Elon Musk Support India United Nations Security Council Permanent Membership: अरबपति टेक दिग्गज और टेस्ला के सीईओ एलन मस्क ने खुलकर भारत का समर्थन किया है. उन्होंने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) के स्थायी सदस्य के रूप में भारत की अनुपस्थिति को बेतुका बताया है. मस्क ने कहा है कि UNSC की वर्तमान संरचना दुनिया के सबसे ज्यादा आबादी वाले देशों का पर्याप्त रूप से प्रतिनिधित्व नहीं करती है. मस्क ने सोशल मीडिया प्लेट फॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि कुछ बिंदु पर संयुक्त राष्ट्र निकायों में संशोधन की जरूरत है. उन्होंने कहा कि समस्या यह है कि जिनके पास ज्यादा शक्ति है वो अपनी ताकत को छोड़ना नहीं चाहते हैं. पृथ्वी पर सबसे ज्यादा आबादी वाला देश होने के बावजूद भारत को सुरक्षा परिषद में स्थायी सीट नहीं मिलना बेतुका है.
एलन मस्क ने इस बात की भी वकालत की कि अफ्रीका को सामूहिक रूप से संयुक्त राष्ट्र के शीर्ष निकाय में स्थायी सदस्यता मिलनी चाहिए. बताया जाता है कि भारत वर्षों से यूएनएससी में स्थायी सीट के लिए प्रयास कर रहा है, लेकिन स्थायी सीट सुरक्षित करने की उसकी कोशिशों को विरोध का सामना करना पड़ा है. इस विरोध में मुख्य रूप से चीन शामिल है. चीन ने भारत के समावेश को रोकने के लिए अपनी वीटो पावर का इस्तेमाल किया है. इसके बावजूद संयुक्त राज्य अमेरिका और फ्रांस समेत अन्य स्थायी सदस्यों ने भारत की उम्मीदवारी का समर्थन किया है.
यूएनएससी वर्तमान में पांच स्थायी सदस्यों को मान्यता देता है, जिन्हें अक्सर पी5 के रूप में जाना जाता है. ये देश संयुक्त राज्य अमेरिका, यूनाइटेड किंगडम, फ्रांस, रूस और चीन हैं. इन राष्ट्रों के पास महत्वपूर्ण शक्तियां हैं, जिनमें प्रस्तावों को वीटो करने की क्षमता भी शामिल है. दो साल के कार्यकाल के लिए चुने गए गैर-स्थायी सदस्य, परिषद के एजेंडे में योगदान करते हैं, लेकिन उनके पास अपने स्थायी समकक्षों की वीटो शक्ति का अभाव होता है.
हाल ही में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की तुलना सदस्यों के एक समूह के साथ पुराने क्लब से की, जो अपनी पकड़ ढीली नहीं होने देना चाहते हैं. अपनी कार्यप्रणाली पर सवाल उठाने के इच्छुक नहीं हैं. उन्होंने यूएनएससी में भारत की स्थायी सीट के लिए बढ़ते वैश्विक समर्थन को भी रेखांकित किया. सितंबर 2023 में एस जयशंकर ने सुधार के लिए संयुक्त राष्ट्र के प्रतिरोध के बारे में चिंता व्यक्त की थी. इसे अनक्रोनिस्टिक कहा और सुझाव दिया कि लोग कहीं और समाधान तलाश सकते हैं. उन्होंने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के अपरिवर्तित स्थायी सदस्यों की आलोचना की.
प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने भी संयुक्त राष्ट्र की स्थापना के बाद से दुनिया में महत्वपूर्ण परिवर्तनों को ध्यान में रखते हुए संयुक्त राष्ट्र में सुधार की आवश्यकता बताई थी. उन्होंने कहा था कि जब संयुक्त राष्ट्र की स्थापना हुई थी, तो दुनिया पूरी तरह से अलग थी. संयुक्त राष्ट्र में अब लगभग 200 सदस्य देश होने के बावजूद भारत स्थायी सदस्य नहीं है.