दुनिया भर के नेता इस बात पर विचार कर रहे हैं कि अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा लगाए गए टैरिफ़ का प्रभावी जवाब कैसे दिया जाए. दरअसल, ट्रंप द्वारा उठाए गए इस कदम से वैश्विक व्यापार व्यवस्था में हलचल मच गई है. हालांकि, अब तक कुछ ही देशों ने अमेरिका पर जवाबी कार्रवाई की घोषणा की है, जबकि कई अन्य देशों ने ट्रंप से संवाद स्थापित करने की कोशिश की है.
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, अब तक, चीन और कनाडा जैसे बड़े व्यापारिक साझीदारों ने अमेरिका पर जवाबी कार्रवाई की योजना बनाई है. जहां दोनों देशों ने अमेरिकी उत्पादों पर अतिरिक्त शुल्क लगाने की घोषणा की है. बता दें कि, ये कदम ट्रंप के टैरिफ़ के खिलाफ उनके व्यापारिक हितों की रक्षा के लिए उठाए गए हैं.
व्हाइट हाउस से संपर्क करने वाले देशों की संख्या
एबीसी न्यूज़ के मुताबिक, व्हाइट हाउस की राष्ट्रीय आर्थिक परिषद के निदेशक केविन हैसेट ने कहा है कि ट्रंप के टैरिफ की घोषणा के बाद से 50 से अधिक देशों ने व्यापार वार्ता शुरू करने के लिए व्हाइट हाउस से संपर्क किया है. जिससे पता चलता है कि अधिकांश देश इस मुद्दे का शांति से हल खोजने के लिए ट्रंप के साथ संवाद कायम करना चाहते हैं.
जानिए ताइवान और इंडोनेशिया का क्या है रुख?
हालांकि, कुछ देशों ने ट्रंप के टैरिफ़ पर जवाबी कार्रवाई न करने का फैसला लिया है. ताइवान और इंडोनेशिया ने साफ कर दिया है कि वे अमेरिका पर कोई जवाबी शुल्क नहीं लगाएंगे. ताइवान के राष्ट्रपति लाई चिंग ने कहा है कि उनका देश अमेरिका पर कोई शुल्क नहीं लगाएगा, बल्कि वह अमेरिका के साथ औद्योगिक सहयोग को बढ़ाने और व्यापार बाधाओं को हटाने पर ध्यान केंद्रित करेगा.
इंडोनेशिया ने भी इस बात की पुष्टि की है कि वह ट्रंप के टैरिफ़ के खिलाफ किसी प्रकार की जवाबी कार्रवाई नहीं करेगा. इसके बजाय, इंडोनेशिया सरकार ने इस मुद्दे का समाधान निकालने के लिए वार्ता जारी रखने की योजना बनाई है.
ब्रिटेन और इजरायल ट्रंप के टैरिफ ने क्या दिया जवाब!
ब्रिटेन के प्रधानमंत्री किएर स्टार्मर ने कहा है कि उनकी सरकार ब्रिटिश अर्थव्यवस्था की रक्षा के लिए सभी आवश्यक कदम उठाने को तैयार है. वे भी अमेरिका के साथ इस मुद्दे पर चर्चा करने के लिए सक्रिय हो गए हैं. वहीं, इजरायल के प्रधानमंत्री बिन्यामिन नेतन्याहू ने ट्रंप से मुलाकात करने का फैसला लिया है ताकि वे टैरिफ़ के मसले पर बातचीत कर सकें.