां के अलग-अलग हिस्सों में मोबाइल और इंटरनेट सर्विस भी बंद कर दी गई है.

क्या है PoK?

पाक अधिकृत कश्मीर यानी PoK, ऐतिहासिक रूप से जम्मू और कश्मीर की तत्कालीन रियासत का एक हिस्सा था. 1947 में भारत विभाजन के तुरंत बाद, जम्मू और कश्मीर के महाराजा हरि सिंह ने विलय पत्र पर हस्ताक्षर कर जम्मू-कश्मीर को भारतीय संघ में शामिल करा लिया था. PoK भारत के जम्मू और कश्मीर का वह हिस्सा है, जिस पर पाकिस्तान ने कबीलाई विद्रोहियों के साथ अपने सैनिक शामिल कर धोखे से 1947 में कब्जा कर लिया था. 

पाकिस्तान ने इसे गिलगिट-बाल्टिस्तान और आजाद कश्मीर नाम के दो हिस्सों में बांट रखा है.पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (POK) को पाकिस्तान ने प्रशासनिक सुविधा के लिए दो हिस्सों में बांट रखा है, जिन्हें सरकारी भाषा में आज़ाद जम्मू-ओ-कश्मीर और गिलगिट-बल्तिस्तान कहते हैं. पाकिस्तान में आज़ाद जम्मू और कश्मीर को केवल आज़ाद कश्मीर भी कहते हैं.