अमेरिका के फ्लोरिडा राज्य में हैरान कर देने वाली घटना घटी है. यहां एक भारतीय मूल की नर्स पर क्रूर हमला करने वाले शख्स ने कोर्ट में विवादित बयान दिया है. जहां उसने कोर्ट को गवाही देने के दौरान कहा,'भारतीय बुरे होते हैं. मैंने अभी एक भारतीय डॉक्टर को बुरी तरह पीटा. दरअसल, यह बयान उस समय सामने आया जब एक पुलिस अधिकारी ने आरोपी के खिलाफ गवाही दी.
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, हमलावर, 33 वर्षीय स्टीफन स्कैंटलबरी, फ्लोरिडा के HCA पल्म्स वेस्ट हॉस्पिटल के मानसिक स्वास्थ्य वार्ड में भर्ती एक मरीज था. जहां 19 फरवरी को उसने 67 साल की लीलेम्मा लाल पर हमला किया, जिससे उन्हें चेहरे में कई फ्रैक्चर हुए.
आरोपी के खिलाफ कोर्ट में पुलिस अधिकारी ने दी गवाही
इस नस्लीय हमले के बारे में पल्म बीच काउंटी शेरिफ ऑफिस की सर्जेंट बेथ न्यूकोम्ब ने कोर्ट में गवाही दी. उन्होंने बताया कि स्कैंटलबरी ने पल्म्स वेस्ट हॉस्पिटल से बिना शर्ट और मेडिकल लीड्स के साथ भागते हुए कहा, “भारतीय बुरे होते हैं. मैंने अभी एक भारतीय डॉक्टर को बुरी तरह पीटा.
जानिए क्या है पूरा मामला?
स्थानीय रिपोर्ट के अनुसार, स्कैंटलबरी ने नर्स लीलेम्मा लाल को इतनी बुरी तरह मारा कि “उनके चेहरे की लगभग हर हड्डी टूट गई है. हमलावर को घटना के बाद तुरंत गिरफ्तार किया गया और उसे हत्या के प्रयास और नफरत के अपराध के आरोप में गिरफ्तार किया गया. गिरफ्तारी के समय स्कैंटलबरी शर्टलेस, जूतेहीन और EKG लीड्स से ढका हुआ था. सूत्रों के अनुसार, उसे फ्लोरिडा के बेकर एक्ट के तहत अस्पताल में भर्ती किया गया था, जिसका मकसद मानसिक स्वास्थ्य के आकलन और तात्कालिक संकट को हल करना होता है.
नर्स लीलेम्मा लाल के लिए समर्थन में उतरा हिंदू अमेरिकन फाउंडेशन
हालांकि, इस घटना के फौरन बाद नर्स लीलेम्मा लाल के लिए समर्थन का एक सैलाब उमड़ पड़ा है, और अस्पतालों में सुरक्षा उपायों को कड़ा करने की मांग भी तेज हो गई है. एक याचिका ने, जो हेल्थकेयर कर्मचारियों पर हमले करने वालों के लिए कड़ी सजा की मांग कर रही है, केवल दो दिनों में 9,500 से अधिक हस्ताक्षर जुटाए हैं.
हिंदू अमेरिकन फाउंडेशन ने भी इस हमले पर अपनी प्रतिक्रिया दी है. एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा, “फ्लोरिडा के एक अस्पताल में एक मरीज ने नर्स लीला लाल को गंभीर रूप से घायल कर दिया, जबकि वह यह कह रहा था, ‘भारतीय बुरे होते हैं’ और ‘मैंने उस भारतीय डॉक्टर को बुरी तरह पीटा. बढ़ते हुए भारत विरोधी बयानबाजी से जीवन खतरे में हैं. यह रुकना चाहिए.