हमास ने बंधकों की रिहाई के लिए इजरायल के लिए रखी बड़ी शर्त, क्या मानेंगे PM नेतन्याहू या फिर से शुरू होगा तांडव

इजरायल और हमास के बीच संघर्ष विराम को लेकर मिस्र और कतर की मध्यस्थता में काहिरा में बातचीत चल रही है. जहां इन दोनों देशों के साथ अमेरिका भी इस प्रक्रिया में सक्रिय भूमिका निभा रहा है.

Imran Khan claims
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Israel-Hamas Ceasefire: साल 2025 की सबसे बड़ी खबर इजरायल और हमास के बीच युद्धविराम से जुड़ी है. फिलिस्तीनी संगठन हमास ने संकेत दिया है कि यदि इजरायल युद्ध रोकने और गंभीर कैदी अदला-बदली के लिए तैयार होता है, तो वह सभी इजरायली बंधकों को रिहा करने को तैयार है. इस दौरान सीनियर हमास लीडर ताहेर अल-नूनू ने यह बयान AFP को दिया है, जो गज़ा युद्ध पर संभावित विराम की दिशा में एक बड़ा संकेत माना जा रहा है.

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, इजरायल और हमास के बीच संघर्ष विराम को लेकर मिस्र और कतर की मध्यस्थता में काहिरा में बातचीत चल रही है. जहां इन दोनों देशों के साथ अमेरिका भी इस प्रक्रिया में सक्रिय भूमिका निभा रहा है. हालांकि हमास ने इजरायस पर इस प्रक्रिया में बाधा डालने का आरोप लगाया है.

काहिरा में चल रही है मध्यस्थता की वार्ता

इस बीच हमास प्रवक्ता अल-नूनू ने कहा, “ ये मुद्दा बंधकों की संख्या नहीं है, बल्कि यह है कि क़ब्ज़ाधारी (इज़रायल) अपने वादों से मुकर रहा है, संघर्ष विराम समझौते को लागू नहीं कर रहा और युद्ध जारी रखे हुए है.

हमास ने की समझौते की गारंटी की मांग

हमास प्रवक्ता अल-नूनू ने आगे कहा,“हमास ने इस बात पर ज़ोर दिया है कि ऐसे ठोस आश्वासन दिए जाएं, जो इजरायल को समझौते का पालन करने के लिए बाध्य करें. रिपोर्टों के अनुसार, बातचीत में एक नया प्रस्ताव हमास के सामने रखा गया है. इस प्रस्ताव के तहत हमास 10 जीवित बंधकों की रिहाई के बदले अमेरिका से यह गारंटी चाहता है कि इजरायल संघर्ष विराम के दूसरे चरण के लिए बातचीत शुरू करेगा.

“हम तैयार हैं सभी बंधकों की रिहाई के लिए” – अल-नूनू

हमास प्रवक्ता ताहेर अल-नूनू ने AFP को दिए इंटरव्यू में कहा,“हम सभी इजरायली बंधकों को रिहा करने के लिए तैयार हैं, बशर्ते कि एक गंभीर कैदी अदला-बदली हो, युद्ध समाप्त किया जाए, इजरायली सेना गाजा पट्टी से पूरी तरह हटे और मानवीय सहायता को प्रवेश की अनुमति मिले.

स्थिति पर गहराता अंतरराष्ट्रीय दबाव

बता दें कि, इस समय गज़ा में मानवीय संकट चरम पर है. उधर, अंतरराष्ट्रीय समुदाय युद्धविराम की तत्काल आवश्यकता पर ज़ोर दे रहा है, और इन वार्ताओं के परिणाम पर दुनिया की नजरें टिकी हुई हैं.

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