लेबनान के आतंकवादी ग्रुप हिजबुल्लाह ने पिछले महीने बेरूत में अपने सीनियर कमांडर फुआद शुकर की हत्या का बदला लेते हुए रविवार को इजरायल पर बड़ी संख्या में मिसाइलें दागीं. हिजबुल्लाह और इजरायल के बीच 7 अक्टूबर से गोलीबारी जारी है, जबकि दोनों पक्षों ने बड़ी झड़प से बचने की कोशिश की है.
हालांकि, इजरायल के कब्जे वाले गोलान हाइट्स में मिसाइल हमले के बाद तनाव काफी बढ़ गया, जिसमें 12 लोग मारे गए. हिजबुल्लाह ने उस हमले में शामिल होने से इनकार किया, लेकिन इजरायल ने टारगेट हवाई हमलों के साथ जवाब दिया, जिसमें फुआद शुकर और हमास नेता इस्माइल हनीयेह की हत्या कर दी गई. रॉयटर्स की रिपोर्ट के अनुसार, रविवार को ईरान समर्थित आंदोलन ने कहा कि ये हमला इजरायल की कार्रवाई का जवाब था और घोषणा की कि उन्होंने यहूदी राज्य के खिलाफ जवाबी कार्रवाई का पहला चरण पूरा कर लिया है.
फुआद शुकर, जिसे अल-हज मोहसिन के नाम से भी जाना जाता है, हिजबुल्लाह में एक सीनियर कमांडर था. हिजबुल्लाह लेबनान में स्थित एक उग्रवादी समूह है, जिसे संयुक्त राज्य अमेरिका और इज़राइल समेत कई देशों की ओर से आतंकवादी संगठन माना जाता है. फुआद शुकर 1982 में लेबनान पर इज़राइली आक्रमण के दौरान हिजबुल्लाह के संस्थापक सदस्यों में से एक था. वह लेबनानी शियाओं की उस पीढ़ी का हिस्सा था, जिन्होंने समूह की स्थापना के लिए ईरान के रिवोल्यूशनरी गार्ड्स के साथ गठबंधन किया था.
फुआद शुकर, हिजबुल्लाह के पूर्व सैन्य कमांडर इमाद मुगनीह का करीबी सहयोगी था, जिसकी 2008 में दमिश्क में हत्या कर दी गई थी. मुगनीह की मौत के बाद समूह में शुकर की प्रमुखता बढ़ गई. अमेरिका ने शुकर पर 1983 में बेरूत में अमेरिकी मरीन बैरकों पर बमबारी में केंद्रीय भूमिका निभाने का आरोप लगाया था, जिसमें 241 अमेरिकी सैन्यकर्मी मारे गए थे. ये हमला मध्य पूर्व में अमेरिकी सेना के खिलाफ सबसे घातक हमलों में से एक है. अमेरिकी सरकार ने अपने रिवॉर्ड्स फॉर जस्टिस कार्यक्रम के तहत शुकर के सिर पर 5 मिलियन डॉलर तक का इनाम रखा था.
फुआद शुकर दक्षिणी लेबनान में हिजबुल्लाह की सेना में सीनियर सैन्य कमांडर के रूप में तैनात था और समूह की सर्वोच्च सैन्य संस्था जिहाद परिषद के सदस्य भी था. उसने सीरिया में हिजबुल्लाह के सैन्य अभियानों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी, विशेष रूप से सीरियाई गृहयुद्ध के दौरान राष्ट्रपति बशर अल-असद का समर्थन करने में. संघर्ष के शुरुआती वर्षों के दौरान असद के अस्तित्व के लिए सीरिया में हिजबुल्लाह की भागीदारी महत्वपूर्ण थी.
फुआद शुकर हिजबुल्लाह के नेता सैयद हसन नसरल्लाह का विशेष सलाहकार भी था और संगठन के भीतर प्रमुख निर्णय लेने वाली संस्था शूरा परिषद के सदस्य भी था. 30 जुलाई को फ़ुआद शुकर को बेरूत में इज़रायली हवाई हमले का निशाना बनाया गया. हवाई हमले के बाद, लेबनानी सुरक्षा सूत्रों ने बताया कि शुकर गंभीर रूप से घायल हो गया था. बाद में इज़रायली रिपोर्टों की ओर से फुआद शुकर की मौत की पुष्टि की गई.