NASA की उम्मीदों को झटका, इतिहास रचने के बाद हमेशा के लिए सो गया ODIE
Odysseus Mission: चांद की सतह पर उतरने वाले पहले निजी मिशन ओडिसियस की समाप्ति की कंपनी ने घोषणा कर दी है. 22 फरवरी को चांद पर यह मिशन उतरने में कामयाब रहा था.
Odysseus Mission: अमेरिका के पहले प्राइवेट मून लैंडर मिशन ओडिसियस ने 22 फरवरी को चांद की सतह पर उतरने में ऐतिहासिक कामयाबी हासिल की थी. ह्यूस्टन स्थित इंटिटिव मशीन्स के ओडीसियस मिशन ( IM-1) ऐसा करने वाला पहला स्पेसक्राफ्ट था. लेकिन अब कंपनी ने कहा है कि लैंडर का सफर खत्म हो गया है क्योंकि हमारे इंजीनियर्स को लैंडर से कोई संदेश नहीं मिला है.
इंटिटिव मशीन्स के ओडीसियस मून लैंडर ने चांद की सतह पर पृथ्वी के सात दिनों तक काम किया और चांद की सतह पर सूरज के डूबने के बाद वह पॉवर सेविंग मोड में चला गया. रिपोर्ट के मुताबिक, मिशन को पृथ्वी के सात दिनों तक काम करने के हिसाब से डिजाइन किया गया था लेकिन वैज्ञानिकों को उम्मीद थी कि सूर्य का प्रकाश पड़ने पर यह फिर से काम करना शुरू कर देगा.
कंपनी ने अपनी एक्स पोस्ट पर कहा कि उनके इंजीनियर्स ने ओडिसियस से वेकअप सिग्नल सुनने का प्रयास किया लेकिन उन्हें कोई सिग्नल नहीं मिला. ऐसे में हम मान रहे हैं कि स्पेसक्राफ्ट ने अब पूरी तरह से काम करना बंद कर दिया है. चांद की सतह पर उतरने वाले पहले कॉमर्शियल लैंडर ओडीसियस ने इतिहास रचने में तो कामयाब रहा लेकिन अब वह जवाब देने में विफल रहा है.
ओडीसियस मिशन नासा की कॉमर्शियल लुनार पेलोड सर्विसेज (CLPS) पहल का हिस्सा था. इस पहल के माध्यम से नासा चांद की सतह पर उपकरण और प्रौद्योगिकी पहुंचाने के लिए निजी कंपनियों के साथ काम करता है.