Pakistan Election: पाकिस्तान में 8 फरवरी को आम चुनाव हैं. चुनाव से पहले पाकिस्तान की संसद चर्चे में है. दुनिया के कई बड़े देशों की नजर पाकिस्तान के चुनाव पर है. दुनिया की सबसे बड़ी महाशक्ति अमेरिका ने कहा है कि पाकिस्तान के आम चुनाव पर उसकी पैनी नजर बनी हुई है. पाकिस्तान में अभिव्यक्ति की आजादी, विधायी अधिकारों के उल्लंघन को लेकर अमेरिका चिंतित भी है. पाकिस्तान की संसद (Pakistan Parliament) में किसकी सत्ता चलेगी. ये चुनाव के बाद पता चल पाएंगे. लेकिन उससे पहले ये जानते हैं कि आखिर पाकिस्तान की संसद कैसी है. भारत से कितनी अलग है.
जैसे भारत में संसद के दो सदन है अपर हाउस (राज्यसभा) और लोअर हाउस (लोकसभा). ठीक इसी प्रकार पाकिस्तान में भी संसद के दो सदन है. पाकिस्तान के उच्च सदन को आइवान-ए बाला के नाम से संबोधित किया जाता है. जबकि निचले सदन को कौमी असेंबली (राष्ट्रीय असेंबली) कहा जाता है.
जैसे भारत की लोकसभा होती है. ठीक उसी प्रकार पाकिस्तान का लोअर हाउस राष्ट्रीय असेंबली होती है. जिसे कौमी असेंबली कहा जाता है. पाकिस्तान की संसद में राष्ट्रपति भी संसद का हिस्सा होता है लेकिन भारत में ऐसा नहीं है. भारत का राष्ट्रपति किसी भी सदन में शामिल नहीं होता है.
पाकिस्तान में संसद को मजलिस-ए-शूरा के नाम से जाना जाता है. वर्तमान में पाकिस्तान की संसद राजधानी इस्लामाबाद में. हालांकि, 1960 तक पाकिस्तान की संसद कराची में हुआ करती थी.
भारत की लोकसभा की तरह काम करने वाली पाकिस्तान की नेशनल असेंबली जिसे कौमी असेंबली कहा जाता है. इस सदन में कुल 342 सीटें हैं. इनमें से 272 सीटों पर प्रत्यक्ष रूप से प्रत्याशी चुनकर सदन में पहुंचते हैं. बाकी बची 70 सीटों में से 10 सीटें पारंपरिक और धार्मिक अल्पसंख्यक समुदाय (Minority Community)के लिए आरक्षित होती हैं. इसमें से कुछ सीटें महिलाओं के लिए भी आरक्षित होती हैं. 70 सीटों का चुनाव अनुपात के माध्यम से होता है. जिस भी पार्टी को 272 सीटों में सबसे ज्यादा सीटें मिलती है. उसी पार्टी को बची हुई 70 सीटों में सबसे ज्यादा सीटें मिलती हैं.
वहीं, बात करें पाकिस्तान की आइवान-ए-बाला की तो ये भारत की राज्यसभा की तरह होती है. यह कभी भंग नहीं होती है. जैसे भारत की राज्यसभा भंग नहीं होती. इसके सदस्य भारत के राज्यसभा की तरह बदलते रहते हैं. इसमें 104 सीटें होती हैं. इस सदन के सदस्यों का कार्यकाल 6 वर्ष का होता है.