Heatwave Crisis: हज यात्रा में दम तोड़ रहे लोग, 550 से ज्यादा मौतें, हजारों बीमार, क्यों जानलेवा हो रही धूप?
जान है तो जहान है. आपने ये कहावत तो सुनी होगी. अब बारी इसे अपनाने की है. आयशा लाइफकेयर हॉस्पिटल के हेड डॉ. शाहिद अख्तर बताते हैं कि भीषण गर्मी में किसी भी तरह की यात्रा, न करें. अगर आप जिंदा रहेंगे तभी आप धर्म-कर्म करने लायक रहेंगे. कुदरत के कहर से बचें. जब तक मौसम ठीक न हो, किसी भी कीमत पर कई दिनों की लगातार यात्रा करने से बचें.
हज यात्रा, लोगों के लिए जानलेवा साबित हो रही है. हज के दौरान अब तक 550 से ज्यादा तीर्थयात्रियों की मौत हो चुकी है. भीषण गर्मी में मिडिल ईस्ट से लेकर भारत तक लोगों की मौतें हो रही हैं. हज यात्रा के दौरान सबसे ज्यादा 323 लोग मिस्र से हैं. गर्मी की वजह से ज्यादातर लोगों ने दम तोड़ा है. अरब डिप्लोमेट्स ने यह दावा किया है. अरब प्रशासन का कहना है कि ज्यादातर लोग गर्मी की वजह से बीमार पड़ रहे हैं. ये आंकड़े, मक्का के अल-मुआइसम हॉस्पिटल के मुर्दाघर से आए हैं.
हीट स्ट्रोक की वजह से जॉर्डन के 60 लोगों की अरब में मौत हुई है. अब तक हीटस्ट्रोक की वजह से कुल 577 से ज्यादा लोग मर चुके हैं. केवल एक अस्पताल में 550 लाशें पड़ी थीं. हज के लिए दुनियाभर के श्रद्धालु मक्का पहुंच रहे हैं लेकिन गर्मी की वजह से उनकी मौत हो रही है. मरने वालों में हर उम्र के लोग शामिल हैं.
हज इस्लाम का अनिवार्य अंग है. हर मुसलमान को अपने जीवन में एक बार हज की यात्रा करनी चाहिए. यह इस्लाम के 5 अंगों में से एक है. तौहीद या शहादा, नमाज, रोजा, जकात और हज, इस्लाम के 5 अनिवार्य अंग हैं. दुनिया की तरह अरब में भी भीषण गर्मी पड़ रही है, लोग इस गर्मी की वजह से जान गंवा रहे हैं.
सऊदी के मौसम विज्ञान केंद्र ने कहा है कि सोमवार को मक्का में ग्रैंड मस्जिद में तापमान 51.8 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया था. इतनी गर्मी, लोगों की बर्दाश्त से बहुत बाहर है. मंगलवार को मिस्र के विदेश मंत्रालय ने दावा किया था कि काहिरा हज के दौरान लापता हुए लोगों की तलाश के लिए सऊदी अरब के अधिकारियों की मदद कर रहा है.
कितने लोगों का चल रहा है इलाज?
550 मौतों के आंकड़े के बाद, सऊदी अरब ने गर्मी से बीमार लोगों के आंकड़े भी बताए हैं. सरकार का दावा है कि 2000 से ज्यादा लोगों का ट्रीटमेंट चल रहा है. बीते साल हज यात्रा के दौरान इसी मौसम में कुल 240 लोगों की मौत हुई थी.
मक्का के बार गर्मी से बेहाल लोग
इस्लाम धर्म के पवित्र शहर मक्का में गर्मी की वजह से हालात बद से बदतर हो गए हैं. सोमवार को ऐसे कई वीडियोज वायरल हुए थे, जिनमें हज यात्रा पर आए लोग अपने सिर पर पानी की बोतलें डाल रहे थे. कोल्ड ड्रिंक और चॉकलेट से वे खुद को तरोताजा रख रहे थे. सऊदी अरब प्रशासन ने कहा है कि धूप में लोग कम से कम निकलें और छाते का इस्तेमाल करें.
मिस्र के यात्रियों की इसलिए हुई हैं सबसे ज्यादा मौतें
मक्का में जगह-जगह लाशें भी नजर आईं. मस्जिद के बाहर एंबुलेंस भी देखे गए. इस साल अब तक 18,00,000 लोग हज कर चुके हैं. ज्यादातर हज आने वाले लोग विदेशी हैं. कुछ लोग बिना रजिस्ट्रेशन के भी हज करने आते हैं. वे महंगी यात्राओं के खर्च से बचने के लिए ऐसा करते हैं. उन्हें हज यात्रा के दौरान एसी शिविरों में रहने को नहीं मिलता है. दूसरी सुविधाओं से भी वे वंचित रह जाते हैं. इस वजह से उन्हें गर्मी की मार सबसे ज्यादा झेलनी पड़ती है.
मिस्र के अधिकारियों का कहना है कि जो लोग बिना रजिस्ट्रेशन के आए हैं वे हमारे शरणार्थी शिविरों में आ गए, जिसकी वजह से सारी सर्विस बंद हो गई. कई लोग बिना खाने के रह गए. उन्हें पानी नहीं मिला, इसलिए बीमार पड़ गए. इंडोनेशिया और ईरान के भी लोग हज यात्रा के दौरान मरे हैं.
क्या गर्मी से मर सकते हैं लोग?
आयशा लाइफकेयर हॉस्पिटल के चीफ डॉक्टर शाहिद अख्तर बताते हैं कि गर्मी की वजह से लोगों की मौत होती है. अगर बाहर और भीतर के तापमान में तालमेल नहीं बैठा तो कई दिक्कतें सामने आती हैं. नर्व सिस्टम पर इसका असर पड़ता है. अगर सही समय पर इलाज न हो तो दिमाग, दिल, गुर्दा और मांसपेशियों पर इसका प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है. अगर इलाज न मिला तो ब्रेन डेड भी इंसान हो जाता है. कुछ मामलों में लोग हीटस्ट्रोक की वजह से कोमा में चले जाते हैं और मौत हो जाती है. तेज बुखार, सर्दी और डिहाइड्रेशन भी धूप की वजह से होता है. ऐसे में जितना हो सके, धूप से बचने की कोशिश की जानी चाहिए. अगर बेहद जरूरी न हो तो यात्रा करने से दिन के 10 बजे से लेकर 4 बजे तक बचें. धूप से बचना ही इसका सही इलाज है.