इंसान का चंद्रमा पर बसने का टूटेगा सपना, पृथ्वी पर फंसे रहेंगे, अंतरिक्ष में नहीं बचा स्पेस, एक्सपर्ट का चौंकाने वाला खुलासा

अंतरिक्ष स्थिति जागरूकता में विशेषज्ञता रखने वाली संस्था दिगंतारा के सीइओ अनिरुद्ध शर्मा ने चेतावनी दी कि अंतरिक्ष कबाड़ की समस्या वास्तविक जीवन के स्टार वार्स की तरह ही विस्फोटक होगी. उन्होंने कहा, "हाल के दिनों में राज्यों के बीच संघर्ष की संभावना बहुत तेजी से बढ़ी है.

A.I
Mayank Tiwari

मनुष्य का भविष्य अंतरिक्ष में बसने का है, लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि बढ़ते स्पेस जंक और उपग्रहों की संख्या के कारण पृथ्वी के पास का अंतरिक्ष (लो अर्थ ऑर्बिट) अब मानव यात्रा के लिए अनुपयुक्त हो सकता है. अगर देशों और कंपनियों ने मिलकर अंतरिक्ष डेटा साझा नहीं किया, तो यह भविष्य की अंतरिक्ष अन्वेषण योजनाओं के लिए एक बड़ा संकट बन सकता है. खास तौर पर पृथ्वी से 500 से 560 मील की ऊंचाई पर, अंतरिक्ष अन्वेषण को रोक सकता है.

 इससे 240,000 मील दूर चंद्रमा पर बेस बनाने की योजना और 2050 तक 140 मील दूर मंगल ग्रह पर दस लाख लोगों को बसाने की अमेरिकी अरबपति एलन मस्क की कोशिशें धरी की धरी रह जाएंगी. इस बीच सुरक्षा एक्सपर्ट स्लिंगशॉट एयरोस्पेस के आंकड़ों के अनुसार, 14,000 से ज़्यादा उपग्रह पृथ्वी की निचली कक्षा में चक्कर लगाते हैं.इनके अलावा, रॉकेट लॉन्च, टकराव और अंतरिक्ष यान के टूटने से 120 मिलियन मलबे के टुकड़े भी हैं, जिनमें से केवल कुछ हज़ार ही ट्रैक करने लायक बड़े हैं. 

यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी के पास स्पेसएक्स की तुलना में कम अंतरिक्ष यान

पिछले हफ़्ते तक, मस्क के स्टारलिंक नेटवर्क के पास ग्रह से 336 से 354 मील ऊपर की कक्षा में 6,764 उपग्रह थे. आंकड़ों के अनुसार, अकेले 2024 की पहली छमाही में इसे लगभग 50,000 टकराव से बचने के उपाय करने थे. यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी, जिसके पास स्पेसएक्स की तुलना में कम अंतरिक्ष यान हैं. उन्होंने कहा कि 2021 में उसके अंतरिक्ष यान ऐतिहासिक औसत एक से बढ़कर तीन या चार हो गए हैं. अगले कुछ सालों में 10 हजार और उपग्रहों को लॉन्च करने की योजना है.

स्पेस जंक और उपग्रहों का बढ़ता संकट

लियोलैब्स के आंकड़ों से पता चला है कि 500 ​​मील की उच्च कक्षा में कम उपग्रह हैं, लेकिन 3,114 वस्तुएं हैं जिनमें परिचालन और गैर-परिचालन पेलोड, रॉकेट निकाय और टुकड़े शामिल हैं, जो पृथ्वी की निचली कक्षा में वस्तुओं के कुल द्रव्यमान का 20% बनाते हैं और महत्वपूर्ण टकराव का खतरा पैदा करते हैं. लगभग 3,500 मृत उपग्रह तब तक कक्षा में बने रहते हैं जब तक कि वे सालों बाद पृथ्वी के वायुमंडल में गिरकर जल नहीं जाते या 22,000 मील दूर "कब्रिस्तान कक्षा" में नहीं चले जाते.

अंतरिक्ष सुरक्षा के लिए साझा डेटा की जरूरत

यूनाइटेड नेशंस के बाहरी अंतरिक्ष मामलों की निदेशक, आर्टी होला-माइनी ने कहा, "हमें अंतरिक्ष यातायात समन्वय के लिए तत्काल कार्रवाई करने की जरूरत है. ऐसे में बहुत सारी वस्तुएं अंतरिक्ष में भेजी जा रही हैं. हमें इसे सुरक्षित रखने के लिए सभी प्रयास करने होंगे. उन्होंने यह भी कहा कि अंतरिक्ष में किसी भी प्रकार के टकराव से बचने के लिए सार्वजनिक और निजी ऑपरेटरों के बीच डेटा शेयर करना अत्यंत महत्वपूर्ण है.

स्पेस जंक से जुड़े अंतर्राष्ट्रीय नियमों की जरूरत

विशेषज्ञों ने यह भी बताया कि अंतरिक्ष यातायात को नियंत्रित करने के लिए अंतर्राष्ट्रीय नागरिक विमानन संगठन (ICAO) की तरह अंतरिक्ष में भी नियमों की आवश्यकता है. अगर इस पर तुरंत कदम नहीं उठाए गए तो अंतरिक्ष में टकराव और झगड़े बढ़ सकते हैं, जो अंतरिक्ष अन्वेषण को बाधित कर सकते हैं.

क्या है समाधान?

अंतरिक्ष में बढ़ते इस संकट को रोकने के लिए, देशों और कंपनियों के बीच डेटा साझा करना जरूरी होगा. इसके साथ ही, भविष्य में होने वाले सभी अंतरिक्ष मिशनों के लिए एक केंद्रीय जानकारी प्रणाली का निर्माण भी आवश्यक है. यदि इस दिशा में त्वरित कदम नहीं उठाए गए, तो जल्द ही हम अंतरिक्ष में 'स्टार वार्स' जैसी स्थिति देख सकते हैं.