नई दिल्लीः मिस्र के मरुस्थलों में भारतीय वायुसना के फाइटर जेट 21 दिनों तक अपनी ताकत दिखते नजर आएंगे. भारतीय वायुसेना के पांच मिग-29 फाइटर जेट, छह ट्रांसपोर्ट वाहन और इसके विशेष बल के कर्मियों का एक ग्रुप बहुपक्षीय युद्धाभ्यास में भाग ले रहा है. रिपोर्ट के मुताबिक, यह द्विवार्षिक त्रि-सेवा अभ्यास ब्राइट स्टार काहिरा के एयर बेस में हो रहा है. इस अभ्यास में मिस्र और भारत के अलावा अमेरिका, सऊदी अरब, ग्रीस और कतर की सेनाएं भी भाग ले रही हैं. भारतीय वायुसेना इसमें पहली बार भाग ले रही है.
भारतीय वायुसेना ने क्या कहा
भारतीय वायुसेना ने कहा कि इस अभ्यास में वायुसेना दल के पांच मिग-29, दो IL-78, दो C-30 और दो C-17 विमान शामिल हैं. भारतीय वायुसेना के गरूड़ विशेष बल के कमिर्यों के अतिरिक्त 28,78, 81 स्क्वाड्रन के सदस्य भी इसमें हिस्सा लेंगे. वायुसेना ने कहा कि इस अभ्यास का मकसद संयुक्त अभियानों की योजना और उसके अनुरूप कार्य करने का अभ्यास करना है.
रणनीतिक साझेदारी तक पहुंचे कदम
भारतीय वायुसेना ने अपने बयान में कहा कि भारत और मिस्र के बीच बहुत गहरे संबंध हैं. दोनों देशों ने 1960 के दशक में एयरो-इंजन और प्लेन का संयुक्त रूप से विकास किया था.
मिस्र के पायलटों को भारत ने प्रशिक्षण दिया था. मिस्र के राष्ट्रपति अब्दुल फतेह-अल-सीसी की भारत यात्रा के बाद दोनों देशों के संबंध रणनीतिक साझेदारी तक पहुंच गए हैं.
संबंध हो रहे मजबूत
भारत और मिस्र के बीत बीते कुछ सालों में रणनीतिक सहयोग में बढ़त देखने को मिली है. दोनों देशों की सेनाओं ने पहली बार इस साल जनवरी में संयुक्त अभ्यास किया था. मिस्र भारत से पहले ही हल्के फाइटर जेट खरीदने में दिलचस्पी जता चुका है. हाल ही में प्रधानमंत्री मोदी ने पिछले साल मिस्र की यात्रा की थी.
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