Pakistan General Election 2024 Result: पाकिस्तान में आम चुनावों की मतगणना जारी है. इस दौरान चुनाव आयोग ने मतों की गिनती बार-बार रोकी है. इस वजह से पूरी तरह से चुनावी नतीजों की तस्वीर अभी तक साफ नहीं हो सकी है. इमरान खान समर्थक चुनाव में अच्छी खासी बढ़त हासिल कर चुके हैं. समर्थकों ने चुनाव आयोग के धीमी मतगणना के लिए उस पर गड़बड़ी का भी आरोप लगाया है. दूसरे नंबर पर नवाज शरीफ की पार्टी पीएमएल-एन 60 सीटों पर बढ़त बनाए हुई है. नवाज को सेना के समर्थन के कारण उनकी जीत तय मानी जा रही थी. लेकिन अप्रत्याशित चुनाव परिणामों ने सभी को हैरान कर दिया. सलाखों के पीछे कैद इमरान खान के दांव से सेना चारों खाने चित हो गई. जीत को लेकर नवाज शरीफ के विजयी भाषण का कार्यक्रम भी कैंसिल कर दिया गया. नवाज शरीफ से ज्यादा बड़ा झटका यह सेना के लिए माना जा रहा है. सवाल है कि क्या सेना पीटीआई की जीत को मानेगी या मुल्क को गृहयुद्ध की ओर जाने देगी या उसकी नीतियां फिर से पाकिस्तान का बंटबारा करा देंगी.
पाक मामलों के जानकार कहते हैं कि सेना चुनाव परिणामों में हेरफेर कर सकती है. इसके पीछे की सबसे बड़ी वजह नवाज शरीफ को सत्ता सौंपने की वह योजना है जिस पर सेना और नवाज कंपनी लंबे समय से प्लानिंग कर रही थी. सेना इतनी आसानी से हार नहीं मानेगी और इस बात की संभावना भी बेहद कम है कि वह पीटीआई की जीत को स्वीकार करे. ऐसे में पाकिस्तान में हालात तनावपूर्ण हो सकते हैं. नवाज शरीफ पहले ही गठबंधन सरकार बनाने का एलान कर चुके हैं. उन्होंने सभी राजनीतिक दलों से सरकार गठन में सहयोग करने की अपील की है.
पाकिस्तान के सामरिक मामलों के जानकार बताते हैं कि पाक सेना ने जब-जब चुनावों में दखल दी अपने मन माफिक ही परिणाम हासिल किए. हालांकि 1970 में सेना का दांव उसी पर उल्टा पड़ गया था. तमाम कोशिशों के बावजूद शेख मुजीबुर्रहमान ने चुनाव जीत लिया था. सेना की सारे प्रयासों के बाद भी वह अपने वांछित चुनाव परिणामों को प्राप्त करने में असफल रही थी. इसके बाद मुल्क में हिंसा और तनाव का एक व्यापक दौर चला इसका नतीजा पाक के बंटबारे के साथ निकला. पाकिस्तान दो हिस्सों पूर्वी पाकिस्तान और पश्चिम पाकिस्तान में टूट गया. एक बार फिर वैसे ही हालात बनते दिखाई दे रहे हैं. सेना ने जिस पार्टी का समर्थन किया वह हारती दिख रही है. इमरान खान समर्थक उम्मीदवार भारी बढ़त बना रहे हैं और जीत की ओर आगे बढ़ते दिख रहे हैं. सेना यदि उनकी जीत को स्वीकार नहीं करती है तो वे चुपचाप तो सेना के फरमान को मानेंगे नहीं. सेना की नाफरमानी में पाकिस्तान फिर दशकों पुराने हिंसा और तनाव के दौर में प्रवेश कर सकता है. ऐसे में मुमकिन है कि पाकिस्तान में दशकों पुराना एपिसोड फिर से रिलीज न हो जाए.
पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान जेल में बंद होने की वजह से चुनाव नहीं लड़ सके. चुनाव आयोग ने उनकी पार्टी का चुनाव चिन्ह बैट भी जब्त कर लिया था. चुनाव चिन्ह के जब्त होने के बाद उनके प्रत्याशी निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव मैदान में उतरे और भारी बढ़ता हासिल की. पाकिस्तान में 266 सीटों पर सीधा चुनाव होता है. सरकार के गठन के लिए 134 सीटों को जीतना होता है. कई मामलों में दोषी इमरान खान जेल के भीतर से ही चुनाव प्रचार की बागडोल संभाले हुए थे. PTI की मीडिया टीम ने एआई तकनीक का शानदार इस्तेमाल किया. पीटीआई की मीडिया टीम ने इमरान के भाषणों और उनके बयानों को एआई टूल के प्रयोग से लोगों तक पहुंचाया ताकि आवाम अपने नेता से जुड़ी रहे. इस तरह जेल से बैठकर ही इमरान ने अपने विरोधियों को पस्त कर दिया. उनके सामने सेना और विरोधी पार्टियां कमतर नजर आईं. उनके समर्थकों के प्रदर्शन ने सभी को हैरत में डाल दिया.