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India Daily

100 साल की उम्र में अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति का निधन, नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित किए गए थे जिमी कार्टर

अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति और नोबेल शांति पुरस्कार विजेता जिमी कार्टर का 100 साल की उम्र में निधन हो गया. वे अमेरिकी इतिहास में सबसे लंबे समय तक जीवित रहने वाले राष्ट्रपति थे.

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Edited By: Kamal Kumar Mishra
Jimmy Carter
Courtesy: x

US News: पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति और नोबेल शांति पुरस्कार विजेता जिमी कार्टर का 100 वर्ष की आयु में निधन हो गया. वह 1977 से 1981 तक अमेरिका के 39वें राष्ट्रपति के रूप में कार्यरत रहे. हाल के वर्षों में, कार्टर को कई स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ा, जिसमें मेलेनोमा (त्वचा कैंसर) शामिल था, जो उनके लीवर और मस्तिष्क तक फैल गया था. साल 2023 में उन्होंने अपनी देखभाल के लिए हॉस्पिस सेवा को अपनाया जो उन मरीजों के लिए होती है जिनका जीवन समाप्ति की ओर बढ़ रहा होता है और अतिरिक्त उपचार से बचना चाहते हैं.

कार्टर ने 1977 में रिपब्लिकन राष्ट्रपति गेराल्ड फोर्ड को हराकर अमेरिका का नेतृत्व शुरू किया. अपने कार्यकाल के दौरान, उन्होंने इजरायल और मिस्र के बीच 1978 में कैंप डेविड समझौता स्थापित किया, जो मध्य पूर्व में शांति की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम था. इसके लिए उन्हें 2002 में नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित किया गया. हालांकि, 1980 के चुनाव में उन्हें अभिनेता से राजनेता बने रोनाल्ड रीगन से हार का सामना करना पड़ा. 

'कार्टर सेंटर' से मजलूमों की मदद

अपने राष्ट्रपति पद के बाद, जिमी कार्टर ने मानवीय कार्यों में अपनी सक्रियता जारी रखी. उन्हें दुनिया भर में मानवाधिकारों के पक्षधर और भूख एवं गरीबी के खिलाफ अभियान चलाने के लिए जाना जाता है. उन्होंने अपनी संस्था 'कार्टर सेंटर' के माध्यम से अंतरराष्ट्रीय संघर्षों के शांतिपूर्ण समाधान और वंचितों की मदद की. 

कार्टर के परिवार ने उन्हें नायक करार दिया और उनके बेटे चिप कार्टर ने कहा कि उनके पिता का जीवन शांति, मानवाधिकार और निःस्वार्थ प्रेम का प्रतीक था. अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन और पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने भी कार्टर के योगदान को श्रद्धांजलि अर्पित की और उन्हें एक असाधारण नेता और मानवतावादी बताया.

अमेरिका ने खोया महान नेता

जिमी कार्टर का कार्यकाल आर्थिक मंदी और ईरान बंधक संकट जैसी समस्याओं से घिरा था, लेकिन उनका योगदान दुनिया भर में शांति, लोकतंत्र और मानवाधिकारों के लिए अतुलनीय रहेगा. उनके निधन से अमेरिका और दुनिया ने एक महान नेता को खो दिया है, जो राजनीतिक संघर्षों से ऊपर उठकर मानवता की सेवा में समर्पित रहे.