Hindu temple vandalized in Canada: कनाडा में फिर हुई हिन्दू मंदिर में तोड़फोड़, पुलिस ने जारी की संदिग्धों की तस्वीरें
ग्रेटर टोरंटो एरिया के जॉर्जटाउन में श्री कृष्ण ब्रुंदावन मंदिर में तोड़फोड़ की घटना को अंजाम दिया. HRPS ने इस मामले में दो संदिग्धों की तस्वीरें जारी की हैं. लोगों से उनकी पहचान में मदद करने की अपील की है.

Hindu temple vandalized in Canada: ग्रेटर टोरंटो एरिया के जॉर्जटाउन में स्थित श्री कृष्ण ब्रुंदावन मंदिर में तोड़फोड़ की घटना ने स्थानीय समुदाय को हिलाकर रख दिया है. हाल्टन क्षेत्रीय पुलिस सेवा (HRPS) ने इस मामले में दो संदिग्धों की तस्वीरें जारी की हैं. लोगों से उनकी पहचान में मदद करने की अपील की है. यह घटना 30 मार्च 2025 को सुबह 1:10 बजे की है, जिसके बाद मंदिर के सदस्यों और श्रद्धालुओं में आक्रोश है.
हाल्टन पुलिस के मुताबिक, यह घटना डाउनटाउन इलाके में एक पब से निकलने के बाद हुई. संदिग्ध, जो हुड वाली स्वेटशर्ट पहने हुए थे, मेन स्ट्रीट साउथ पर स्थित श्री कृष्ण ब्रुंदावन मंदिर की ओर बढे. फुटेज में साफ देखा जा सकता है कि दोनों में से एक व्यक्ति मंदिर के सामने लगे साइन को पकड़कर उसे जोर से खींचता है और तोड़ देता है. इसके बाद उसने साइन का एक टुकड़ा कार पार्क में फेंक दिया. इस दौरान उसका साथी फुटपाथ पर खड़ा होकर हंस रहा था.
पुलिस की अपील
हाल्टन क्षेत्रीय पुलिस ने एक आधिकारिक बयान में कहा, "सुरक्षा फुटेज में संदिग्धों को मंदिर के सामने लगे एक साइन को फाड़ते और नुकसान पहुंचाते हुए देखा जा सकता है. पुलिस संदिग्धों की पहचान करने की कोशिश कर रही है. पुलिस के द्वारा जारी एक ट्वीट में उनकी तस्वीरें संलग्न की गई है. पुलिस ने लोगों से अपील की है कि यदि कोई इन संदिग्धों को पहचानता है या उनके बारे में कोई जानकारी रखता है, तो वह तुरंत पुलिस से संपर्क करे.
स्थानीय समुदाय में रोष
हैल्टन हिल्स टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, मंदिर के सदस्यों ने रविवार सुबह मेन स्ट्रीट साउथ पर स्थित हिंदू मंदिर के साइन को क्षतिग्रस्त पाया था. यह घटना कनाडा में हिंदू मंदिरों पर बढ़ते हमलों की एक और कड़ी है, जिसने स्थानीय समुदाय में चिंता और गुस्सा पैदा कर दिया है. मंदिर के प्रवेश द्वार पर हुई इस तोड़फोड़ ने श्रद्धालुओं की भावनाओं को आहत किया है. पुलिस इस मामले को गंभीरता से ले रही है और संदिग्धों की पहचान के लिए हर संभव प्रयास कर रही है. इस घटना ने एक बार फिर कनाडा में धार्मिक स्थलों की सुरक्षा पर सवाल खड़े किए हैं.