Israel Hamas War: इजरायल ने एक बार फिर से गाजा में ताबड़तोड़ हमले करके कत्लेआम मचा दिया है. चारों तरफ सिर्फ लाशों का ढेर दिख रहा है. सालों बाद थोड़ी शांति लौटी थी लेकिन नेतन्याहू के एक फैसले ने सबकुछ बदला दिया. इजरायल के इस हमले में गाजा के कई महत्वपूर्ण स्थानों पर बमबारी की गई. गाजा सिटी, दैरे अल-बाला, खान यूसुफ और राफा जैसे इलाकों पर इजरायल ने बमबारी कर सबकुछ तबाह कर दिया है. इस हमले के बाद हमास ने भी इजरायली को एक संदेष भेजकर यह चेतावनी दे दी है कि उसके पास जो इजरायली बंधक है उनकी बलि के जिम्मेदारी सिर्फ और सिर्फ इजरायली प्रधानमंत्री नेतन्याहू होंगे.
हमास स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, इस हमले में 232 लोगों की मौत हो चुकी है और 1,000 से अधिक लोग घायल हुए हैं. इन हवाई हमलों ने गाजा में रहने वाले हजारों लोगों को और अधिक बेघर कर दिया है, और सबसे अधिक पीड़ित बच्चे हैं, जिनके घर इस बमबारी में तबाह हो गए हैं. इजरायल ने गाजा में ‘सैन्य बल बढ़ाने’ का भी वादा किया है. मंगलवार की सुबह, इजरायल के प्रधानमंत्री कार्यालय ने कहा कि उसने सेना को गाजा में हमास पर हमला करने का निर्देश दिया.
हमास ने इजरायल को दिया अल्टीमेट
हमास के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि इजराइल ने मंगलवार को गाजा पट्टी में बड़े पैमाने पर हवाई हमले शुरू करके बंधकों को बलि चढ़ाने का फैसला किया है. यह हमला जनवरी में हुए संघर्ष विराम के बाद से सबसे बड़ा हमला था, जिसने कुछ समय के लिए शांति का माहौल बना रखा था. हमास ने इजराइल के इस कदम को एक गंभीर निर्णय के रूप में देखा, जिसमें इजराइल ने अपनी आंतरिक समस्याओं से ध्यान हटाने के लिए युद्ध को फिर से शुरू किया.
हमास के अधिकारी इज्जत अल-रिश्क ने एक बयान में कहा, "बेंजामिन नेतन्याहू का युद्ध को फिर से शुरू करने का निर्णय एक ऐसा निर्णय है, जिसमें इजराइल ने कब्जे के तहत बंधकों की बलि देने का फैसला किया है."
क्या बोला अमेरिका
व्हाइट हाउस ने भी इस हमले पर प्रतिक्रिया दी और कहा कि हमास ने युद्ध को चुना है और बंधकों को रिहा करने के बजाय संघर्षविराम को बढ़ाने का विकल्प छोड़ दिया है. इसका मतलब है कि इस संघर्ष में बंधक बने लोगों की स्थिति और भी गंभीर हो गई है.
गाजा के स्कूलों में छुट्टी
गाजा के सीमावर्ती इलाकों में स्थित स्कूलों में भी छुट्टियां घोषित कर दी गईं हैं, क्योंकि स्थिति को देखते हुए बच्चों और शिक्षकों की सुरक्षा को प्राथमिकता दी गई है. युद्ध के दौरान यह निर्णय बच्चों की सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण था.