Nostradamus Prediction: साल 2025 में प्लेग महामारी से मचेगा हाहाकार, इस देश में कोविड से 10 गुना तेजी से फैलेगा, नास्त्रेदमस की डरावनी भविष्यवाणी
चीन के वुहान इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी के वैज्ञानिकों ने HKU5-CoV-2 नामक एक नया कोरोनावायरस खोजा है, जो चमगादड़ों में पाया गया है. इस वायरस के मानव शरीर में फैलने की क्षमता है और यह कोविड से कहीं अधिक जानलेवा हो सकता है.
इंग्लैंड में हैरान कर देने वाला एक वायरस तेजी से फैल सकता है. जोकि एक नई महामारी की चपेट में आ सकता है, जिसकी डेथ रेट कोविड-19 से 10 गुना ज्यादा हो सकती है. बता दें कि, यह दावा न केवल वैज्ञानिकों ने किया है, बल्कि फ्रांसीसी एस्ट्रोलॉजर नास्त्रेदमस की 2025 की भविष्यवाणी भी इसी ओर इशारा कर रही है.
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, नास्त्रेदमस ने 14वीं शताब्दी में भविष्यवाणी की थी कि साल 2025 में इंग्लैंड पर युद्ध और एक पुरानी महामारी का प्रकोप होगा. मौजूदा समय में रूस-यूक्रेन युद्ध के बढ़ते तनाव के बीच, अब वैज्ञानिकों ने चीन में एक नया कोरोनावायरस खोजा है, जो मानव जाति के लिए बेहद घातक साबित हो सकता है.
चीन में खोजा गया नया घातक वायरस – HKU5-CoV-2
चीन के वुहान इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी के वैज्ञानिकों ने HKU5-CoV-2 नामक एक नया कोरोनावायरस खोजा है, जो चमगादड़ों में पाया गया है. इस वायरस के मानव शरीर में फैलने की क्षमता है और यह कोविड से कहीं अधिक जानलेवा हो सकता है.
सबसे खतरनाक बात यह है कि यह वायरस कोविड-19 से ज्यादा मिडिल ईस्ट रेस्पिरेटरी सिंड्रोम (MERS) से जुड़ा हैय जहां कोविड-19 की डेथ रेट लगभग 3.4% थी, वहीं MERS की मृत्यु दर 33.3% तक थी. यह वायरस संक्रमित शख्स को सांस लेने में तकलीफ, उल्टी और तेज़ बुखार जैसे गंभीर लक्षणों से पीड़ित कर सकता है और संक्रमित लोगों में से एक-तिहाई की मौत हो सकती है.
मानव कोशिकाओं को संक्रमित करने की क्षमता
वायरोलॉजिस्ट शी झेंगली, जिन्हें 'बैटवुमन' के नाम से जाना जाता है. उन्होंने इस वायरस की खोज की है. उनकी टीम द्वारा किए गए टेस्टों से पता चला है कि HKU5-CoV-2 वायरस उसी तरीके से मानव कोशिकाओं में प्रवेश कर सकता है, जिस तरह कोविड-19 करता था. यह संकेत करता है कि इससे बचाव बेहद कठिन हो सकता है.
इंसानों में संक्रमण फैलने का बड़ रहा खतरा
वैज्ञानिकों ने कबूल किया है कि यह वायरस "इंसानों में फैलने का जोखिम" बना रहता है, चाहे वह सीधे चमगादड़ों से हो या किसी अन्य जीव के माध्यम से ही न हो. HKU5-CoV वायरस पहली बार 2006 में चमगादड़ों में पाया गया था, लेकिन नई रिसर्च बताती है कि, HKU5-CoV-2 अन्य प्रजातियों में भी फैलने की ज्यादा क्षमता रखता है.
कोई वैक्सीन नहीं, कोई इलाज नहीं!
फिलहाल, इस वायरस के खिलाफ कोई वैक्सीन या प्रभावी इलाज उपलब्ध नहीं है. इससे पहले, अमेरिका में केवल दो लोगों को MERS से संक्रमित पाया गया था, लेकिन दोनों ही मामले मिडिल ईस्ट की यात्रा से जुड़े थे. एक्सपर्ट का मानना है कि यदि यह नया वायरस मानव शरीर में फैलने लगा, तो यह एक नई और घातक महामारी को जन्म दे सकता है.