Earthquakes Today: रविवार सुबह, एक घंटे के भीतर भारत, म्यांमार और ताजिकिस्तान में चार भूकंपों ने पूरे मध्य और दक्षिण एशिया में चिंता का माहौल बना दिया. हिमालयी क्षेत्रों से लेकर मध्य एशियाई शहरों तक, इन कंपनों ने निवासियों को इमारतों से बाहर भागने के लिए मजबूर किया, जो इस क्षेत्र के भूगर्भीय अस्थिरता का प्रतीक थे.
सुबह 9 बजे, हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले में पहला भूकंप आया, जिसकी तीव्रता 3.4 मापी गई और यह 5 किमी की गहराई पर हुआ. नेशनल सेंटर फॉर सिस्मोलॉजी (NCS) के अनुसार, भूकंप का केंद्र 31.49 डिग्री उत्तर अक्षांश और 76.94 डिग्री पूर्व देशांतर पर स्थित था. हालांकि इसे मामूली भूकंप माना गया, लेकिन यह इतना तीव्र था कि निवासियों ने हल्की आवाज के बाद अचानक कंपन महसूस किया और जल्दी-जल्दी अपने घरों और दफ्तरों से बाहर निकल आए. इस भूकंप में कोई हताहत या संपत्ति का नुकसान नहीं हुआ है.
इसके बाद म्यांमार के मीकटिला के पास एक 5.5 तीव्रता का भूकंप आया जो 28 मार्च को आए 7.7 तीव्रता के विनाशकारी भूकंप के बाद से सबसे मजबूत आफ्टरशॉक था. उस भूकंप में 3,600 से अधिक लोगों की मौत हो गई थी और हजारों घायल हुए थे.
यह भूकंप मांडले एंड नेपयितव में महसूस किया गया, जहां लोग अभी भी मार्च में हुए आपदा से उबरने की कोशिश कर रहे हैं. कुछ निवासियों ने बताया कि भूकंप इतना मजबूत था कि लोग इमारतों से बाहर निकलने लगे, और कुछ घरों की छतें भी क्षतिग्रस्त हो गईं. हालांकि, इस बार कोई नई हताहत की सूचना नहीं है, लेकिन यह भूकंप पहले से ही दुख और पीड़ा से जूझ रहे लोगों में और चिंता पैदा कर रहा है.
सुबह 9.54 बजे, ताजिकिस्तान में 6.1 तीव्रता का एक भूकंप आया, जिसकी गहराई 10 किमी थी. इसका केंद्र 38.86°N, 70.61°E पर था, और यह दिन का सबसे मजबूत भूकंप था. आसपास के शहरों के निवासियों ने यह भूकंप महसूस किया, और कई दुकानों और स्कूलों को सुरक्षा के कारण खाली करवा लिया गया. इसके बाद, ताजिकिस्तान में सुबह 10:36 बजे 3.9 तीव्रता का एक और भूकंप आया जिससे क्षेत्र में भूगर्भीय गतिविधि बढ़ने की चिंता और बढ़ गई है.