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मिलने वाला है एलियन? वो 3 अभियान जहां मिल सकता है दूसरी दुनिया का सबूत

Alien Life in our Solar System: क्या हम अकेले हैं? क्या हमारे अपने सौरमंडल में कहीं पर कोई बाहरी जीवन मौजूद है? इस सवाल का जवाब पाने के लिए अमेरिकी अंतरिक्ष अनुसंधान संस्था (नासा) कई महत्वपूर्ण अभियानों पर काम कर रही है.

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Edited By: India Daily Live
NAsa Alien Life

Alien Life in our Solar System: क्या हम अकेले हैं? ब्रह्मांड में कहीं और कोई अस्तित्व है? यह सवाल सदियों से वैज्ञानिकों और दार्शनिकों को रोमांचित करता रहा है. अमेरिकी अंतरिक्ष अनुसंधान संस्था (नासा) इस रहस्य को सुलझाने के लिए लगा हुआ है और हमारे अपने सौरमंडल में ही जीवन की तलाश के लिए कई महत्वाकांक्षी अभियान चला रही है.

आइए उन तीन रोमांचक मिशन्स पर एक नजर डालते हैं जो संभवतः एलियन लाइफ ढूंढ निकाल सकते हैं.

पहला पड़ाव: बृहस्पति का चंद्रमा यूरोपा

नासा का यूरोपा क्लिपर मिशन एक महत्वाकांक्षी अंतरिक्ष यान को बृहस्पति ग्रह की परिक्रमा के लिए लॉन्च करेगा लेकिन इसका असली मिशन बृहस्पति के चंद्रमा यूरोपा की जांच करना है. यूरोपा आकार में पृथ्वी के चंद्रमा के बराबर है, लेकिन वैज्ञानिकों का मानना है कि यह बर्फीली दुनिया अपने सतह के नीचे एक विशाल महासागर को छुपाए हुए है. यह महासागर तरल पानी का एकमात्र ज्ञात स्रोत है जो हमारे सौरमंडल में किसी अन्य चंद्रमा पर पाया गया है और तरल पानी को जीवन के लिए आवश्यक माना जाता है.

यूरोपा क्लिपर इस विशाल छिपे हुए महासागर का अध्ययन करने के लिए हाई लेवल टेक्नॉलजी से लैस होगा. यह जांच करेगा कि क्या महासागर में जीवन के अनुकूल रासायनिक स्थितियां मौजूद हैं. उदाहरण के लिए, वैज्ञानिक यह जानना चाहते हैं कि क्या महासागर में पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन और अन्य पोषक तत्व हैं. 2024 में लॉन्च होने वाले इस यान के 2030 तक यूरोपा पहुंचने की उम्मीद है.

दूसरा पड़ाव: शनि का रहस्यमयी चंद्रमा टाइटन

नासा का ड्रैगनफ्लाई मिशन टाइटन के लिए रवाना होगा, जो शनि ग्रह का सबसे बड़ा चंद्रमा है. टाइटन वैज्ञानिकों के लिए विशेष रूप से रोमांचक है क्योंकि यह हमारे सौरमंडल का एकमात्र ऐसा चंद्रमा है जिसकी सतह पर स्थायी रूप से तरल पदार्थ मौजूद हैं. हालांकि, टाइटन पर पाए जाने वाले तरल पदार्थ पानी नहीं बल्कि हाइड्रोकार्बन हैं, जो पृथ्वी पर ईंधन के रूप में पाए जाते हैं.

फिर भी, टाइटन को पृथ्वी के शुरुआती वातावरण के समान माना जाता है. वैज्ञानिकों का मानना है कि टाइटन पर जटिल कार्बनिक अणु पाए जा सकते हैं, जो जीवन के निर्माण ब्लॉक्स के रूप में काम करते हैं. ड्रैगनफ्लाई एक अनोखा उड़ने वाला रोबोट है जिसे टाइटन की सतह पर उतरने और विभिन्न वातावरणों का अध्ययन करने के लिए डिजाइन किया गया है. यह मिशन टाइटन के वायुमंडल, सतह और संभावित रूप से भूमिगत महासागर की जांच करेगा. यह पिछले या वर्तमान जीवन के किसी भी संकेत की तलाश करेगा. ड्रैगनफ्लाई 2028 में लॉन्च होगा और 2034 में टाइटन पर पहुंचने की उम्मीद है. यह किसी भी चंद्रमा पर उड़ान भरने वाला पहला मानव निर्मित यान होगा.

तीसरा पड़ाव: मंगल - हमारा लाल पड़ोसी

नासा अकेले अंतरिक्ष जीवन की खोज में नहीं है. यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी के साथ सहयोग में, एक रोबोटिक मिशन जिसे रोसलिंड फ्रैंकलिन एक्सोमार्स रोवर कहा जाता है, को मंगल ग्रह पर भेजा जाएगा. यह छह पहियों वाला रोबोट मंगल की सतह पर घूमने के लिए डिजाइन किया गया है और इसमें एक ड्रिल और एक प्रयोगशाला दराज है. यह मंगल की सतह के नीचे से चट्टान के नमूने लेगा और उनका विश्लेषण करेगा. वैज्ञानिक इन नमूनों में कार्बनिक यौगिकों की तलाश करेंगे, जो कार्बन आधारित रसायन होते हैं और जीवन के संभावित संकेतक हो सकते हैं. हालांकि कार्बनिक यौगिक स्वयं जीवन का प्रमाण नहीं हैं, उनकी उपस्थिति यह दर्शा सकती है कि जीवन अतीत में मौजूद था या वर्तमान में भी मौजूद हो सकता है.

एक्सोमार्स रोवर का मूल लॉन्च 2028 से पहले होना निर्धारित था. हालांकि, यूक्रेन पर रूस के आक्रमण के कारण यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी और रूसी अंतरिक्ष एजेंसी रोस्कॉसम के बीच साझेदारी समाप्त हो गई थी. नतीजतन, मिशन में देरी हुई है, लेकिन एक नए लॉन्च की तारीख की घोषणा इस साल के अंत में होने की उम्मीद है.

इन तीन महत्वाकांक्षी अभियानों के साथ, नासा और उसके सहयोगी ब्रह्मांड के रहस्यों को उजागर करने और यह निर्धारित करने के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं कि क्या हम अकेले हैं. यह खोज मानव इतिहास में एक महत्वपूर्ण मोड़ हो सकती है और यह हमारे सौरमंडल और जीवन की उत्पत्ति के बारे में हमारी समझ को हमेशा के लिए बदल सकती है.