इजरायल और हमास के बीच जारी संघर्ष के चलते हर दिन लोगों की जान जा रही है. इस युद्ध में सैनिकों और लड़ाकों के साथ-साथ निर्दोष लोग भी मारे जा रहे हैं. यही वजह है कि दुनियाभर के तमाम देश बार-बार दबाव बना रहे हैं कि युद्धविराम हो जाए और इस क्षेत्र में शांति बहाल हो सके. अब हमास ने इस शांति समझौते में बदलाव की मांग कर डाली है. इसके बाद इजरायल का कहना है कि इस तरह के बदलाव की मांग करना यह दर्शाता है कि हमास इस शांति समझौते को खारिज कर रहा है.
पिछले साल अक्टूबर के महीने में हमास ने इजरायल के कुछ इलाकों पर हमला करके उसके सैकड़ों नागरिकों को बंधक बना लिया था. उसके बाद से ही इजरायल ने हमास के खिलाफ जंग छेड़ दी है. अब तक इस युद्ध में हजारों लोग मारे जा चुके हैं. गाजा और फिलिस्तीन के साथ-साथ इजरायल के भी कुछ हिस्से बुरी तरह प्रभावित हुए हैं. बीते कुछ महीनों से इजरायल अस्पतालों, स्कूलों और इसके जैसे अन्य रिलीफ कैंप को भी निशाना बना रहा है. उसका कहना है कि हमास के लड़ाके इन कैंपों में छुप रहे हैं.
अब हमास ने सीजफायर वाले प्रस्ताव में संशोधन की माग कर डाली है. इस प्रस्ताव को अमेरिका ने भी समर्थन दिया है. उसने अपना जवाब मध्यस्थता कर रहे मिस्र और कतर को दिया है. उसका जवाब यह दर्शाता है कि उसने प्रस्ताव को स्वीकार करने के बजाय बातचीत को जारी रखने की ओर कदम बढ़ाया है. हालांकि, इजरायल का मानना है कि यह एक तरह से प्रस्ताव को खारिज करने जैसा है. वहीं, हमास का कहना है कि उसने अपनी पुरानी मांगें ही रखी हैं और नए प्लान से वे पूरी होती नहीं दिख रही हैं.
इस बीच इजरायल के हमले जारी हैं. हाल ही में लेबनान में एक ड्रोन हमले में इजरायल ने हिजबुल्लाह के सीनियर फील्ड कमांडर अबू तलेब समेत कुल चार लड़ाकों को मार गिराया है. हमास को चिंता है कि इजरायल इस सीजफायर डील के प्रस्तावों को लागू करेगा भी या नहीं. दरअसल, हमास चाहता है कि इजरायल गाजा से पूरी तरह से निकल जाए और युद्ध पूरी तरह से बंद हो जाए. इसके बदले में वह उन बंधकों को छोड़ देगा जिन्हें हमास के लड़ाकों ने पकड़ रखा है.
एक तरफ दुनिया के तमाम देश कोशिशों में लगे हुए हैं कि इजरायल और हमास का यह युद्ध बंद हो और इस क्षेत्र में शांति आए. दूसरी तरफ, इजरायल के पीएम बेंजामिन नेतन्याहू लगातार विरोधाभासी संकेत दे रहे हैं. हाल ही में उन्होंने कहा था कि इजरायल तब तक नहीं रुकेगा जब तक हमास पूरी तरह से खत्म नहीं हो जाता. उधर, अमेरिका यह भी कह रहा है कि इजरायल ने इस शांति प्रस्ताव को पूरी तरह से मान लिया है.