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'भूखा मरना' या 'आत्मसमर्पण', उत्तरी गाजा के लिए नेतन्याहू के दिमाग में चल रहा 'जनरल्स प्लान'?

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक सेवानिवृत्त जनरलों के एक समूह द्वारा नेतन्याहू और इजरायली संसद के समक्ष प्रस्तावित योजना के तहत गाजा पट्टी के उत्तरी तीसरे हिस्से (जिसमें गाजा शहर भी शामिल है) में रहने वाले फिलिस्तीनियों को क्षेत्र को बंद सैन्य क्षेत्र घोषित करने से पहले उसे खाली करने के लिए एक सप्ताह का समय दिया जाएगा.

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Edited By: India Daily Live
Benjamin Netanyahu
Courtesy: Social Media

इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने उत्तरी गाजा के जबालिया में इजरायल के सैन्य अभियान तेज करने की बात कही है. इसके लिए इजरायल रक्षा बल (आईडीएफ) नागरिकों से खाली करने और दक्षिण की ओर जाने का आग्रह कर रहा है. नई रिपोर्ट बताती हैं कि यह क्षेत्र में मानवीय सहायता को बंद करने की विवादास्पद योजना का अग्रदूत हो सकता है, एक रणनीति जिसका उद्देश्य हमास के आतंकवादियों को भूखा मारना है, लेकिन यह सैकड़ों हज़ारों फ़िलिस्तीनियों को भोजन या पानी के बिना रख सकता है.

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक सेवानिवृत्त जनरलों के एक समूह द्वारा नेतन्याहू और इजरायली संसद के समक्ष प्रस्तावित योजना के तहत गाजा पट्टी के उत्तरी तीसरे हिस्से (जिसमें गाजा शहर भी शामिल है) में रहने वाले फिलिस्तीनियों को क्षेत्र को बंद सैन्य क्षेत्र घोषित करने से पहले उसे खाली करने के लिए एक सप्ताह का समय दिया जाएगा. ऐसे में जो लोग बचेंगे उन्हें लड़ाके माना जाएगा, सैन्य नियमों के अधीन, जो सैनिकों को उन्हें मारने की अनुमति देते हैं, तथा उन्हें भोजन, पानी, दवा और ईंधन जैसी आवश्यक आपूर्ति से वंचित रखा जाएगा.

क्या है 'जनरल्स प्लान'?

खबरों की मानें तो 'जनरल्स प्लान' नाम की इस रणनीति का उद्देश्य हमास के नेतृत्व को खत्म करना तथा नागरिक आबादी के लिए असहनीय परिस्थितियां पैदा करके उत्तरी गाजा पर सशस्त्र समूह की पकड़ को खत्म करना है.

योजना पर काम करने वाले जियोरा एइलैंड, जो राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के पूर्व प्रमुख हैं, का मानना ​​है कि एक वर्ष से चल रहे युद्ध को समाप्त करने तथा हमास पर शेष इजरायली बंधकों को रिहा करने के लिए दबाव डालने का यही एकमात्र तरीका है.

सुरक्षित गलियारों से निकलने के लिए 10 दिन के समय की मांग

वहीं एइलैंड ने बीबीसी को बताया, 'हमने पिछले नौ या दस महीनों में गाजा के उत्तरी भाग को घेर लिया है, इसलिए हमें उन सभी 300,000 निवासियों (संयुक्त राष्ट्र के अनुमान के अनुसार 400,000) को बताना चाहिए जो अभी भी गाजा के उत्तरी भाग में रहते हैं कि उन्हें यह क्षेत्र छोड़ना होगा और उन्हें इजरायल द्वारा उपलब्ध कराए जाने वाले सुरक्षित गलियारों से निकलने के लिए 10 दिन का समय दिया जाना चाहिए.'

'इजरायल जनरल्स प्लान को अपनाएगी या नहीं.

उन्होंने आगे कहा,' तब तक यह पूरा क्षेत्र सैन्य क्षेत्र बन जाएगा, सभी बचे हुए हमास लड़ाकों या नागरिकों के पास दो विकल्प होंगे. या तो आत्मसमर्पण करें या भूख से मरें.' हालांकि विस्तृत प्रस्ताव के बाद भी यह स्पष्ट नहीं है कि इजरायल सरकार तथाकथित जनरल्स प्लान को अपनाएगी या नहीं.

जब एपी ने पूछा कि क्या उत्तरी गाजा में हाल ही में दिए गए निकासी आदेश इसी रणनीति का हिस्सा थे, तो इजरायली सैन्य प्रवक्ता लेफ्टिनेंट कर्नल नदाव शोशानी ने इससे इनकार करते हुए कहा, 'हमें ऐसी कोई योजना नहीं मिली है. हालांकि, मामले की जानकारी रखने वाले एक अधिकारी ने एपी को बताया कि योजना के कुछ हिस्सों पर पहले से ही काम चल रहा है, आगे उन्होंने यह नहीं बताया कि किन हिस्सों पर काम होगा.'

इजरायल पहले से ही उत्तरी गाजा पर कस रहा शिकंजा 

एपी से बात करने वाले एक अन्य इजरायल अधिकारी ने पुष्टि की कि नेतन्याहू ने संघर्ष के दौरान प्रस्तुत किए गए अन्य प्रस्तावों के साथ-साथ इस योजना की भी समीक्षा की थी लेकिन उन्होंने इस बात का कोई संकेत नहीं दिया कि इसे मंजूरी दी गई है या नहीं लेकिन ऐसा लगता है कि इजरायल पहले से ही उत्तरी गाजा पर शिकंजा कस रहा है. इजरायली सेना ने पिछले सप्ताह गाजा शहर के उत्तर में जबालिया शरणार्थी शिविर में हमास लड़ाकों के खिलाफ ताजा हमला किया.