menu-icon
India Daily

ट्रंप के सामने झुकने को तैयार नहीं ईरान, युद्ध के बेहद करीब आए US और तेहरान, पूर्व ब्रिटिश राजदूत ने डाली भयंकर चेतावनी

Iran America Relation: अमेरिका के राष्ट्रपति ट्रंप ने यह भी बताया कि अगर ईरान ने अमेरिकी अधिकारियों की हत्या का प्रयास किया, तो इसका परिणाम बहुत गंभीर होगा. उन्होंने कहा, "मैंने आदेश दे दिए हैं, अगर वे ऐसा करते हैं, तो उन्हें पूरी तरह से नष्ट कर दिया जाएगा."

auth-image
Edited By: Gyanendra Tiwari
EX British ambassador says US and Iran has never been closer Tehran would not back down to Trump
Courtesy: Social Media

Iran America Relation: अमेरिका और ईरान के बीच युद्धस्तर पर खींचा तानी चल रही है. दोनों के बीच बहुत गहरी खाई है लेकिन दोनों एक दूसरे के खिलाफ आग उगलने के लिए तैयार हैं. ईरान किसी भी कीमत पर अमेरिका के सामने झुकने को तैयार नहीं है. ब्रिटेन के पूर्व राजदूत, सर रिचर्ड डॉल्टन ने इस स्थिति को 'सबसे खतरनाक' बताया है. उनका कहना है कि इस समय ईरान और अमेरिका के बीच युद्ध का खतरा बहुत बढ़ चुका है.

बीबीसी न्यूजनाइट में दिए गए इंटरव्यू में सर रिचर्ड डॉल्टन ने कहा, "अमेरिका और इजराइल का एक तरफ और ईरान का दूसरी तरफ खड़ा होना, युद्ध का खतरा पहले से कहीं अधिक बढ़ चुका है." उनका कहना था कि ईरान किसी भी तरह की हार मानने के लिए तैयार नहीं है. वे अमेरिका से सीधी बातचीत में नहीं उलझना चाहते, क्योंकि उनका मानना है कि ट्रंप की टीम का मुख्य उद्देश्य उन्हें जल्दी से आत्मसमर्पण करने पर मजबूर करना है.

युद्ध की स्थिति में ईरान की प्रतिक्रिया

सर रिचर्ड ने चेतावनी दी कि अगर अमेरिका ने ईरान की प्रतिशोध की क्षमता को नजरअंदाज किया, तो यह एक बड़ी गलती होगी. उनका कहना है कि ईरान मिसाइल और ड्रोन के जरिए अमेरिकी ठिकानों पर हमले कर सकता है, जिससे खाड़ी क्षेत्र में तेल आपूर्ति में भारी व्यवधान उत्पन्न हो सकता है और यह संघर्ष लंबे समय तक चल सकता है.

रूस की चेतावनी

रूस ने भी इस स्थिति पर चिंता जताई है. रूस के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता, मारिया जाखारोवा ने कहा कि ईरान के परमाणु ठिकानों पर हमले की धमकियां वैश्विक स्तर पर एक अपरिवर्तनीय आपदा का कारण बन सकती हैं. उन्होंने कहा, "ईरान के खिलाफ सैन्य बल का इस्तेमाल पूरी तरह से अवैध और अस्वीकार्य है."

ट्रंप और नेतन्याहू की बातचीत

वहीं, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि अमेरिका ईरान के साथ सीधी बातचीत करेगा. ट्रंप ने स्पष्ट किया कि ईरान के पास परमाणु हथियार होने की स्थिति में यह पूरे क्षेत्र के लिए खतरनाक होगा. ट्रंप का कहना था, "अगर बातचीत सफल नहीं होती, तो ईरान को बड़े खतरे का सामना करना पड़ेगा."

इसी बीच, इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने ट्रंप से व्हाइट हाउस में मुलाकात की. नेतन्याहू का मानना है कि वह ईरान के परमाणु कार्यक्रम पर हमला करने में सक्षम हैं, लेकिन अमेरिकी समर्थन के साथ यह और भी प्रभावी हो सकता है.

ईरान का प्रतिरोध और युद्ध की संभावना

ईरान का सर्वोच्च नेता आयतुल्लाह अली खामेनेई ने सीधी बातचीत से इंकार कर दिया है. ईरान ने ओमान के माध्यम से अप्रत्यक्ष बातचीत की इच्छा जताई है, ताकि यह देखा जा सके कि क्या अमेरिका किसी राजनीतिक समाधान के प्रति गंभीर है या नहीं. इसके बाद से क्षेत्र में तनाव और बढ़ गया है.

ईरान ने अपने सैन्य बलों को पूरी तरह से अलर्ट कर दिया है और किसी भी अमेरिकी हमले के खिलाफ पूरी तैयारी कर ली है. इसके साथ ही ईरान ने इराक, कुवैत, यूएई, कतर, तुर्की और बहरीन को चेतावनी दी है कि अगर उन्होंने अमेरिका का समर्थन किया तो इसे शत्रुतापूर्ण कार्य माना जाएगा.