Hinduja Family Case: हिंदुजा ग्रुप अपने कारोबार की जगह कारनामों को लेकर एक बार फिर चर्चा में है. इससे पहले भी हिंदुजा ग्रुप बोफोर्स घोटाला मामले को लेकर चर्चा में आया था. हिंदुजा परिवार के छोटे बेटे अशोक परमानंद हिंदुजा को छोड़कर बाकी के तीन भाई श्रीचंद, गोपीचंद और प्रकाश का नाम बोफोर्स घोटाले में सामने आया था. आरोप था कि 1986 में इंडियन गवर्मेंट को स्वीडिश कंपनी बोफोर्स ने 1.3 अरब डॉलर की रिश्वत दी थी, जिसमें श्रीचंद, गोपीचंद और प्रकाश ने मदद की थी. 2005 में सबूतों के अभाव में दिल्ली की कोर्ट ने उन्हें बरी कर दिया था.
हालांकि, इस बार घरेलू नौकरों के शोषण के आरोप में हिंदुजा परिवार के चार सदस्यों को दोषी पाया गया है. स्विटजरलैंड की एक कोर्ट ने चारों सदस्यों को 21 जून को सजा सुनाई. कोर्ट ने प्रकाश हिंदुजा और उनकी पत्नी कमल हिंदुजा को साढ़े चार साल, जबकि उनके बेटे अजय और बहू नम्रता को चार साल की सजा सुनाई है. इसके अलावा, इनके मैनेजर नजीब जियाजी को भी कोर्ट ने 18 महीने की सजा सुनाई है. इससे पहले 2007 में भी इसी तरह के आरोप में प्रकाश हिंदुजा को दोषी पाया गया था.
फोर्ब्स के मुताबिक, हिंदुजा ग्रुप मीडिया और रियल एस्टेट के साथ-साथ IT और हेल्थ इंडस्ट्री से जुड़ा कारोबार करता है. परिवार की कुल संपत्ति 1.67 लाख करोड़ रुपए है. हिंदुजा परिवार इंग्लैंड की सबसे अमीर फैमिली है. इस परिवार के दूसरे नंबर के भाई गोपीचंद हिंदुजा सबसे ज्यादा अमीर हैं. उनका नाम दुनिया के टॉप 200 रईसों की लिस्ट में शामिल है. 2023 में आई फोर्ब्स की भारत के सबसे अमीर लोगों की सूची में ये परिवार 7वें नंबर पर था.
परमानंद दीपचंद हिंदुजा और जमुना परमानंद हिंदुजा के तीसरे नंबर के बेटे प्रकाश हिंदुजा यूरोप में हिंदुजा ग्रुप के चेयरमैन हैं. कंपनी की वेबसाइट के मुताबिक, प्रकाश हिंदुजा 2008 से मोनाको में रह रहे हैं. बिजनेस की पढ़ाई के बाद वे पारिवार के कारोबार में शामिल हुए थे. प्रकाश हिंदुजा और उनकी पत्नी कमल के दो बेटे अजय और रामकृष्ण हैं, जबकि दंपत्ति की एक बेटी भी है, जिनका नाम रेणुका है.
हिंदुजा ब्रदर्स के पिता परमानंद दीपचंद हिंदुजा ने 110 साल पहले यानी 1914 में ग्रुप की नींव मुंबई में रखी थी. पांच साल बाद यानी 1919 में कंपनी का हेडक्वार्टर मुंबई से ईरान शिफ्ट हो गया. 1979 तक कंपनी अपना कामकाज ईरान से ही संभालती रही. ईरान में जब 1979 में इस्लामिक क्रांति हुई तो कंपनी का हेडक्वार्टर लंदन ले जाया गया. अब हिंदुजा ग्रुप दुनिया के 50 देशों में कारोबार करती है. कंपनी में डेढ़ लाख से अधिक कर्मचारी काम करते हैं. भारत में इस ग्रुप की छह लिस्टेड कंपनियां हैं.
इस ग्रुप की शुरुआत मर्चेंट बैंकिंग और ट्रेड एंटरप्राइस से हुई थी. बाद में ये ग्रुप धीरे-धीरे विकसित हुआ, जो करीब 50 देशों तक फैल गया. साल 1971 में कंपनी की नींव रखने वाले परमानंद हिंदुजा के निधन के बाद चारों बेटों ने कंपनी को बखूबी संभाला. पिता के निधन के आसपास ही चारों भाइयों ने मिलकर स्विट्जरलैंड में हिंदुजा बैंक शुरू किया. इसके बाद 'गल्फ' ब्रांड का अधिग्रहण किया. कुछ महीनों बाद उन्होंने गल्फ ऑयल कॉर्पोरेशन लिमिटेड की स्थापना की.
साल 1987 के करीब हिंदुजा ग्रुप ने अशोक लेलैंड में कुछ हिस्सेदारी खरीदी. अब ये हिंदुजा ग्रुप की प्रमुख कंपनियों में से एक है. इसी अशोक लेलैंड ने साल 1997 में भारत की पहली सीएनजी बस लॉन्च की थी. इससे पहले हिंदुजा ग्रुप ने 1994 ने इंडसइंड बैंक की स्थापना की. फिर एक साल बाद 1995 में इंडसइंड मीडिया एंड कम्युनिकेशंस लिमिटेड की स्थापना की.
हिंदुजा ग्रुप तंबाकू, नॉनवेज और शराब को छोड़कर करीब-करीब सभी प्रोडक्ट्स का कारोबार करता है. इसके अलावा, ये ग्रुप सोशल वर्क में भी काफी इन्वॉल्व रहता है. भारत समेत विदेशों में हिंदुजा ग्रुप ने अस्पतालों, स्कूलों और कॉलेजों का निर्माण कराया है.
परमानंद दीपचंद हिंदुजा और जमुना परमानंद हिंदुजा के चार बेटे हुए. इनमें श्रीचंद, गोपीचंद, प्रकाश और अशोक शामिल हैं. फिलहाल, चारों का परिवार पूरे ग्रुप के बिजनेस को संभालता है. परमानंद दीपचंद हिंदुजा के बड़े बेटे श्रीचंद हिंदुजा की मई 2023 में निधन हो गया था.