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'कसम खाता हूं... करारा जवाब मिलेगा', इजराइली हमले का शिकार होने से पहले आखिरी भाषण में नसरल्लाह ने क्या कहा था?

Hassan Nasrallah Last Speech: हिज़्बुल्लाह चीफ हसन नसरल्लाह ने इजराइली हमले का शिकार बनने से पहले अपने आखिरी भाषण में जमकर इजराइल का धमकाया था. हसन नसरल्लाह का यह भाषण इजरायली सेना की ओर से हिजबुल्लाह के केंद्रीय मुख्यालय पर हवाई हमले के कुछ ही दिनों पहले आया था, जिसमें हसन नसरल्लाह और सीनियर हिजबुल्लाह कमांडर इब्राहिम अकील की मौत हो गई थी.

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Edited By: India Daily Live
Hassan Nasrallah
Courtesy: pinterest

Hassan Nasrallah Last Speech: इजराइल के हमले का शिकार होने से करीब 8 दिन पहले हिजबुल्लाह चीफ ने अपना आखिरी भाषण दिया था. 19 सितंबर को अपने अंतिम भाषण में हिजबुल्लाह नेता सैय्यद हसन नसरल्लाह ने लेबनान में इजरायल के घातक हमलों की निंदा की थी. साथ ही स्थिति को संभावित 'युद्ध की घोषणा' के रूप में पेश किया. ईरान समर्थित समूह के प्रमुख ने जवाबी कार्रवाई की कसम खाई और जोर देकर कहा कि इजरायली आक्रमणों का उचित दंड दिया जाएगा.

ये भाषण इजरायली सेना की ओर से हिजबुल्लाह के केंद्रीय मुख्यालय पर हवाई हमले के कुछ ही दिन पहले आया था, जिसमें नसरल्लाह और वरिष्ठ हिजबुल्लाह कमांडर इब्राहिम अकील की मौत हो गई थी. अपने संबोधन के दौरान, नसरल्लाह ने हाल ही में हुए इज़रायली हमलों की चर्चा की थी जिसमें 32 लोग मारे गए थे. साथ ही इस हमले में लेबनान में हिज़्बुल्लाह के संचार नेटवर्क नष्ट हो गए, जिसमें रेडियो और पेजर शामिल थे. नसरल्लाह ने स्थिति को बड़ी परीक्षा की घड़ी बताया था और कहा था कि महत्वपूर्ण बात ये है कि इस झटके से आप नीचे न गिरें. उसने ये भी कहा था कि ईश्वर पर विश्वास के साथ, हिज़्बुल्लाह इस संकट से सिर ऊंचा करके उभरेगा.

चाहे वो कितना भी शक्तिशाली क्यों न हो...: नसरल्लाह

नसरल्लाह ने कहा था कि महत्वपूर्ण बात यह है कि हमले को अपने ऊपर हावी न होने दें, चाहे वह कितना भी बड़ा और शक्तिशाली क्यों न हो, और मैं आपको पूरे आश्वासन, विश्वास और ईश्वर पर भरोसा के साथ बताता हूं कि इस बड़े, शक्तिशाली और अभूतपूर्व प्रहार ने हमें गिराया नहीं है और यदि ईश्वर चाहेगा तो यह हमें गिराएगा भी नहीं. 

नसरल्लाह की बयानबाजी न केवल इजरायल पर बल्कि गाजा और पश्चिमी तट पर फिलिस्तीनियों के समर्थन में भी थी. उसने कहा था कि हम दुश्मन की सरकार, सेना और समाज से कहते हैं कि गाजा पर आक्रमण बंद होने तक लेबनानी मोर्चा नहीं रुकेगा. 

सैयद हसन नसरल्लाह का ये भाषण इजरायल-लेबनान सीमा पर बढ़ती हिंसा के बीच आया था, जहां गाजा में युद्ध शुरू होने के बाद से इजरायल और हिजबुल्लाह सेनाएं आपस में भिड़ रही हैं. शुक्रवार, 20 सितंबर को, इजरायल ने एक टारगेटेड हमला किया, जिसमें बेरूत में हिजबुल्लाह की कुलीन राडवान इकाई के कमांडर इब्राहिम अकील के साथ 12 अन्य लोगों की मौत हो गई. अकील संगठन में एक सीनियर सदस्य था और 1983 में बेरूत में अमेरिकी दूतावास पर बमबारी में शामिल होने के कारण अमेरिका की ओर से भी उसकी तलाश की जा रही थी.

इजरायली सेना ने हमलों को लेकर क्या कहा था?

इज़रायली सेना ने इस अभियान को हिज़्बुल्लाह को कमज़ोर करने के अपने व्यापक प्रयासों का हिस्सा बताया था. जैसे-जैसे दोनों पक्षों ने अपने हमले बढ़ाए, इज़रायल और हिज़्बुल्लाह के बीच व्यापक युद्ध की आशंकाएं बढ़ती गईं, जिससे दोनों पक्षों के नागरिक गोलीबारी में फंस गए. दक्षिणी लेबनान के सीमावर्ती शहरों के निवासियों ने बताया कि शत्रुता शुरू होने के बाद से उन्होंने सबसे तीव्र बमबारी देखी थी.

अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन समेत अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थों ने संघर्ष को एक पूर्ण क्षेत्रीय युद्ध में बदलने से रोकने के लिए संयम बरतने का आह्वान किया है. हालांकि, नसरल्लाह के अंतिम भाषण ने स्पष्ट कर दिया कि हिज़्बुल्लाह पीछे नहीं हटेगा.

सोमवार से लेबनान पर इजरायली हवाई हमलों में 1,000 से ज़्यादा लोग मारे गए हैं और लगभग पांच लाख लोग विस्थापित हुए हैं. इस बीच, गाजा में, मरने वालों की संख्या अब लगभग 42,000 हो गई है और इस क्षेत्र की लगभग पूरी आबादी लगातार बमबारी के कारण विस्थापित हो गई है. लगातार घेराबंदी के कारण भोजन, पानी और चिकित्सा आपूर्ति कम होने के साथ मानवीय संकट गहरा गया है.