Hezbollah Drone Strike: लेबनान के चरमपंथी समूह हिजबुल्लाह ने 13 अक्टूबर की रात इजरायल के बिन्यामिना के पास एक सैन्य बेस पर ड्रोन से बड़ा हमला किया. इस हमले में इजरायल के 4 जवान मारे गए हैं और 67 अन्य घायल हो गए हैं. हिजबुल्लाह ने इस हमले की जिम्मेदारी लेते हुए बताया कि उन्होंने आईडीएफ के गोलानी ब्रिगेड के प्रशिक्षण अड्डे को निशाना बनाया. यह हमला उस समय किया गया जब इजरायली सेना लेबनान में हिजबुल्लाह के खिलाफ जमीनी अभियान चला रही थी.
आईडीएफ के अनुसार, ड्रोन हमला शाम को लगभग सात बजे हुआ. मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक, इस हमले ने बेस के डाइनिंग हॉल को निशाना बनाया. आईडीएफ ने जानकारी देते हुए बताया कि सात जवान गंभीर रूप से घायल हैं, जबकि 14 को मध्यम चोटें आई हैं. कहा जा रहा है कि ड्रोन के आने से पहले कोई सायरन नहीं बजा, जिससे सैनिकों को बचने का मौका नहीं मिला. देर रात आईडीएफ के प्रवक्ता डैनियल हगारी ने बताया कि इस घटना की परिस्थितियों की जांच की जा रही है क्योंकि ड्रोन इजरायल में घुसने के बाद कोई भी चेतावनी सायरन नहीं बजा.
इजरायली सेना के प्रवक्ता ने कहा कि युद्ध की शुरुआत से ही इजरायल को के खतरे का सामना करना पड़ रहा टाइम्स ऑफ इजरायल के मुताबिक, आईडीएफ की शुरुआती जांच रिपोर्ट का हवाला देते हुए बताया है कि लेबनान से लॉन्च किए गए दो ड्रोन समुद्र के रास्ते से इजरायली क्षेत्र में घुसे थे. ये दोनों मिरसाद ड्रोन थे, जिन्हें ईरान में अबाबील-टी के नाम से जाना जाता है. यह हिजबुल्लाह का आत्मघाती ड्रोन है.
इन दोनों ड्रोन को इजरायली रडार ने ट्रैक किया था और एक को हाइफा के उत्तर में तट मार गिराया गया. इजरायली वायु सेना ने दूसरे ड्रोन का पीछा किया, लेकिन वह रडार से गायब हो गया। इसका संभावित कारण हो सकता है कि यह जमीन के करीब उड़ रहा हो। चूंकि कोई सायरन नहीं बजा, इसलिए यह अनुमान लगाया गया कि ड्रोन दुर्घटनाग्रस्त हो गया। फिलहाल, इजरायली सेना इस हमले की गहराई से जांच कर रही है।
हिजबुल्लाह के इस हमले ने इजरायल की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं. यह हमला न केवल सैनिकों के लिए खतरनाक साबित हुआ है, बल्कि इससे क्षेत्र में तनाव और बढ़ सकता है. इजरायल अब अपनी सुरक्षा को और मजबूत करने के उपाय तलाश रहा है.