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India Daily

राजशाही, शरिया कानून और तेल का भंडार, जहां गए PM मोदी उस ब्रूनेई के बारे में कितना जानते हैं आप?

Modi in Brunei: पीएम मोदी दो दिन के ब्रूनेई और सिंगापुर के दौरे पर गए हैं. यह छोटा सा देश अपनी कई खूबियों की वजह से पूरी दुनिया में मशहूर है. बिना आर्मी वाला यह देश अपने तेल और गैस की बदौलत अमीर देशों में गिना जाता है और यहां के लगभग सभी लोग साक्षर भी हैं.

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Edited By: Nilesh Mishra
Brunei Ruler
Courtesy: IDL

भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सिंगापुर और ब्रूनेई के दौरे पर रवाना हो गए हैं. दक्षिण-पूर्व एशिया के इन छोटे देशों से भारत के बेहतर रिश्तों को देश की लुक ईस्ट पॉलिसी के तहत और मजबूत बनाने की कोशिशें जारी हैं. इस दौरे पर निकलने से पहले पीएम नरेंद्र ने ट्वीट करके बताया है कि वह ब्रूनेई के शासक हसनल बोल्किया के निमंत्रण पर जा रहे हैं. इस छोटे से देश की क्या अहमियत है, क्योंकि इसके शासक को लेकर दुनियाभर में चर्चाएं होती हैं और इसका क्या इतिहास है, यह सब जानना काफी रोचक हो सकता है.

ब्रूनेई दक्षिण पूर्व एशिया के बोर्नियो आइलैंड के उत्तरी हिस्से में बसा हुआ है. एक तरफ मलेशिया है तो दूसरी तरफ साउथ चाइना सी. तेल और गैस के अपार भंडार के साथ-साथ इस देश को अपने अमीर सुल्तान, शरिया कानून और लंबे समय से चली आ रही राजशाही की वजह से भी जाना जाता है. इसके बावजूद इस देश के बारे में कई ऐसे रोचक तथ्य हैं जो हर किसी को हैरान करते हैं. आइए एक-एक करके इन तथ्यों को जानते हैं और इस छोटे से देश को और समझने की कोशिश करते हैं.

क्यों खास है ब्रूनेई?

ब्रूनेई दुनिया के उन चुनिंदा देशों में से एक है जहां आज भी राजशाही का शासन है. सुल्तान हनसल बोल्किया ब्रूनेई के ताकतवर मुखिया हैं. वह न सिर्फ राजघराने के मुखिया हैं बल्कि सरकार में प्रधानमंत्री, रक्षामंत्री, वित्तमंत्री और विदेशमंत्री जैसे पद भी उन्हीं के पास हैं. यानी हसनल बोल्किया ही ब्रूनेई के सर्वेसर्वा हैं. 5 अक्तूबर 1967 को ब्रूनेई के शासक बने बोल्किया लगातार 56 सालों से इस पद पर हैं और सबसे ज्यादा समय तक शासक रहने वाले राजा बन गए हैं. वैसे को यहां एक लेजेस्लेटिव काउंसिल भी है लेकिन पिछले कई दशकों से ब्रूनेई में कोई चुनाव नहीं हुआ है. यहां अंग्रेजी और शरिया कानून चलता है लेकिन शरिया कानून ज्यादा प्रभावी है.

अपने तेल और गैस के भंडार के चलते यह छोटा सा देश दुनिया के अमीर देशों में गिना जाता है. इसी तेल की वजह से द्वितीय विश्व युद्ध में यह देश हमले का शिकार भी हुआ था. दक्षिण पूर्व एशिया के देशों में ब्रूनेई तीसरा सबसे बड़ा तेल और गैस उत्पादक देश है. अपने तेल और गैस के बलबूते ब्रूनेई के लोगों की प्रति व्यक्ति आय और जीडीपी भी काफी मजबूत है. देश में लगभग 1 बिलियन डॉलर की लागत से जेरुदोंग पार्क बनाया गया है. इसके अलावा, दुनिया के सबसे महंगे होटलों में से कई होटल इसी देश में है. ब्रूनेई के पास कोई सेना नहीं है और यह सिर्फ अपनी पुलिस के भरोसे ही चलता है.

सुल्तान और उनका लग्जरी महल

ब्रूनेई के सुल्तान का आधिकारिक आवास इस्ताना नूरुल इमान नाम से जाना जाता है. यही सरकार का केंद्र भी है. ब्रूनेई नदी के किनारे बसा यह आलीशान घर राजधानी बंदर सेरी बेगवान में है. रिपोर्ट के मुताबिक, यह दुनिया का सबसे बड़ा रेजिडेंशियल पैलेस है और इसी के तौर पर इसका नाम गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में भी दर्ज है. इस घर में 1788 कमरे, 257 बाथरूम और एक मस्जिद भी है. इतना ही नहीं, इस घर में 110 कार खड़ी करने की जगह और 5 स्वीमिंग पूल भी हैं. 

ब्रूनेई की सबसे ज्यादा तारीफ इसके पर्यावरण से जुड़ाव और संरक्षण के प्रयासों को लेकर होती है. यहां 70 पर्सेंट रेनफॉरेस्ट संरक्षित हैं. यही वजह है कि यहां पर 121 प्रजातियों के स्तनधारी, 622 प्रजाति के पक्षियों के साथ-साथ दर्जनों तरह की मछलियां, रेप्टाइल और अन्य जीव पाए जाते हैं. बताते चलें कि यह एक सख्त शरिया कानून वाला मुस्लिम देश है. 

ब्रूनेई की अहम बातें:-

  • राजशाही के हिसाब से चलने वाला एक देश
  • शरिया कानून लागू है, दूसरे धर्मों का पालन निजी तौर पर किया जा सकता है
  • होमोसेक्शुअलिटी गैरकानूनी है इसके लिए 10 साल की सजा हो सकती है
  • देश की कमाई का मुख्य जरिया तेल और गैस हैं
  • लगभग पूरा ब्रूनेई साक्षर है और यहां से सब लोग पढ़ने-लिखने में सक्षम हैं
  • मुस्लिमों पर शरिया कानून लागू होता है और गैर मुस्लिमों पर सिविल कानून
  • ब्रूनेई में सिंगापुर का डॉलर भी चलता है और सिंगापुर में भी इस देश की मुद्रा चलती है