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India Daily

पीटर नैवारो से हॉवर्ड लुटनिक तक..., यहां पढ़ें ट्रंप की 'टैरिफ तिकड़ी' ने कैसे फूंका बिगुल?

Trump Tariff Team: पीटर नैवारो को चीन के प्रमुख आलोचकों में गिना जाता है. उन्होंने चीन पर दो महत्वपूर्ण किताबें लिखी हैं और ट्रंप की अमेरिका की प्राथमिकता नीति के मजबूत समर्थक रहे हैं.

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Edited By: Ritu Sharma
Trump Tariff Team
Courtesy: Social Media

Trump Tariff Policy: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 70 से ज्यादा देशों को रेसिप्रोकल टैरिफ से अस्थायी राहत देते हुए 90 दिन की छूट दी है, लेकिन चीन को इस छूट से पूरी तरह बाहर रखा गया है. चीन पर सीधे 125% टैरिफ लगाकर अमेरिका ने एक बड़ा झटका दिया है. अब जब पूरी दुनिया इस फैसले से हिली हुई है, तो सवाल उठता है—आखिर इस रणनीति के पीछे कौन हैं? जवाब है- ट्रंप की टैरिफ टीम की त्रिमूर्ति: पीटर नैवारो, स्कॉट बेसेंट और हॉवर्ड लुटनिक.

टैरिफ आइडिया का मास्टरमाइंड

बता दें कि पीटर नैवारो, ट्रंप के आर्थिक सलाहकार और 'Death by China' जैसी चर्चित किताबों के लेखक, इस नीति के सबसे बड़े आर्किटेक्ट माने जाते हैं. नैवारो ने चीन के खिलाफ कड़ा रुख अपनाने की वकालत की और रेसिप्रोकल टैरिफ का मूल आइडिया भी उन्हीं का था. उनका मानना है कि टैरिफ के जरिए अमेरिका विदेशी आयात पर निर्भरता घटा सकता है और घरेलू मैन्युफैक्चरिंग को बूस्ट मिलेगा.

इकोनॉमी को बूस्ट देने वाला फॉर्मूला

वहीं अमेरिकी वित्त मंत्री स्कॉट बेसेंट, जो पहले हेज फंड मैनेजर रहे हैं, ट्रंप की टैरिफ नीति के मजबूत पैरोकार हैं. उन्होंने नैवारो के आइडिया को राजनीतिक और आर्थिक रूप से सही ठहराया. बेसेंट के मुताबिक, "टैरिफ से शेयर बाजार में हलचल भले हो, लेकिन इससे देश को मंदी से बचाने और ग्रोथ को बढ़ावा देने में मदद मिलेगी."

ट्रंप के खास दोस्त हॉवर्ड लुटनिक

बताते चले कि वाणिज्य मंत्री हॉवर्ड लुटनिक, जो निवेश बैंकिंग से जुड़े रहे हैं, ट्रंप के पुराने भरोसेमंद हैं. उन्हें टैरिफ का डि फैक्टो चेहरा माना जाता है. उन्होंने टैरिफ को कूटनीति का हथियार बताया, जिसका मकसद देशों को अमेरिका के साथ न्यायपूर्ण व्यापार करने के लिए मजबूर करना है. लुटनिक खास तौर पर चीन और वियतनाम जैसे देशों पर ज्यादा टैरिफ लगाने के सपोर्ट में हैं.