Haunted story of vasco da gama: ओमान के तट पर लंबे समय से खोए हुए पुर्तगाली जहाज एमराल्डा को आखिरी बार 1998 में स्कूबा डाइवर्स ने हल्लानिया द्वीप के पास देखा था जिसमें उन्हें 15वीं शताब्दी के आसपास भारत के साथ व्यापार के लिए पुर्तगाल के राजा मैन्युएल प्रथम की ओर से जारी किया गया सिक्का मिला था. हालांकि यह जहाज समुद्र इतिहास के सबसे भयानक रहस्यों में से एक है जिसे आज भी हिंद महासागर में भटकता हुआ देखने की बात सामने आती रहती हैं.
पुराने नाविकों की कहानियों के अनुसार, डिगामा की यात्रा शुरू से ही विपत्तियों से भरी हुई थी. अफवाहें हैं कि जहाज पुर्तगाल से रवाना होने से पहले ही अशुभ संकेतों से भरा पड़ा था. कुछ का कहना है कि एक काला कोहरा जहाज का पीछा करता रहा, जबकि अन्य दावा करते हैं कि रात में अजीब रोशनी जहाज के मस्तूलों पर नाचती देखी गई थी. फिर भी, डिगामा जिद पर टिके रहे और भारत के लिए सोने और मसालों के वादे से लालच में आकर उसने इन चेतावनियों को नजरअंदाज कर दिया.
जैसा कि किंवदंतियां बताती हैं, डिगामा के जहाज पर यात्रा जल्द ही भयानक हो गई. आपूर्ति कम होने लगी, बीमारी फैल गई और चालक दल में बेचैनी बढ़ गई. डिगामा, एक क्रूर और महत्वाकांक्षी व्यक्ति के रूप में जाना जाता था, उसने किसी भी विद्रोह को दबाने के लिए आयरन फिस्ट से काम लिया और जिससे भी विद्रोह की भनक आती वो उसे मौत के घाट उतार देता. उपद्रव को दबाने के लिए उसने सजा और फांसी की सजा का सहारा लिया, जिससे जहाज पर एक भयावह माहौल बन गया. कहा जाता है कि यातना की चीखें और बेगुनाहों का रोना रात में हवा में गूंजता रहता था.
एक रात, मानो स्वर्ग ही डिगामा के अत्याचारों से तंग आ गया हो, एक भयंकर तूफान ने एस्मेरल्डा को जकड़ लिया. हवा में चीखने-चिल्लाने की आवाजें गड़गड़ाहट के साथ मिल गईं, लेकिन कोई भी जहाज को उग्र समुद्र से नहीं बचा सका. सुबह होते-होते जहाज गायब हो गया था, मानो समुद्र ने उसे अपने गुस्से में निगल लिया हो.
लेकिन कुछ का मानना है कि यह जहाज के लिए अंत नहीं था. माना जाता है कि एस्मेरल्डा को कभी-कभी अकेले नाविकों द्वारा देखा जाता है. जहाज जर्जर और भयानक दिखाई देता है, उसके पाल फटे हुए होते हैं और लकड़ी सड़ चुकी होती है. खिड़कियों से लाल आंखें झांकती हैं, जो देखने वाले को उसकी मौत की भविष्यवाणी करती हैं.
कुछ बहादुर आत्माओं ने जहाज पर चढ़ने की कोशिश की है, लेकिन वे कभी वापस नहीं आए. किंवदंती कहती है कि उनकी आत्माएं अब जहाज के भयानक चालक दल में शामिल हो गई हैं, हमेशा के लिए भटकने के लिए अभिशप्त हैं. जहाज के डेक पर, अस्पष्ट आकृतियों को पेस ह चलते देखा जाता है, माना जाता है कि ये वे आत्माएं हैं जो डिगामा के क्रूर शासन के अधीन रहीं.
तो अगली बार जब आप हिंद महासागर के अंधेरे पानी को देखते हैं, तो सावधान रहें. कहीं क्षितिज पर, धुंध के बीच, आपको एस्मेरल्डा के भयानक रूप का पता चल सकता है. और अगर हवा में चीखें सुनाई देती हैं, तो भाग जाएं, जितनी जल्दी हो सके भाग जाएं, क्योंकि वास्को डिगामा का भूतिया जहाज आपको भी अपने भयानक चीखों में शामिल कर सकता है.