France issues arrest warrant against Bashar al-Assad: फ्रांस की न्यायिक अधिकारियों ने सीरिया के पूर्व राष्ट्रपति बशर अल-असद के खिलाफ नया गिरफ्तारी वारंट जारी किया है. यह कदम असद पर युद्ध अपराधों में संलिप्तता के आरोपों के आधार पर उठाया गया है. सोमवार को जारी किया गया यह वारंट 2017 में सीरिया के दारा शहर में एक नागरिक की हत्या से जुड़ा हुआ है. यह फ्रांस द्वारा असद के खिलाफ जारी किया गया दूसरा गिरफ्तारी वारंट है. नवंबर 2023 में फ्रांसीसी अधिकारियों ने असद के खिलाफ 2013 में हुए रासायनिक हमलों के संदर्भ में पहला गिरफ्तारी वारंट जारी किया था. उस हमले में सरीन गैस का इस्तेमाल किया गया था, जिससे हजारों लोग मारे गए थे. सीरिया में तख्तापलट के बाद असद और उनका परिवार रूस भाग गए थे. अभी वह अपने रूस में ही शरण लिए हुए हैं.
इस गिरफ्तारी वारंट में असद को "सशस्त्र बलों के कमांडर-इन-चीफ" के रूप में जिम्मेदार ठहराया गया है. उनके आदेश पर सीरियाई सेना के हेलीकॉप्टरों ने 2017 में दारा में एक बमबारी की, जिसमें 59 वर्षीय फ्रांको-सीरियाई नागरिक, सलाह अबू नबोट की मौत हो गई थी. इस घटना के बाद से फ्रांसीसी न्यायिक अधिकारी इस मामले की जांच कर रहे थे.
फ्रांसीसी अधिकारियों के अनुसार, बशर अल-असद ने इस हमले को अंजाम देने के लिए आदेश दिया और आवश्यक संसाधन भी मुहैया कराए. यह नया गिरफ्तारी वारंट, 2018 में शुरू की गई एक लंबी जांच का हिस्सा है, जिसमें पहले भी कई सीरियाई सेना के उच्च अधिकारियों के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किए गए थे.
सलाह अबू नबोट के बेटे ओमार अबू नबोट ने कहा, "यह मामला न्याय के लिए हमारी लंबी लड़ाई का परिणाम है, जिसे हमने शुरू से ही भरोसा किया था." उन्होंने उम्मीद जताई कि "एक दिन दोषियों को गिरफ्तार कर उन्हें न्याय मिलेगा."
2013 के हमले में असद की भागीदारी को लेकर फ्रांसीसी न्यायिक अधिकारियों ने कहा था कि सार्वजनिक अभियोजक को असद को राज्य प्रमुख के रूप में दी जाने वाली छूट का हवाला देते हुए इस वारंट पर पुनर्विचार करने की सलाह दी थी. लेकिन अब असद के पद से हटा दिए जाने के बाद उनकी स्थिति और छूट पर सवाल उठ रहे हैं, क्योंकि उन्हें अब एक पूर्व राज्य प्रमुख के रूप में कोई विशेष सुरक्षा नहीं मिली है.