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'फ्रीडम ऑफ स्पीच का सपोर्टर लेकिन...', TikTok के अमेरिका में बैन होने के बाद मस्क ने चीन को धोया

चीन में एक्स और अन्य प्रमुख सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स को प्रतिबंधित कर दिया गया है. इसकी जगह चीनी सरकार अपने देशी प्लेटफॉर्म्स जैसे वीबो और वीचैट को प्राथमिकता देती है. वहीं, अमेरिका में चीनी प्लेटफॉर्म टिकटॉक को स्वतंत्र रूप से काम करने दिया जा रहा है.

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Edited By: Sagar Bhardwaj
Elon Musk reacts to TikTok  ban in America

प्रसिद्ध उद्यमी और एक्स के मालिक एलन मस्क ने हाल ही में चीन में एक्स पर लगे बैन और अमेरिका में टिकटॉक के खुले संचालन पर असंतोष जाहिर किया. मस्क ने इस असंतुलन को 'अनुचित' करार देते हुए इसे बदलने की जरूरत बताई.

टिकटॉक बैन के खिलाफ मस्क का रुख

एलन मस्क ने टिकटॉक पर अमेरिका में संभावित बैन के खिलाफ अपनी राय व्यक्त करते हुए कहा कि ऐसा कदम "अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता" के खिलाफ होगा. उन्होंने कहा, "मैं लंबे समय से टिकटॉक बैन का विरोध कर रहा हूं, क्योंकि यह बोलने की आजादी के खिलाफ है."

मस्क ने आगे कहा अमेरिका ऐसा देश है जो अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का समर्थन करता है, और टिकटॉक को बैन करना इस सिद्धांत के खिलाफ होगा, भले ही इससे उनकी खुद की कंपनी एक्स को लाभ हो सकता है.

 

एक्स पर बैन के लिए चीन को धोया
मस्क ने अमेरिका और चीन के बीच डिजिटल प्लेटफॉर्म्स की असमानता पर भी सवाल उठाया. उन्होंने चीन में एक्स को प्रतिबंधित किए जाने और अमेरिका में टिकटॉक के संचालन की अनुमति दिए जाने पर कड़ी आपत्ति जताई.

उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा, "फिलहाल जो स्थिति है, जहां टिकटॉक को अमेरिका में काम करने की अनुमति है, लेकिन एक्स को चीन में नहीं, वह असंतुलित है. इसे बदलने की जरूरत है."

चीन में एक्स पर प्रतिबंध क्यों?
चीन में एक्स और अन्य प्रमुख सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स को प्रतिबंधित कर दिया गया है. इसकी जगह चीनी सरकार अपने देशी प्लेटफॉर्म्स जैसे वीबो और वीचैट को प्राथमिकता देती है. वहीं, अमेरिका में चीनी प्लेटफॉर्म टिकटॉक को स्वतंत्र रूप से काम करने दिया जा रहा है.

इस नीति पर सवाल उठाते हुए मस्क ने इसे एकतरफा और अनुचित बताया. उनका कहना है कि अगर किसी देश को दूसरे के डिजिटल प्लेटफॉर्म्स से लाभ होता है, तो समान स्तर पर काम करने का अवसर सभी को मिलना चाहिए.

फ्री स्पीच का मुद्दा
एलन मस्क हमेशा से फ्री स्पीच के समर्थक रहे हैं. उनका मानना है कि किसी भी डिजिटल प्लेटफॉर्म को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की सीमाओं में रहकर काम करने देना चाहिए. उन्होंने टिकटॉक को बैन करने की बजाय, दोनों देशों के बीच डिजिटल आदान-प्रदान के लिए समान नियम लागू करने की वकालत की.