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India Daily

सबसे लंबे समय तक जीवित रहने वाले अमेरिकी राष्ट्रपति का निधन, हरियाणा के गांव से था खास कनेक्शन

अमेरिका के 39वें राष्ट्रपति रहे जिमी कार्टर का 100 साल की आयु में निधन हो गया. जिमी कार्टर 1977 से 1981 तक अमेरिका के 39वें राष्ट्रपति रहे. जब उनका निधन हुआ तब उनकी उम्र 100 साल थी.

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Edited By: Gyanendra Sharma
jimmy carter
Courtesy: Social Media

अमेरिका के 39वें राष्ट्रपति रहे जिमी कार्टर का 100 साल की आयु में निधन हो गया. जिमी कार्टर 1977 से 1981 तक अमेरिका के 39वें राष्ट्रपति रहे. जब उनका निधन हुआ तब उनकी उम्र 100 साल थी. जिमी कार्टर का प्लेन्स जॉर्जिया में निधन हो गया, जहां उनका जन्म हुआ था. कार्टर ने अपनी मृत्यु से पहले लगभग दो साल हॉस्पिस देखभाल में बिताए.

जिमी कार्टर की पत्नी का नवंबर 2023 में 96 वर्ष की आयु में मृत्यु हो गई थी. उनके चार बच्चे जैक, चिप, जेफ़ और एमी, और 11 पोते-पोतियां और 14 नाती-नातिनें हैं. सौ साल तक जीवित रहने के कारण कार्टर अमेरिका के इतिहास में सबसे लंबी उम्र तक जीवित रहने वाले पूर्व राष्ट्रपति बने हैं. अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने उनके निधन पर शोक जताया है.

डोनाल्ड ट्रंप ने दी श्रद्धांजलि

एक बयान जारी करते हुए बाइडन ने लिखा कि आज अमेरिका और दुनिया ने एक असाधारण नेता, राजनेता और मानवतावादी खो दिया है. अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भी उन्हें श्रद्धांजलि दी है. उन्होंने लिखा, हमारे देश के लिए महत्वपूर्ण समय पर जिमी ने राष्ट्रपति के रूप में चुनौतियों का सामना किया और अमेरिकी लोगों की ज़िंदगी को बेहतर बनाने के लिए काम किया.

हरियाणा के गांव से खास कनेक्शन

अमेरिका में जन्में जिमी कार्टर का भारत से एक खास नाता रहा है. जब वे भारत आए थे तब  हरियाणा के एक गांव में गए थे. अपने इस दौरे के दौरान जब उन्होंने गुरुग्राम जिले के दौलतपुर नसीराबाद गांव जाने की इच्छा जाहिर की तो हर कोई हैरान रहे गया. कार्टर अपनी मां के साथ गांव में गए. दरअसल जिमी कार्टर की मां एक नर्स थी और वर्ल्‍ड वार के दौरान भारत आई थी. दौलतपुर नसीराबाद गांव में उनकी मां का आना जाना था. इस दौरान उनके गर्भ में जिमी थे. कुछ साल भारत रहने के बाद वो वापस अमेरिका चले गई थी.जब जिमी कार्टर भारत आए तो उनकी मां ने दौलतपुर नसीराबाद गांव जाने की इच्छा जताई. दौलतपुर नसीराबाद गांव के लोगों को जिमी कार्टर इतने पसंद आए कि उन्होंने अपने गांव का नाम ही बदल दिया और 'कार्टरपुरी' गांव रख दिया.

2002 में नोबेल शांति पुरस्कार

जिमी कार्टर पिछले कुछ दिनों से मेलानोमा बीमारी से पीड़ित थे. यह स्किन कैंसर का ही एक रूप होता है. इस बीमारी के चलते उनका लिवर खराब हो गया था. 2023 में ही उन्होंने फैसला लिया है कि अब घर पर ही उनका इलाज किया जाएगा. कार्टर को 2002 में नोबेल शांति पुरस्कार दिया गया था.