Who Is Hashem Safieddine: इजरायली हवाई हमले में हिजबुल्लाह नेता हसन नसरल्लाह की मौत ने लेबनानी आतंकवादी समूह को नेतृत्व संकट से जूझने पर मजबूर कर दिया है. तीन दशकों तक हिजबुल्लाह का नेतृत्व करने वाले नसरल्लाह की शुक्रवार को बेरूत उपनगर को निशाना बनाकर किए गए हमले में मौत हो गई.
हिजबुल्लाह के ऑपरेशन प्रमुख इब्राहिम अकील और शीर्ष कमांडर फुआद शुक्र, दोनों के इजरायल की सेना की ओर से किए गए इसी तरह के हवाई हमलों में मारे जाने के बाद, ईरान समर्थित समूह ने अब अपना ध्यान हाशेम सफीद्दीन पर केंद्रित कर दिया है, जो नसरल्लाह के करीबी सहयोगी हैं. सफीद्दीन को नसरल्लाह का संभावित उत्तराधिकारी माना जा रहा है. कथित तौर पर इजरायली हमले में बच गए सफीद्दीन वर्तमान में हिजबुल्लाह की कार्यकारी परिषद के प्रमुख है और समूह की जिहाद परिषद के सदस्य है.
AFP के अनुसार, हिजबुल्लाह के डिप्टी चीफ नईम कासिम फिलहाल अस्थायी रूप से कमान संभालेगा, लेकिन समूह की शूरा परिषद को एक नए महासचिव का चुनाव करना होगा. ईरान के साथ मजबूत संबंधों वाले एक प्रमुख व्यक्ति सफीद्दीन को इस पद के लिए शीर्ष दावेदार माना जा रहा है.
एएफपी की रिपोर्ट के अनुसार, हिजबुल्लाह के एक करीबी सूत्र ने कहा कि सफीद्दीन नेतृत्व के लिए सबसे बड़ा संभावित उम्मीदवार है. लेबनानी रिसर्चर अमल साद ने भी इस नाम पर मुहर लगाई और कहा कि सफीद्दीन के पास काफी अधिकार हैं... वह सबसे मजबूत दावेदार है.
1. हाशेम सफीद्दीन मारे गए हिजबुल्लाह नेता हसन नसरल्लाह का चचेरा भाई है. माना जाता है कि उसकी उम्र 50 के अंत या 60 के आसपास है.
2. संयुक्त राज्य अमेरिका और सऊदी अरब ने 2017 में हिज़्बुल्लाह में सीनियर नेतृत्व की भूमिका के लिए सफीद्दीन को आतंकवादी के रूप में लिस्टेड किया था.
3. सफीद्दीन का ईरान से घनिष्ठ संबंध है क्योंकि उसने पवित्र शहर क़ोम में पढ़ाई की है. उसके बेटे की शादी ईरान के दिवंगत जनरल कासिम सुलेमानी की बेटी से हुई है, जो ईरान के रिवोल्यूशनरी गार्ड्स के विदेशी ऑपरेशन आर्म का कमांडर था और 2020 में इराक में अमेरिकी हमले में मारा गया था.
4. सफीद्दीन को सैय्यद की उपाधि प्राप्त है, उसकी काली पगड़ी उन्हें नसरल्लाह की तरह पैगंबर मोहम्मद के वंशज के रूप में चिह्नित करती है.
5. नसरल्लाह के विपरीत सफीद्दीन ने हाल के वर्षों में खुले तौर पर राजनीतिक और धार्मिक आयोजनों में भाग लिया है.
नईम कासिम
71 साल का नईम कासिम, हिजबुल्लाह का उप महासचिव है और उसे हिजबुल्लाह में नंबर दो माना जाता है. नईम कासिम का जन्म नबातियेह गवर्नरेट के कफार किला में हुआ था, जो एक दक्षिणी लेबनानी गांव है, जो विशेष रूप से पिछले अक्टूबर से कई इजरायली हमलों का शिकार रहा है.
कासिम का शिया राजनीतिक सक्रियता में लंबा इतिहास रहा है. 1970 के दशक में, वो दिवंगत इमाम मूसा अल-सदर के आंदोलन में शामिल हुआ था, जो लेबनान में शिया समूह अमल आंदोलन का हिस्सा बन गया. बाद में कासिम ने अमल छोड़ दिया और 1980 के दशक की शुरुआत में हिज़्बुल्लाह की स्थापना में मदद की और समूह के संस्थापक धार्मिक विद्वानों में से एक बन गया.
कासिम को 1991 में तत्कालीन महासचिव अब्बास अल-मुसावी के अधीन उप महासचिव चुना गया था, जिसकी भी इजरायल की ओर से हत्या कर दी गई थी. उसने वर्षों से हिज़्बुल्लाह में महत्वपूर्ण सार्वजनिक भूमिका निभाई है और वे समूह की शूरा परिषद के सदस्य भी है. कासिम ने 2005 में 'हिजबुल्लाह, द स्टोरी फ्रॉम विदिन' नाम की किताब पब्लिश की, जिसका कई भाषाओं में अनुवाद किया गया.