इजरायल और हमास के बीच जारी जंग हर रात गाजा और रफाह में कमायत लेकर आ रही है. हर दिन मासूम लोगों की जान जा रही है. इजरायली सेना के हमलों से गाजा पट्टी खंडहर बन गया है. पिछले 24 घंटों में कम से कम 82 फिलिस्तीनी मारे गए हैं, जो लगातार इजरायली हवाई हमलों के दौरान कई हफ्तों में एक दिन में मरने वालों की सबसे अधिक संख्या है.
हर दिन हो रहे हमलों से रफा में दहशत फैली हुई है. 450,000 से अधिक फ़िलिस्तीनी अब रफ़ा शहर से भाग गए हैं और अन्य 100,000 उत्तर को खाली कर रहे हैं. इज़राइल की सेना ने नए हमले शुरू कर दिए हैं. 7 अक्टूबर से गाजा पर इजरायली हमलों में कम से कम 35,173 लोग मारे गए हैं और 79,061 घायल हुए हैं. हमास के 7 अक्टूबर के हमलों में इजरायल में मरने वालों की संख्या 1,139 है, जबकि दर्जनों लोग अभी भी बंदी बनाए गए हैं.
युद्ध के 7 महीने बाद अब फिलिस्तीन के कई इलाकों को इजराइली सेना ने खाली कर दिया है. लेकिन, युद्धकाल ने शहरों को बदल दिया है. गाजा में सारी इमारतें ध्वस्त हो गई हैं. लोग सड़कों और राहत कैंप में रहने को मजबूर है. शहर के चारों तरफ मलवा दिखाई दे रहा है.
इस बीच इजरायलियों ने गाजा के लिए भेजी जाने वाली सहायता रोक दी है. डिलीवरी ट्रक जला दिए गए और खाद्य सामग्री को नष्ट कर दी गई. इज़रायली प्रदर्शनकारियों ने कब्जे वाले वेस्ट बैंक में गाजा के लिए भेजे गए सहायता ट्रकों को रोक दिया है, भोजन के पैकेज सड़क पर फेंक दिए हैं और अनाज के बैग खोल दिए हैं. व्हाइट हाउस ने हमलों की निंदा की है और इस मुद्दे को इजरायली सरकार के साथ उठाया है.
युद्धविराम को लेकर प्रदर्शन
अमेरिका समेत कई देशों में इजरायल-हमास युद्ध के खिलाफ विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं. गाजा में नरसंहार रोकने और युद्धविराम के लिए अमेरिका समेत पूरे यूरोप में लगातार प्रदर्शन हो रहे हैं. इसकी आग यूनिवर्सिटी में भी देखी जा रही है. नीदरलैंड्स के एम्सटर्डम यूनिवर्सिटी में कुछ ऐसा ही सोमवार को देखने को मिला.