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'तुम्हारा बोझ नहीं उठा सकते घर लौट जाओ', जर्मनी की सड़कों पर असद राज के खात्मे का जश्न मना रहे सीरियाई लोगों पर टूटी आफत

आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, अक्टूबर 2023 तक जर्मनी में लगभग 9.75 लाख सीरियाई नागरिक रह रहे थे, जो यूरोप में सीरियाई शरणार्थियों की सबसे बड़ी संख्या है. जर्मनी के कई सांसदों ने इन लाखों सीरियाई शरणार्थियों को उनके वतन वापस भेजने की मांग शुरू कर दी है. इन सांसदों का कहना है कि अब जर्मनी इन शरणार्थियों का बोझ नहीं उठा सकता है.

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Edited By: Sagar Bhardwaj
Germany lawmakers raised demand to send back millions of Syrian refugees

सीरिया में लंबे समय से जारी गृह युद्ध के बीच राष्ट्रपति बशर अल असद की सरकार गिरने के साथ ही जर्मनी में नई बहस शुरू हो गईहै. एक ओर जहां सीरियाई शरणार्थी सीरिया में हुए तख्तापलट का जश्न मना रहे हैं, वहीं जर्मनी के कई सांसदों ने इन लाखों सीरियाई शरणार्थियों को उनके वतन वापस भेजने की मांग शुरू कर दी है. इन सांसदों का कहना है कि अब जर्मनी इन शरणार्थियों का बोझ नहीं उठा सकता है.

सीरियाई शरणार्थियों ने मनाया जश्न

सीरियाई शरणार्थियों ने बशर अल असद की सरकार के पतन के बाद जर्मनी की सड़कों पर उत्सव मनाया लेकिन यह खुशी ज्यादा देर तक नहीं टिक सकी क्योंकि जर्मनी के नेताओं ने उनकी वापसी की मांग शुरू कर दी. जर्मनी की दक्षिणपंथी पार्टी ‘ऑल्टरनेटिव फॉर जर्मनी (AfD)’ की नेता ऐलिस वाईडल ने कहा, 'जो लोग 'स्वतंत्र सीरिया' का जश्न मना रहे हैं, उनके पास अब शरणार्थी बने रहने का कोई कारण नहीं है. उन्हें तुरंत सीरिया लौट जाना चाहिए.'

इसी तरह, जर्मन सांसद जेंस स्पैन ने भी शरणार्थियों को स्वदेश भेजने की बात कही और सुझाव दिया कि उन्हें घर लौटने के लिए आर्थिक सहायता प्रदान की जाए. उन्होंने कहा, 'हम उनकी वापसी के लिए विशेष उड़ानों का प्रबंध कर सकते हैं और उन्हें 1,000 यूरो की शुरुआती सहायता दी जाएगी.'

राजनीतिक दलों की सहमति और विवाद
आश्चर्यजनक रूप से, यह मांग न केवल दक्षिणपंथी दलों बल्कि वामपंथी नेताओं के बीच भी समर्थन पा रही है. बवेरिया के कंज़र्वेटिव नेता मार्कस सोडर ने कहा, 'अगर शरण देने का कारण समाप्त हो गया है, तो किसी व्यक्ति के जर्मनी में रहने का कानूनी आधार भी समाप्त हो जाता है.'

वामपंथी नेता सारा वागेनख्नेक्ट, जो हाल ही में एक नई एंटी-इमीग्रेशन पार्टी की स्थापना कर चुकी हैं, ने कहा, 'मैं उम्मीद करती हूं कि जो सीरियाई यहां जश्न मना रहे हैं, वे जल्द से जल्द अपने देश लौट जाएं.'

जर्मनी में शरणार्थियों की स्थिति और चिंता
2015 में तत्कालीन चांसलर एंजेला मर्केल ने सीरिया से लाखों शरणार्थियों के लिए जर्मनी के दरवाजे खोल दिए थे. उनका नारा 'हम इसे संभाल लेंगे' उस समय मानवता की मिसाल बन गया था. लेकिन लगभग एक दशक बाद, जर्मनी में शरणार्थियों की बढ़ती संख्या के साथ यह मुद्दा राजनीतिक बहस का केंद्र बन गया है. आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, अक्टूबर 2023 तक जर्मनी में लगभग 9.75 लाख सीरियाई नागरिक रह रहे थे, जो यूरोप में सीरियाई शरणार्थियों की सबसे बड़ी संख्या है.